भोपाल, 26 दिसंबर 2025: यह कोई इत्तेफाक नहीं बल्कि डकैतों का शक्ति प्रदर्शन लगता है। 23-24 दिसंबर को IG ने राजगढ़ का दौरा किया। SP अमित तोलानी ने चाक-चौबंद पुलिस का दावा किया और कुछ ही घंटे बाद 24 दिसंबर की रात को डकैतों ने राजगढ़ शहर में घुसकर, सराफा बाजार जैसे हाई सिक्योरिटी इलाके में डकैती डाल दी। इस प्रकार उन्होंने राजगढ़ के पुलिस अधीक्षक की पोल खोल कर रख दी। खुलासा हो गया कि राजगढ़ में नाइट के समय ना तो अपने पॉइंट पर होती है और ना ही पेट्रोलिंग करती है। हां दिन के समय ट्रैफिक चालान जरूर पूरी मुस्तादी से काटती है।
पहला टारगेट: सराफा कारोबारी राजेंद्र विजयवर्गीय
डकैतों ने सबसे पहले सराफा कारोबारी राजेंद्र विजयवर्गीय की दुकान को निशाना बनाया। वे दुकान का ताला तोड़कर अंदर घुसे। पहचान छिपाने के लिए उन्होंने दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ दिए। श्री विजयवर्गीय ने पुलिस को लिखवाई रिपोर्ट में बताया कि, करीब 1 किलो चांदी, 3 तोला सोना और 3 लाख रुपए कैश चोरी कर लिया।
नीचे दुकान ऊपर परिवार फिर भी डकैती
इसके बाद पास ही स्थित सचिन सोनी की दुकान श्री बागेश्वर ज्वेलर्स का ताला तोड़ा। यहां अलमारी तोड़कर 32 हजार कैश, 200 ग्राम चांदी और औजार ले गए। हैरानी की बात यह है कि दुकानों के ऊपर परिवार रहते हैं, फिर भी डकैत बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम देते रहे।
पुलिस पर भरोसा नहीं खुद दुकान की रक्षा करते हैं
75 साल के गोपालचंद सोनी को पुलिस पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। वह खुद अपनी दुकान में सोते हैं, ताकि अपने सराफा की रक्षा कर सकें। उनकी सतर्कता काम आ गई। दो दुकानों में डकैती डालने के बाद बदमाश गोपालचंद सोनी (75) की दुकान पर पहुंचे। गोपालचंद दुकान के अंदर ही सो रहे थे। शटर की आवाज सुनकर वे जाग गए और शोर मचाया। इस पर बदमाशों ने बाहर से ही शटर के नीचे से लोहे का सब्बल अंदर घुसा दिया, जो बुजुर्ग के पैर में लगा। खतरा भांपते ही गोपालचंद ने अंदर से दूसरा ताला जड़ दिया और जोर-जोर से चिल्लाने लगे। इससे बदमाश अंदर नहीं घुस पाए। इस प्रकार 75 साल के बुजुर्ग ने अपनी जान और माल की रक्षा स्वयं की। जबकि इसके लिए वह सरकार को टैक्स भी देते हैं।
बेखौफ डकैत आराम से घूम रहे थे
पुलिस नहीं आई, पब्लिक ने घेराबंदी की
लक्ष्मीकांत मंदिर में रहने वाले पंडित नरसिंह लाल लश्करी (75) ने बताया कि खटपट सुनकर वे बाहर आए तो दो बदमाशों ने उन्हें धमकाते हुए अंदर रहने को कहा। उन्होंने लाइट भी नहीं जलाई लेकिन मोबाइल फोन करके सब कुछ सतर्क कर दिया। वहीं, हार्डवेयर व्यापारी मुर्तजा अली पर भी बदमाशों ने गुलेल से हमला किया। भारतीय स्टेट बैंक और सराफा बाजार किसी भी शहर की पुलिस के लिए सबसे इंपॉर्टेंट पॉइंट होता है। इतना शोर हुआ लेकिन ना तो पुलिस अपने पॉइंट पर थी और ना ही पेट्रोलिंग पर। पब्लिक ने खुद डकैतों का मुकाबला करने का फैसला किया। यह देखकर बदमाश बांसवाड़ा क्षेत्र की ओर भागे। भागते समय उन्होंने एक बाइक चोरी कर ली।
निहत्थे तीन युवाओं ने हथियारबंदी डकैतों का मुकाबला किया
अमित मेवाड़े, कमल मेवाड़े और एक अन्य युवक ने उनका पीछा किया। खुद को घिरता देख बदमाशों ने उन पर पिस्तौल से फायर कर दिया और गुलेल से पत्थर चलाए। गुलेल का पत्थर लगने से कमल मेवाड़े की आंख फूट गई, जबकि अमित की पीठ में चोट आई है। अमित ने एक बदमाश को रॉड मारकर गिरा भी दिया था, लेकिन साथी बदमाश ने फायर कर उसे बचा लिया। बाद में सभी श्मशान के पास खड़ी अपनी बाइकों से हाईवे की तरफ भाग निकले।
दुकान में डकैती का सदमा, व्यापारी को हार्ट अटैक, मौत
श्री बागेश्वर ज्वेलर्स के मालिक सचिन सोनी के पिता सुंदर लाल सोनी (65) दुकान में चोरी की खबर सुनकर सदमे में आ गए। उनको हार्ट अटैक आ गया, परिजन राजगढ़ जिला अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सचिन सोनी ने कहा- पापा सुबह से ही दुकान आ गए थे। मैंने उन्हें कहा भी कि अपना ज्यादा सामान चोरी नहीं हुआ है लेकिन वो टेंशन ले रहे थे। दोपहर करीब सवा 3 बजे वे दुकान के सामने ही खड़े-खड़े गिर गए। उन्हें अस्पताल लेकर गए, जहां मृत घोषित कर दिया गया।
पुलिस होती तो डकैत पकड़े जाते
पब्लिक का कहना है कि यदि सही समय पर पुलिस का सपोर्ट मिल जाता तो डकैतों को रंगे हाथों पकड़ा जा सकता था। हमने उनको चारों तरफ से घेर लिया था। वह प्रेशर में आ गए थे और घबराकर भाग रहे थे। पर केवल इतना था कि उनकी फायरिंग का हम जवाब नहीं दे पा रहे थे। यदि पुलिस होती तो फायरिंग के बदले फायरिंग करती। डकैतों का एनकाउंटर किया जा सकता था। लेकिन सच यह है कि पुलिस नहीं थी।
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