भोपाल, 15 दिसंबर 2025: एसबीआई क्रेडिट कार्ड वाले कर्मचारी आपको बैंक की ब्रांच से लेकर पेट्रोल पंप और शॉपिंग मॉल तक सब जगह मिल जाएंगे। भारत में SBI का मतलब होता है विश्वास और इसी बात का फायदा उठाकर क्रेडिट कार्ड वाले कर्मचारी धोखाधड़ी कर रहे। भोपाल के पिपलानी पुलिस थाने में एक मामला दर्ज हुआ है। यह केवल एक कर्मचारी द्वारा की गई धोखाधड़ी नहीं बल्कि स्टेट बैंक के सिस्टम पर सवाल उठाता है।
क्रेडिट कार्ड वाले ने ब्रांच के अंदर खुद को बैंक का कर्मचारी बताया
पीड़ित त्रिवेणी प्रसाद लोढ़ी अयोध्या नगर, भोपाल के रहने वाले हैं, ट्रक ड्राइवर हैं और लोढ़ी इंडस्ट्रियल एरिया में काम करते हैं। एसबीआई की इंडस्ट्री ब्रांच में उनका खाता है और इसलिए उनका इस ब्रांच में अक्सर आना-जाना होता है। साल 2023 में एक बार बैंक पहुंचे तो वहां आउटसोर्स स्टाफ अभय त्रिवेदी से मुलाकात हुई। अभय ने खुद को बैंक कर्मचारी बताकर क्रेडिट कार्ड की आकर्षक स्कीम समझाई और उनसे 7-8 फॉर्म साइन करवा लिए।
फार्म में ग्राहक की जगह अपना मोबाइल नंबर लिख दिया
फॉर्म भरते वक्त मोबाइल नंबर वाले कॉलम में अभय ने चुपके से अपना नंबर लिख दिया। क्रेडिट कार्ड जारी हुआ तो सारे OTP और मैसेज उसके फोन पर आए। उसने आराम से कार्ड का इस्तेमाल करके एक लाख रुपए खर्च कर दिए। करीब एक साल बाद जब त्रिवेणी प्रसाद लोन के लिए बैंक गए तो पता चला कि उनके नाम पर क्रेडिट कार्ड का बिल बकाया है और सिबिल स्कोर डाउन हो गया है। बैंक ने लोन देने से इनकार कर दिया।
त्रिवेणी ने कभी क्रेडिट कार्ड नहीं लिया था, तो वो हैरान रह गए। जांच की तो पूरा फ्रॉड सामने आया। इसके बाद उन्होंने पिपलानी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने छतरपुर निवासी अभय त्रिवेदी के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का केस दर्ज कर लिया है। जांच जारी है।
खाता धारकों को सावधान रहना चाहिए
ये मामला बताता है कि बैंक में भी कितनी सावधानी बरतनी चाहिए। फॉर्म भरते वक्त हर डिटेल खुद चेक करें, खासकर मोबाइल नंबर और ईमेल। क्रेडिट कार्ड या लोन की स्कीम कोई जबरदस्ती थोपे तो शक करें। सिबिल स्कोर समय-समय पर चेक करते रहें, ताकि ऐसे फ्रॉड जल्दी पकड़ में आएं।
SBI ब्रांच में आने वाले लोगों को जाल में फंसाया जाता है
यह मामला भारतीय स्टेट बैंक के सिस्टम की भी पोल खोलता है। ब्रांच के अंदर क्रेडिट कार्ड और शेयर बाजार से लिंक स्कीम बेचने वाले कर्मचारी खुद को ब्रांच का कर्मचारी बताते हैं। फॉर्म भरने के बाद ब्रांच में किसी भी प्रकार का वेरिफिकेशन नहीं होता। एक प्रकार से ब्रांच में आए हुए ग्राहक को क्रेडिट कार्ड और शेयर बाजार वाले कर्मचारियों के बीच में खुला छोड़ दिया जाता है। यदि वह अपनी समझ से बच निकला तो ठीक, नहीं तो किसी न किसी प्रकार से जाल में फंसा ही लिया जाता है।
एसबीआई क्रेडिट कार्ड से जुड़े फ्रॉड बढ़ रहे हैं
इसके अलावा, हाल ही में भोपाल में ही एक और मामला सामने आया था जहां एसबीआई के आउटसोर्स कर्मचारी ने क्रेडिट कार्ड रिन्यू के नाम पर एक कारोबारी से दो लाख रुपए ठग लिए। पूरे देश में एसबीआई क्रेडिट कार्ड से जुड़े फ्रॉड बढ़ रहे हैं, जैसे अगस्त 2025 में दिल्ली पुलिस ने 2.6 करोड़ के स्कैम में 18 लोगों को पकड़ा था, जिसमें गुरुग्राम के कॉल सेंटर से कस्टमर डेटा लीक हुआ था। सतर्क रहें, कोई अनजान कॉल या मैसेज पर पर्सनल डिटेल शेयर न करें।
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