भोपाल, 8 दिसंबर 2025: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन का पहला राउंड यानी डिजिटाइजेशन का काम पूरा हो गया है। इसमें लगभग 11% वोटर्स शक के दायरे में है, क्योंकि उनकी मैपिंग नहीं हो पाई है। अब इनकी जांच होगी। यदि BLO लेवल पर कोई गलती हुई होगी तो उसे ठीक कर दिया जाएगा नहीं तो डाउटफुल वोटर्स का नाम वोटर लिस्ट हटा दिया जाएगा।
भोपाल में 2 लाख 28 हजार 387 घुसपैठिए?
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का डिजिटाइजेशन काम 100% पूरा हो गया है। कुल 21 लाख 25 हजार 908 वोटर्स के फॉर्म डिजिटाइज किए गए, लेकिन हैरानी की बात यह है कि 2 लाख 28 हजार 387 मतदाताओं (लगभग 10.75%) का डेटा 2003 की पुरानी वोटर लिस्ट से मैच नहीं हुआ। इन्हें “No Mapping” कैटेगरी में डाल दिया गया है। (भाजपा की पॉलिटिकल लैंग्वेज में इस प्रकार के मतदाताओं को घुसपैठिया कहा जाता है और कांग्रेस पार्टी इनको वोट चोर बताती है)
अपने भोपाली होने के सबूत पेश करने पड़ेंगे
अब जिला प्रशासन को अगले एक महीने (लगभग 50 दिन) में इन सभी वोटर्स का पुराना रिकॉर्ड ढूंढना है। अगर रिकॉर्ड नहीं मिला या मतदाता खुद दस्तावेज नहीं दे पाया तो उनका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया जाएगा।
SIR: नरेला में सबसे ज्यादा कचरा, बैरसिया सबसे स्वच्छ
- - नरेला : 55,384 वोटर (15.61%)
- - गोविंदपुरा : 47,264 वोटर
- - हुजूर : 34,647 वोटर
- - भोपाल दक्षिण-पश्चिम : 32,818 वोटर
- - भोपाल मध्य : 27,890 वोटर
- - भोपाल उत्तर : 26,965 वोटर
- - बैरसिया : सिर्फ 3,419 वोटर (1.35%) – सबसे कम
काम की रफ्तार भी कमाल की रही
19 नवंबर तक सिर्फ 7.37% फॉर्म ही वापस आए थे, लेकिन 7 दिसंबर की शाम तक सभी सातों विधानसभा क्षेत्रों ने 100% टारगेट पूरा कर लिया। बैरसिया सबसे पहले फिनिश लाइन पर पहुंची, उसके बाद हुजूर, उत्तर और मध्य ने भी काम निपटा लिया।
लापरवाही पर एक्शन, अच्छा काम पर सम्मान
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सख्ती भी दिखाई। एक दर्जन से ज्यादा BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) पर कार्रवाई हुई। वहीं अच्छा काम करने वालों को सम्मान भी मिला। रविवार को कई BLO को सम्मानित किया गया, जबकि दो दिन पहले बैरसिया के BLO को बड़ा तालाब में शिकारा बोट की सैर करवाई गई।
घबराएं नहीं – 50 दिन का मौका है
उप जिला निर्वाचन अधिकारी भुवन गुप्ता ने साफ कहा – “जो वोटर असली हैं, उन्हें डरने की जरूरत नहीं। उनके फॉर्म के पीछे ही जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट लिखी है। 50 दिन में वे दस्तावेज जमा करा दें, नाम बचा रहेगा। अफसर भी पूरी मदद करेंगे।”
अगर किसी का नाम पहले की लिस्ट में ही नहीं है या दूसरे जिले से आया है और वहां नाम कट गया है, तो 16 दिसंबर को आने वाली नई वोटर लिस्ट में फॉर्म-6 भरकर नए सिरे से नाम जुड़वाया जा सकता है। इसके लिए जनवरी में एक महीने तक दावे-आपत्ति का समय भी मिलेगा।
संबंधित अन्य अपडेट (8 दिसंबर 2025 तक)
- पूरे मध्य प्रदेश में SIR के तहत अभी तक करीब 5.80 करोड़ वोटर फॉर्म डिजिटाइज हो चुके हैं। प्रदेश में भी औसतन 9-11% “No Mapping” केस सामने आए हैं, यानी भोपाल का आंकड़ा राज्य औसत से थोड़ा ही ज्यादा है।
- चुनाव आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 1 जनवरी 2026 क्वालिफाइंग डेट के हिसाब से अंतिम वोटर लिस्ट 5 जनवरी 2026 को प्रकाशित होगी। इसलिए सभी जिले तेजी से No Mapping केस साफ करने में जुटे हैं।
- इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में भी 8-12% तक No Mapping मिला है, लेकिन भोपाल और नरेला जैसा हाई परसेंटेज कहीं और नहीं दिखा।
तो अगर आप भोपाल के वोटर हैं और आपको अपने BLO से कोई नोटिस या मैसेज मिला है तो तुरंत अपने पुराने दस्तावेज (2003 या उसके बाद का कोई भी प्रूफ) तैयार रखें। क्योंकि, पता ही नहीं चलेगा 50 दिन बहुत जल्दी बीत जाएंगे!
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