नई दिल्ली, 29 दिसंबर 2025: त्रिपुरा के रहने वाले दो नागरिकों के साथ देहरादून में हुई घटना को लेकर केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास एवं संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा से संवाद किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस कठिन घड़ी में केंद्र सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मामले की त्वरित, निष्पक्ष और कठोर जांच सुनिश्चित करने तथा दोषियों के विरुद्ध कानून के अनुसार कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके और समाज में यह स्पष्ट संदेश जाए कि ऐसे अपराध किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं हैं। सिंधिया ने अपने बयान में आगे लिखा कि उन्होंने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा को स्पष्ट किया कि इस प्रकरण में पूर्ण सहयोग और त्वरित कार्रवाई की जाएगी। केन्द्र सरकार मजबूती से त्रिपुरा प्रदेश के साथ खड़ी है। केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने लिखा कि मानव गरिमा के विरुद्ध ऐसे अपराध हमारे समाज और संविधान दोनों के मूल्यों एवं चेतना पर सीधा प्रहार हैं, जिन्हें किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
देहरादून में त्रिपुरा के लोगों के साथ क्या घटना हुई है
9 दिसंबर 2025 को देहरादून के सेलाकुई इलाके में एंजेल चकमा अपने छोटे भाई माइकल चकमा के साथ बाजार गए थे। वहां कुछ क्षेत्रवादी युवकों के एक समूह ने उन्हें क्षेत्रीयता के नाम पर उनको परेशान करना शुरू कर दिया। एंजेल ने इसका विरोध किया। इससे विवाद बढ़ा और समूह ने उन पर हमला कर दिया। हमलावरों ने चाकू, पीतल के कड़े और अन्य हथियारों से एंजेल पर वार किया, जिसमें उनकी गर्दन, सिर और पीठ पर गंभीर चोटें आईं। एंजेल को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 17 दिनों तक इलाज चला, लेकिन 26 दिसंबर 2025 को उनकी मौत हो गई।
इस मामले में देहरादून पुलिस ने क्या किया
पुलिस ने मामले में 6 आरोपियों की पहचान की। इनमें से दो नाबालिग सहित 5 को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि मुख्य आरोपी फरार है और उसके लिए 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। वह मूल रूप से नेपाली नागरिक है। मामले में हत्या की धारा जोड़ी गई है। CCTV फुटेज से आरोपियों की पहचान हुई।उत्तराखंड CM पुष्कर सिंह धामी ने घटना की निंदा की और सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। त्रिपुरा CM माणिक साहा से बात कर फरार आरोपी की जल्द गिरफ्तारी का वादा किया है।
अब क्या स्थिति है
देहरादून पुलिस ने इसे एक सामान्य झगड़ा बताया। इसके बाद देहरादून की पुलिस और उत्तराखंड की सरकार का विरोध शुरू हो गया है। पूर्वोत्तर राज्यों के नागरिक देहरादून पुलिस के रवैया से नाराज है। विरोध प्रदर्शन और कैंडल मार्च इत्यादि निकल जा रहे हैं। मांग की जा रही है कि जिस प्रकार भारत में जातिवाद के खिलाफ कठोर कानून है ठीक उसी प्रकार क्षेत्रवाद के खिलाफ भी कठोर कानून होना चाहिए। राहुल गांधी, कपिल सिब्बल, शशि थरूर जैसे विपक्षी नेताओं ने इसे "नफरत का अपराध" बताया और इस तरह के माहौल के लिए BJP संगठन और उसकी विचारधारा को जिम्मेदार बताया।
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