MP स्कूल शिक्षा घोटाले की खुली जांच और सोशल ऑडिट होना चाहिए: कांग्रेस की मांग

भोपाल, 8 दिसंबर 2025:
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी ने स्कूल शिक्षा और बच्चों से जुड़ी सरकारी योजनाओं में, पिछले 20 साल में हुए घोटाले की खुली जांच और सोशल ऑडिट करवाए जाने की मांग की है। श्री जीतू पटवारी ने आज एक पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। 

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान श्री जीतू पटवारी ने कहा कि, शिशु मृत्यु दर में मध्यप्रदेश नंबर वन हो गया है। सबसे गरीब दो जिले मध्यप्रदेश में ही है। 22 साल से बीजेपी की सरकार है तो इसकी जांच का आदेश क्यों नहीं? 10,000 स्कूलों में प्राचार्य क्यों नहीं है? 20 साल की सरकार में आपने स्कूलों में प्राचार्य की नियुक्ति क्यों नहीं की? 20 साल में अगर 10,000 स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं है तो फिर इसकी जांच होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए और दोषी कौन है?

श्री पटवारी ने कहा - अभी, जैसा मैंने कहा UDISE का डाटा सार्वजनिक तौर पर जो सरकार को आईना दिखाता है। इसको सरकार पेश क्यों नहीं करती, सार्वजनिक क्यों नहीं करती? सरकार इसको पब्लिक डोमेन में क्यों नहीं लाती है? दो एजेंसी शिक्षा के लिए और कुपोषण मिटाने के लिए काम करती है, उसका उत्तर सार्वजनिक होना चाहिए। मिड डे मिल का जितना भी राशन है, जो पहले भी इसका डाटा आया है, 1 लाख करोड़ का घोटाला हो चुका है। उस पूरे मिड डे मील का क्या हुआ भैया? उस पूरे घोटाले का क्या हुआ?

यह सरकार बच्चों से लेकर बजट तक सभी का हिस्सा खाती है। 50 लाख बच्चों का गायब होना किसी राज्य की राष्ट्रीय त्रासदी त्रासदी के रूप में आता है। 50 लाख बच्चे गायब हो गए स्कूल से यह प्रदेशिक त्रासदी नहीं है?

कांग्रेस मांग करती है इस बात की मुख्यमंत्री जी से कि राज्य की केंद्र की राज्य और केंद्र की जितना पैसा पिछले 5-10 साल में आया शिक्षा को लेकर जो भी आपने ने नए नवाचार किए, केंद्र की नई शिक्षा नीति आई।

इसका पूरा एक फिर से व्हाइट पेपर और एक तरह से शिक्षा का ऑडिट होना चाहिए। जिससे समझ में आए कि सुधार कैसे हो। फंड, भर्ती, मिड डे मील और जो यह स्कूल के रिपेयर के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर सभी का सोशल ऑडिट भी होना चाहिए। सोशल ऑडिट शिक्षा से जुड़े हुए सारे सिस्टम को फिर से एक बार सोशल ऑडिट के रूप में कोई व्यवस्था बने और उसके सुधार की ओर काम होना चाहिए।

मैंने कहा कि 50 लाख बच्चों की कैसे गायब हुए पता लगाना चाहिए। शिक्षा विभाग के आउटसोर्सिंग टेंडरों की CBI-ED से जांच होनी चाहिए। 

जीतू पटवारी का पूरा बयान सुनने के लिए कृपया VIDEO PLAY कीजिए

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