भोपाल, 18 दिसंबर 2025: स्वयं को भोपाल का टॉप क्लास बिल्डर बताने वाले CRYSTAL H BUILDERS पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 5 लाख 35 हजार का जुर्माना लगाया है जो बढ़ाया भी जा सकता है। यह जुर्माना CRYSTAL H BUILDERS द्वारा कोलार क्षेत्र में बनाई गई सिंगापुर सिटी कॉलोनी के अंदर बह रहे सीवेज के कारण लगाया गया है। शिकायत एवं निर्देश के बाद भी बिल्डर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) को ठीक करने के लिए तैयार नहीं था।
NGT ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को ठीक करने सिर्फ दो हफ्ते का टाइम दिया है
सिंगापुर सिटी कोलार कॉलोनी निवासी डॉक्टर अभिषेक परसाई ने इस मामले में संघर्ष करने का फैसला लिया और इसकी शिकायत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में दर्ज करा दी। ट्रिब्यूनल ने मामले की सुनवाई की और बिल्डर को दोषी ठहराया। NGT ने बिल्डर पर 5 लाख 35 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है। साथ ही, STP को पूरी तरह दुरुस्त करने के लिए महज 2 हफ्ते का समय दिया गया है। ट्रिब्यूनल ने सख्त चेतावनी भी दी कि अगर भविष्य में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन हुआ तो और ज्यादा भारी पेनल्टी लगाई जाएगी।
शिकायतकर्ता डॉक्टर अभिषेक परसाई का बयान
लंबे समय से ये सीवेज की बदबू और गंदगी से कॉलोनीवासी परेशान थे, बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर भी असर पड़ रहा था। अब इस फैसले से राहत की उम्मीद जगी है।
ये कार्रवाई पर्यावरण संरक्षण के लिए एक मजबूत मैसेज है, खासकर भोपाल जैसे शहर में जहां ऐसी गड़बड़ियां आम हो रही हैं। अब प्रशासन और ट्रिब्यूनल की नजर इन मामलों पर और सतर्क रहेगी।
NGT कोई कोताही नहीं बरत रहा
इस तरह की समस्याएं भोपाल में पहले भी देखी गई हैं। मिसाल के तौर पर, NGT ने शहर की झीलों और तालाबों में अनट्रीटेड सीवेज डालने पर भोपाल म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन पर करोड़ों का जुर्माना लगाया था। हाल ही में भी चंबल नदी और अन्य वॉटर बॉडीज में पॉल्यूशन को लेकर सख्त निर्देश दिए गए हैं। ये दिखाता है कि पर्यावरण की रक्षा के लिए ट्रिब्यूनल कोई कोताही नहीं बरत रहा। उम्मीद है कि बिल्डर्स अब नियमों का पालन करेंगे ताकि रहवासियों को ऐसी परेशानी न झेलनी पड़े।
CRYSTAL H BUILDERS, Bhopal की शिकायत और विवाद
भोपाल में स्थित Crystal H Builders (क्रिस्टल एच बिल्डर्स) के खिलाफ मुख्य रूप से निर्माण में देरी, कब्जा (Possession) न देने और निर्माण की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें और कानूनी विवाद सामने आए हैं। विभिन्न उपभोक्ता मंचों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर मुख्य विवाद नीचे दिए गए हैं:
1. Consumer Court Cases
कब्जा न मिलना: कई ग्राहकों ने राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (MP State Consumer Disputes Redressal Commission) में शिकायत दर्ज कराई है। उदाहरण के लिए, पुष्पेंद्र के. गुप्ता बनाम मेसर्स क्रिस्टल एच बिल्डर्स (2023) के मामले में बुकिंग के बाद भी समय पर घर न मिलने का विवाद सामने आया था।
प्रोजेक्ट का हस्तांतरण: शिखा भट्टाचार्य बनाम क्रिस्टल होमकोन (2022) के एक मामले में यह पाया गया कि बिल्डर ने जिस जमीन पर फ्लैट बुक किया था, वहां किसी अन्य डेवलपर (जैसे विवा होम्स) का बोर्ड लगा था। ग्राहकों ने आरोप लगाया कि बिल्डर के पास प्रोजेक्ट विकसित करने के उचित अधिकार नहीं थे और भुगतान के बावजूद उन्हें घर नहीं मिला।
2. Construction Quality
सीपेज और खराब फिनिशिंग: Justdial और MouthShut जैसे प्लेटफार्मों पर ग्राहकों ने Crystal Ideal City (Awadhpuri) प्रोजेक्ट के बारे में शिकायत की है कि निर्माण की गुणवत्ता बहुत खराब है। निवासियों ने घरों में सीपेज (पानी का रिसाव) और घटिया सामग्री के उपयोग के आरोप लगाए हैं।
