Once in a lifetime: इस तस्वीर में कुछ ऐसा है जो आपने आज तक नहीं देखा और न देखेंगे

भोपाल, 21 दिसंबर 2025
: यह तस्वीर दुनिया भर के खगोल शास्त्रियों, स्काई वाचर्स, फोटोग्राफर्स और विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए चर्चा का केंद्र बन गई है। यूरोप में कई दीवारों पर यह तस्वीर दिखाई दे रही है और जल्दी ही बुद्धिमानों की दुनिया में सबके पास उपलब्ध होगी। इस तस्वीर में कुछ ऐसा खास है जो आपने अपनी जिंदगी में ना तो आज से पहले कभी देखा होगा, और नासा के वैज्ञानिक भी कहते हैं कि, शायद ऐसा कभी देखने को मिलेगा। क्योंकि जब तक पलक झपकती है तब तक यह दृश्य गायब हो चुका होता।

Once in a lifetime: एल्व्स और स्प्राइट्स का दुर्लभ संयोग

26 नवंबर, 2025 को, उत्तरी इटली के आकाश में एक अत्यंत दुर्लभ खगोलीय घटना घटी, जिसे फोटोग्राफर वाल्टर बिनोटो ने अपने कैमरे में कैद कर लिया। यह तस्वीर पृथ्वी की दो सबसे दुर्लभ वायुमंडलीय घटनाओं (एक- "एल्व" (Elve) और दूसरी- "स्प्राइट" (Sprite)) को एक साथ एक ही फ्रेम में दिखाती है, जिसे "जीवन में एक बार" होने वाली घटना माना जाता है। ये दोनों क्षणिक चमकदार घटनाओं (Transient Luminous Events - TLEs) के प्रकार हैं, जो गरज वाले तूफानों के बहुत ऊपर, अंतरिक्ष के किनारे के पास घटित होती हैं। एल्व्स विशाल, क्षणिक लाल वलय होते हैं, जबकि स्प्राइट्स जेलीफ़िश जैसे आकार के होते हैं। इनमें से किसी एक को भी कैमरे में कैद करना बेहद मुश्किल है, जिससे इस दोहरी घटना की तस्वीर असाधारण रूप से महत्वपूर्ण बन जाती है।

एक असाधारण खगोलीय अवलोकन

26 नवंबर को, इतालवी आल्प्स की तलहटी में स्थित अपने घर पोसाग्नो से, फोटोग्राफर वाल्टर बिनोटो ने एक ऐसी तस्वीर खींची जो खगोलीय अवलोकन के क्षेत्र में एक मील का पत्थर है। इस तस्वीर में एक एल्व और एक स्प्राइट एक साथ दिखाई दे रहे हैं, जो एक अत्यंत दुर्लभ संयोग है।

इन्हें रिकॉर्ड करना लगभग असंभ है

यह घटना इसलिए भी खास है क्योंकि ये वायुमंडलीय प्रकाश की चमकें बेहद कम समय के लिए होती हैं, जिससे इन्हें रिकॉर्ड करना लगभग असंभव हो जाता है। 

फोटोग्राफर वाल्टर बिनोटो ने कहा
"यह मेरे द्वारा ली गई सबसे आश्चर्यजनक और रोमांचक तस्वीरों में से एक रही है। एल्व्स पहले से ही बहुत दुर्लभ हैं, और यह दोहरी घटना तो और भी दुर्लभ है। मुझे नहीं लगता कि आज ऐसी कोई और तस्वीर मौजूद है।"

क्षणिक चमकदार घटनाओं (TLEs) को समझना

एल्व्स और स्प्राइट्स दोनों ही क्षणिक चमकदार घटनाओं (Transient Luminous Events - TLEs) नामक विद्युत चमक के एक परिवार से संबंधित हैं। सामान्य बिजली के विपरीत, जो बादलों के बीच या जमीन की ओर गिरती है, TLEs गरज वाले तूफानों के बहुत ऊपर, पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल में, अंतरिक्ष के किनारे के पास प्रज्वलित होती हैं।
  • उत्पत्ति: ये घटनाएँ तूफानों के ऊपर पतली हवा में घटित होती हैं।
  • प्रकृति: ये सामान्य बिजली की तुलना में अलग और बहुत दुर्लभ होती हैं।

घटना का विस्तृत विश्लेषण

बिनोटो द्वारा कैद की गई दोहरी घटना में दो विशिष्ट प्रकार के TLEs शामिल थे, प्रत्येक की अपनी अनूठी विशेषताएँ हैं।

एल्व्स (Elves)
NOAA के अनुसार, एक एल्व एक विशाल, भूतिया लाल वलय के रूप में प्रकट होता है जो एक सेकंड के हज़ारवें हिस्से से भी कम समय तक रहता है।
आकार: यह 300 मील (480 किलोमीटर) तक के व्यास तक बढ़ सकता है।
निर्माण प्रक्रिया: नासा (NASA) के अनुसार, जब एक शक्तिशाली बिजली का झटका एक विद्युत चुम्बकीय पल्स को ऊपर आयनोस्फीयर में भेजता है, तो यह नाइट्रोजन के अणुओं को संक्षिप्त रूप से लाल रोशनी में चमकाने का कारण बनता है, जिससे एल्व्स का निर्माण होता है।
चुनौती: उनकी अत्यंत क्षणिक प्रकृति के कारण, उन्हें तस्वीर में कैद करना असाधारण रूप से कठिन है।

स्प्राइट्स (Sprites)
स्प्राइट्स अक्सर गहरे लाल रंग की जेलीफ़िश या गरज वाले तूफानों के ऊपर उठने वाली शाखाओं जैसी आकृतियों के समान दिखते हैं।
अवधि: वे केवल कुछ मिलीसेकंड तक ही टिकते हैं।
आवृत्ति: हालांकि वे TLEs का सबसे अधिक देखा जाने वाला प्रकार हैं, फिर भी वे मायावी और अप्रत्याशित बने रहते हैं।
दिखावट: इनकी संरचना जटिल होती है, जो ऊपर की ओर फैलते हुए टेंड्रिल्स की तरह दिखती है।

फोटोग्राफिक विवरण और वैज्ञानिक महत्व

इस ऐतिहासिक तस्वीर को तकनीकी कौशल और सही समय के संयोग से संभव बनाया गया।
  • फोटोग्राफर: वाल्टर बिनोटो
  • स्थान: पोसाग्नो, इटली
  • दिनांक: 26 नवंबर, 2025
  • कैमरा: सोनी A7S (Sony A7S)
  • लेंस: 50mm f/1.4
विधि: यह तस्वीर 25 फ्रेम प्रति सेकंड पर रिकॉर्ड किए गए वीडियो से लिया गया एक सिंगल फ्रेम है।

इस तरह की छवियाँ केवल आश्चर्यजनक दृश्य ही नहीं हैं, बल्कि उनका महत्वपूर्ण वैज्ञानिक मूल्य भी है। "स्प्राइटैकुलर" (Spritacular) जैसी परियोजनाएँ दुनिया भर के फोटोग्राफरों को स्प्राइट्स और संबंधित घटनाओं का दस्तावेजीकरण करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। इन दस्तावेज़ों से वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिलती है कि गरज वाले तूफ़ान पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल के साथ कैसे संपर्क करते हैं, जो हमारे ग्रह की जटिल विद्युत प्रणाली के बारे में हमारी समझ को बढ़ाता है।
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