मुंबई, 29 दिसंबर 2025: Multi Commodity Exchange of India Limited में आज अचानक चांदी की कीमत में तेजी से गिरावट दर्ज की गई। 1 किलो चांदी ₹21500 सस्ती हो गई। यह एक दिन में 8.46% की गिरावट है। इस न्यूज़ में जानिए की मार्केट के Experts का इस मूल्य गिरावट में क्या कहना है और वह चांदी का भविष्य किस प्रकार देखते हैं।
आज चांदी की कीमत में उतार चढ़ाव के आंकड़े
आज दिनांक 29 दिसंबर 2025 दिन सोमवार को सप्ताह का पहला मार्केट खुलते ही चांदी में अचानक तेजी आई और कीमत 2,54,174 रुपए प्रति किलोग्राम के ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुचं गई। लेकिन 1 बजे के आसपास इसमें तेजी से गिरावट (silver price crash) आई और 2.34 लाख के आसपास कारोबार बंद हुआ। यानी चांदी में 21,500 रुपए से ज्यादा की गिरावट आई। इस प्रकार चांदी की कीमत में 8.46% की गिरावट दर्ज की गई।
चांदी की कीमत में अचानक गिरावट को लेकर एक्सपट्र्स के बयान पढ़िए
भारत के सबसे बड़े कमोडिटी डेरिवेटिव्स एक्सचेंज में MCX पर आई इस तेज गिरावट को बड़े स्तर पर शुरू हुई प्रॉफिट बुकिंग का एक हिस्सा माना जा रहा है। रिलायंस सिक्योरिटीज (Reliance Securities) के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी कहते हैं कि, "ट्रेंड अब भी पॉजिटिव है, लेकिन उतार-चढ़ाव तेज रहेगा। 2.40 लाख चांदी के लिए नजदीकी सपोर्ट है।"
वहीं अमेरिकी फर्म BTIG ने चेतावनी देता है कि कीमती धातुएं पैराबॉलिक हो चुकी हैं। इसका मतलब हुआ कि, सोना, चांदी जैसी precious metals (कीमती धातुओं) की कीमतें बहुत तेजी से और लगभग लंबवत (vertically) ऊपर चढ़ रही हैं, जिससे प्राइस चार्ट पर एक पैराबोला (parabola) जैसी आकृति बन रही है। फर्म का कहना है कि, "ऐसी तेजी आमतौर पर समय लेकर नहीं, बल्कि तेज डाउनसाइड रिएक्शन के साथ खत्म होती है।" टेक्निकल चार्ट पर चांदी 200-DMA से करीब 89% ऊपर थी। बुलियन मार्केट का इतिहास बताता है कि ऐसी स्थिति में आगे के हफ्तों में कीमतें अक्सर नीचे आती हैं।
1987 में भी ऐसा ही हुआ था
BTIG के एनालिस्ट जोनाथन क्रिन्स्की (Jonathan Krinsky) ने 1987 का उदाहरण देते हुए कहा कि जब-जब चांदी ने मल्टी-मंथ हाई पर 10% की एक दिन की छलांग लगाई, उसके बाद 25% तक की गिरावट भी देखी गई। ICICI Prudential Mutual Fund के CIO (फिक्स्ड इनकम) मनीष बंथिया भी मानते हैं कि, "इतनी शानदार रैलियां अक्सर नरमी से नहीं, झटके से ठंडी पड़ती हैं।"
हालांकि कहानी यहीं खत्म नहीं होती। केडिया एडवाइजरी के मुताबिक, गिरावट के बाद चांदी ने 80 डॉलर के आसपास तेज रिबाउंड भी दिखाया। जिओ पॉलिटिक्स और कीमतों में कटौती की उम्मीदें अब भी कीमतों को सहारा दे रही हैं। लंबी अवधि में सप्लाई की कमी, कम इन्वेंट्री और औद्योगिक मांग के चलते ट्रेंड मजबूत है। लेकिन फिलहाल, तेज उतार-चढ़ाव ही नई हकीकत है।
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