सुविधाओं का अभाव: कई ग्राहकों ने शिकायत की है कि बिल्डर ने वादे के मुताबिक पार्क, गार्डन और अन्य सुविधाएं समय पर उपलब्ध नहीं कराईं।
3. कानूनी और प्रशासनिक स्थिति
RERA की स्थिति: बिल्डर के प्रोजेक्ट्स (जैसे Crystal Smart City) मध्य प्रदेश रेरा (RERA) के तहत पंजीकृत हैं, जिसका मतलब है कि खरीदार किसी भी विवाद की स्थिति में सीधे MP RERA में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
प्रोफेशनलिज्म की कमी: ऑनलाइन रिव्यूज में अक्सर मैनेजमेंट के प्रति असंतोष देखा गया है, जहां ग्राहकों ने इसे "Unprofessional" बताया है।
निष्कर्ष और सलाह
यदि आप इस बिल्डर के किसी प्रोजेक्ट में निवेश की सोच रहे हैं, तो MP RERA पोर्टल पर प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति और पिछले आदेशों की जांच करें। पुराने प्रोजेक्ट साइट पर जाकर वर्तमान निवासियों से फीडबैक लें।
MP RERA पर प्रोजेक्ट की स्थिति
बिल्डर के प्रमुख प्रोजेक्ट्स जैसे Crystal Smart City और Crystal Ideal City के लिए RERA में कई महत्वपूर्ण विवरण दर्ज हैं। आप स्वयं भी इन चरणों का पालन करके पूरी रिपोर्ट देख सकते हैं:
- MP RERA की वेबसाइट (rera.mp.gov.in) पर जाएं।
- 'Registration' टैब में 'Projects' पर क्लिक करें।
- बिल्डर का नाम 'Crystal H Builders' डालकर सर्च करें।
Crystal H Builders कंपनी नहीं लोकल डेवलपर है
भोपाल में Crystal H Builders एक लोकल रियल एस्टेट डेवलपर है, जो मुख्य रूप से कोलार रोड और आसपास के एरियाज में प्रोजेक्ट्स बनाता है। इनके पॉपुलर प्रोजेक्ट्स में Crystal Singapore City (कोलार रोड जानकी नगर) और कभी-कभी Crystal Ideal City से लिंक किया जाता है। ये फर्म मिडिल क्लास फैमिलीज के लिए 2-3 BHK फ्लैट्स और विलाज बनाती है।
पब्लिकली उपलब्ध सोर्सेज जैसे MCA (Ministry of Corporate Affairs) डेटाबेस, Zauba Corp और अन्य रिकॉर्ड्स में "Crystal H Builders" के नाम से कोई प्राइवेट लिमिटेड कंपनी रजिस्टर्ड नहीं मिली। ज्यादातर लोकल बिल्डर्स प्रोप्राइटरशिप या पार्टनरशिप फर्म के रूप में काम करते हैं, जिसका CIN नहीं होता। ये कंपनी शायद इसी कैटेगरी में आती है, इसलिए कोई ऑफिशियल CIN या डायरेक्टर्स की लिस्ट पब्लिक डोमेन में नहीं है। हालांकि, इनके प्रोजेक्ट्स MP RERA (मध्य प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) में रजिस्टर्ड हैं। मिसाल के तौर पर:Crystal Singapore City का RERA रजिस्ट्रेशन नंबर: P-BPL-17-515 (या कुछ सोर्स में P-BPL-17-515|12/2018 mencionado)।
ये RERA डिटेल्स MP RERA की ऑफिशियल वेबसाइट पर चेक की जा सकती हैं, जहां प्रमोटर (बिल्डर) का नाम Crystal H Builders ही दिखता है।
Deepak Yadav: Crystal H Builders के मालिक
श्री दीपक यादव (Deepak Yadav) को इस ग्रुप के मुख्य चेहरे और प्रमुख संचालक के रूप में जाना जाता है। वे क्रिस्टल एच बिल्डर्स के विभिन्न प्रोजेक्ट्स (जैसे क्रिस्टल स्मार्ट सिटी, क्रिस्टल आइडियल सिटी) के प्रबंधन में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। अभ्युदयम एसोसिएट्स (Abhyudayam Associates): क्रिस्टल एच ग्रुप के अधिकांश प्रोजेक्ट्स इसी पार्टनरशिप फर्म के तहत पंजीकृत हैं। MP RERA (मध्य प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) के रिकॉर्ड्स में इनके प्रोजेक्ट्स 'Abhyudayam Associates' के नाम से दर्ज हैं।
सोर्स: NGT, MP RERA, Ministry of Corporate Affairs, एवं अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म। रिपोर्ट: सत्येंद्र सरल।
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