नई दिल्ली, 15 दिसंबर 2025: दिल्ली की सर्द हवाओं में फिर से वो पुरानी गर्माहट महसूस हो रही है! कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी और चुनावी जादूगर प्रशांत किशोर (PK) की हालिया मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में तहलका मचा दिया है। सूत्रों की मानें तो यह बैठक सिर्फ एक साधारण चाय-पार्टी नहीं थी, बल्कि आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (जो 2027 में होने वाले हैं) की रणनीति पर गहन चर्चा का हिस्सा थी। लेकिन चलिए, थोड़ा पीछे चलते हैं और कुछ पुरानी बातों को कुरेदते हैं, फिर नई संभावनाओं की कल्पना करते हैं।
PK के दिल में उत्तर प्रदेश का दर्द हमेशा रहता है
थोड़ा अतीत में जाएं, तो प्रशांत किशोर और कांग्रेस का रिश्ता नया नहीं है। 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले वे कांग्रेस के रणनीतिकार रहे, लेकिन उस समय प्रियंका गांधी की भूमिका सीमित थी और पार्टी संगठन अंदरूनी खींचतान से जूझ रहा था। नतीजा सबके सामने है। इसके बाद प्रशांत किशोर ने कांग्रेस नेतृत्व को कई बार “सर्जिकल सुधार” का सुझाव दिया, जो पार्टी के भीतर पूरी तरह स्वीकार नहीं किया गया।
PK खुद को साबित करके दिखाना चाहते हैं?
अब परिस्थितियां बदली हुई हैं। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस लगातार हाशिए पर है, वहीं प्रियंका गांधी पार्टी का सबसे स्वीकार्य चेहरा बनी हुई हैं। दूसरी ओर, प्रशांत किशोर फिलहाल बेरोजगार हो गए हैं। बिहार की पब्लिक ने उनको डबल जीरो दिया है। एक नेता के रूप में पीके पूरी तरह से फेल हो गए हैं लेकिन उनकी राजनीतिक समझ और चुनावी माइक्रो-मैनेजमेंट की चर्चा आज भी सत्ता के गलियारों में होती है। यही वजह है कि यह मुलाकात सिर्फ शिष्टाचार भेंट मानने को राजनीतिक पंडित तैयार नहीं हैं।
सवाल उठ रहे हैं:-
- क्या कांग्रेस यूपी में किसी नई चुनावी रणनीति की तैयारी कर रही है?
- क्या प्रियंका गांधी को फुल कमांड देने का मन बन चुका है?
- या फिर प्रशांत किशोर को किसी बैकएंड रोल में फिर से आजमाने की सोच है?
UP में दो माइनस मिलकर एक प्लस बन जाएंगे?
अब आते हैं असली बात पर! ये मुलाकात क्यों महत्वपूर्ण बताई जा रही है? UP में योगी आदित्यनाथ की बीजेपी मजबूत है, अखिलेश यादव की SP की स्थिति में मजबूत है लेकिन कांग्रेस? प्रियंका गांधी, जो UP की इंचार्ज रही हैं, अब पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव हैं, क्या वो PK को बोर्ड पर लाकर कांग्रेस को रिवाइव करने की प्लानिंग कर रही हैं? सूत्र बताते हैं कि चर्चा में डेटा-ड्रिवन कैंपेन, सोशल मीडिया स्ट्रेटजी, और ग्रामीण वोटरों को टारगेट करने पर फोकस था।
PK कोई यूपी में फ्री हैंड या पश्चिम बंगाल का काम
कल्पना कीजिए: अगर PK कांग्रेस जॉइन कर लें, तो क्या राहुल-प्रियंका की जोड़ी के साथ वो 2024 लोकसभा चुनाव की हार को पलट सकते हैं? या फिर PK अपनी नई पार्टी 'जन सुराज' को UP में लॉन्च करने के लिए कांग्रेस से गठबंधन की सोच रहे हैं? गॉसिप ये भी है कि PK को प्रियंका ने 'फ्री हैंड' ऑफर किया हो। मतलब, पार्टी की पुरानी लीडरशिप को साइडलाइन करके नई टीम बनाना। लेकिन रिस्क भी है: PK पहले भी कांग्रेस से अलग हुए थे, कहते थे 'पार्टी सुधर नहीं सकती'। क्या इस बार डील बनेगी? या ये सिर्फ एक 'एक्सप्लोरेटरी मीटिंग' है, और PK आंध्र प्रदेश या बंगाल जैसे दूसरे राज्यों पर फोकस करेंगे?
PK के लिए डू ऑर डाई मोमेंट
एक और ट्विस्ट: अगर ये मुलाकात लीक हुई है, तो क्या ये जानबूझकर किया गया प्रेशर टैक्टिक है, बीजेपी को चिढ़ाने के लिए? UP में जातिगत समीकरण, किसान आंदोलन की यादें, और युवा वोटर्स, PK इन्हें कैसे मोड़ेंगे? कुल मिलाकर, ये मुलाकात कांग्रेस के लिए 'डू ऑर डाई' मोमेंट लग रही है। अगर कामयाब हुई, तो 2027 में UP का नक्शा बदल सकता है; वरना, PK को फिर से नौकरी करने के लिए भारत से बाहर जाना पड़ेगा।
यह कोई न्यूज़ है?
आज हंगामा होने के बाद संसद से बाहर निकली प्रियंका गांधी से जब लोगों ने प्रशांत किशोर के साथ ही मुलाकात के बारे में पूछा तो पत्रकारों को झड़पते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि यह कोई न्यूज़ है? इसके बाद प्रियंका गांधी ने पत्रकारों से सवाल किया क्या आप यह सवाल क्यों नहीं पूछते...।
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