भोपाल, 8 दिसंबर 2025: आप इसको भगवान की कृपा कहिए या इत्तेफाक लेकिन आज मध्य प्रदेश सरकार का गुड, गोबर होने से बच गया। जिस रास्ते से मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री बैठक के लिए खजुराहो जा रहे थे। उसी रास्ते पर किसानों ने चक्का जाम कर दिया था।
मामले की पृष्ठभूमि
दरअसल, मध्य प्रदेश में रबी फसल के लिए यूरिया खाद की भारी किल्लत चल रही है। किसानों को सहकारी समितियों पर लंबी कतारें लगानी पड़ रही हैं। लाइन में लगी किसानों के लिए सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। ठंड में भूखे प्यासे किसान तनाव में है और कलेक्टर के प्रतिनिधि अधिकारियों के साथ में उनके विवाद की खबर हर रोज सामने आ रही है। इधर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने फैसला किया कि, 8 एवं 9 दिसंबर को पूरी सरकार छतरपुर जिले के खजुराहो में रहेगी। यहां कुछ विभागों की समीक्षा की जाएगी और कैबिनेट मीटिंग होगी।
किसानों ने कैबिनेट का रास्ता जाम कर दिया
8 दिसंबर सोमवार को जब कैबिनेट मंत्री, सड़क मार्ग से खजुराहो की तरफ जा रहे थे। तभी बमीठा (खजुराहो के पास), सुजानपुरा, कुर्राई और बकस्वाहा जैसे क्षेत्रों में किसानों द्वारा चक्का जाम कर दिया गया। किसान काफी तनाव में है इसलिए हालत बिगाड़ सकते थे। खजुराहो में कैबिनेट मीटिंग से जो पॉजिटिव मैसेज लाउड करने की कोशिश की जा रही है, वह पूरी तरह से नेगेटिव और तनाव का कारण बन सकता था लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के भाजपा नेताओं एवं लोकल पुलिस कर्मचारियों ने मिलकर स्थिति को बिगड़ने से पहले ही कंट्रोल कर लिया।
खबर है कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंत्रियों तक यह सूचना भी पहुंचाई थी कि वह धीमी गति से आगे बढ़े ताकि उनको किसानों के साथ बातचीत करने का समय मिल जाए। वास्तविकता जो भी हो लेकिन सुखद है कि एक बड़ी तनावपूर्ण स्थिति टल गई। बहुत जरूरी है कि सरकार, किसानों के साथ संवाद करें और उन्हें विश्वास दिलाए कि खाद का वितरण बिना बेईमानी की किया जाएगा।
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