छिंदवाड़ा, 18 दिसंबर 2025: लाड़ली लक्ष्मी योजना और लाडली बहना योजना के बावजूद मध्य प्रदेश में नवजात कन्या शिशुओं की हत्या के मामले बढ़ रहे हैं। परासिया में तो दरिंदगी की हदें पार हो गई। यहां टॉयलेट की कमोड में एक जिंदा नवजात कन्या को डालकर फ्लश कर दिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उसकी मौत पानी में डूबने के कारण हुई। यह सब कुछ परासिया के सरकारी सिविल अस्पताल में हुआ।
एक महिला संदिग्ध जिसकी पहचान नहीं हो पाई
डॉक्टरों के अनुसार बच्ची के फेफड़ों और पेट में पानी भरा हुआ मिला है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि कमोड में गिरने से पहले बच्ची की सांसें चल रही थीं। बच्ची की गर्भनाल भी उसके शरीर से जुड़ी हुई थी। घटना वाले दिन ओपीडी में कुल 15 गर्भवती महिलाएं जांच के लिए आई थीं। पुलिस ने इनमें से 14 महिलाओं की पहचान कर ली है, जबकि एक महिला संदिग्ध है, जिसकी पहचान अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। पुलिस अस्पताल परिसर में लगे 26 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाल रही है। हालांकि जिस शौचालय में यह घटना हुई, उसके बाहर या आसपास कोई कैमरा नहीं लगा था। गैलरी और एंट्री गेट के कैमरों के फुटेज के आधार पर संदिग्ध महिला और उसके साथ आए लोगों की पहचान की जा रही है।
शौचालय में बच्ची को जन्म दिया और फ्लश कर दिया
आशंका जताई जा रही है कि इसी महिला ने शौचालय में बच्ची को जन्म दिया और सबूत मिटाने के लिए उसे कमोड में फ्लश कर वहां से फरार हो गई। बताया गया कि कमोड में नवजात का सिर और हाथ फंसा हुआ था। पुलिस, अस्पताल स्टाफ और नगर पालिका के कर्मचारियों ने करीब सात घंटे की मशक्कत के बाद कमोड को तोड़कर शव को बाहर निकाला।
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