MP school Shiksha: ई-अटेंडेंस के खिलाफ मध्यप्रदेश शिक्षक कांग्रेस की प्रांतीय बैठक, मजबूत आंदोलन के लिए तैयार

ग्वालियर, 27 दिसंबर 2025
: मध्यप्रदेश के शिक्षकों की लंबे समय से चली आ रही दिक्कतों को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। 25 दिसंबर 2025 को ग्वालियर में मध्यप्रदेश शिक्षक कांग्रेस की प्रांतीय बैठक आयोजित हुई, जहां प्रदेश भर से आए पदाधिकारियों और शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर गहन चर्चा की। इस बैठक में शिक्षकों की daily life में आने वाली परेशानियां, जैसे ई-अटेंडेंस सिस्टम की वजह से वेतन कटौती, को हाइलाइट किया गया। बैठक की भावना थी कि अगर सरकार इन मुद्दों को seriously नहीं लेगी, तो शिक्षक समुदाय मजबूत आंदोलन के लिए तैयार है, जो उनके परिवारों पर पड़ने वाले mental stress और financial burden को ध्यान में रखते हुए उठाया जाएगा।

बैठक में उपस्थित
बैठक का आयोजन ग्वालियर संभागाध्यक्ष श्रीमती तुलसी रावत और ग्वालियर जिलाध्यक्ष श्री सुरेश चंद्र रावत द्वारा किया गया। यह दोपहर 12 बजे से अर्नव ग्रीन सिटी, बडा पार्क, ग्वालियर में हुई। प्रांतीय अध्यक्ष श्री सतीश शर्मा की अध्यक्षता में और मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के प्रवक्ता एवं संयुक्त मोर्चा के उपाध्यक्ष श्री सुभाष शर्मा के मुख्य आतिथ्य में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। बैठक में विभिन्न संभागों और जिलों से संभागाध्यक्ष, जिलाध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष और प्रांतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी शामिल हुए।

उपस्थित प्रमुख लोगों में पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष श्री जमुना प्रसाद द्विवेदी, कार्यकारी प्रांतीय अध्यक्ष श्री एन.डी. वैष्णव, श्री अशोक प्रताप सिंह, श्री धर्मेंद्र सिंह परमार, प्रदेश महामंत्री श्री रामरतन तोमर, प्रदेश सचिव श्री रवि चौधरी, श्री एल.आर. आर्य, श्री कौशल शर्मा, संभागीय अध्यक्ष उज्जैन से श्री राजेश कुमार पांड्या, छतरपुर से श्री महेंद्र दीक्षित, ग्वालियर से श्रीमती तुलसी रावत शामिल थे। जिलाध्यक्ष मंदसौर से श्री रोशन निलगर, बालाघाट से श्री हेमराज राणा, निवाड़ी से श्री अखिलेश अहिरवार, शिवपुरी से श्री धर्मेंद्र सिंह रघुवंशी, दतिया से श्री बलवीर सिंह परिहार, मुरैना से श्री नरेंद्र सिंह तोमर, ग्वालियर से श्री सुरेश चंद्र रावत, छतरपुर से श्री रामहेत ब्यास, भानपुरा तहसील अध्यक्ष मजहर अली, ब्लॉक अध्यक्ष रामनिवास पाटीदार, जिला कोषाध्यक्ष मंदसौर से श्री भंवरलाल रावत, बालाघाट से श्री प्रमोद गौतम, महिला प्रकोष्ठ की ग्वालियर जिलाध्यक्ष श्रीमती नीलम शाक्य, प्रदीप राठौर, शिवराज सिंह प्रजापति, सुमेर सिंह रावत, सी.पी. मिश्रा, मुरैना से काजी हिदायत उल्ला, अजय रावत, अभिषेक परमार, बबीता सेंगर, सीमा श्रीवास्तव, रीना राजे, मिथलेश शर्मा, राखी गुप्ता समेत सैकड़ों शिक्षक और शिक्षिकाएं मौजूद रहीं। इन सभी की उपस्थिति ने बैठक को एक मजबूत platform बना दिया, जहां शिक्षकों की भावनाएं साफ झलकीं कि वे अपनी rights के लिए united हैं।

बैठक में मुख्य मुद्दों पर discussion हुई, और शासन स्तर से pending demands के समाधान के लिए निम्नलिखित प्रस्ताव पास किए गए:
1. मध्यप्रदेश शासन द्वारा शिक्षक ऐप और ई-अटेंडेंस की वजह से शिक्षकों को हो रही समस्याओं को solve किए बिना लागू की गई ई-अटेंडेंस प्रणाली का विरोध। ग्वालियर जिले में अगर नवंबर की तरह दिसंबर माह का वेतन काटा या रोका गया, तो court के साथ-साथ चरणबद्ध अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन ग्वालियर और भोपाल में किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो पूरे प्रदेश में एक साथ आंदोलन होगा। नवंबर माह के रोके या काटे गए वेतन का भुगतान दिसंबर के वेतन के साथ बिना bond की शर्त के किया जाए, वरना जीवन निर्वाह भत्ता के लिए court में केस लड़ा जाएगा, और जिम्मेदार अधिकारियों पर action होगी।

2. नए शिक्षक संवर्ग के लिए प्रथम नियुक्ति तिथि से seniority संबंधी प्रस्ताव पास किया गया।

3. नई भर्ती वाले शिक्षकों को तीन साल बीत जाने के बाद भी regular orders जारी नहीं किए गए हैं। जल्द से जल्द regular orders जारी किए जाएं।

4. pending महंगाई भत्ता केंद्र सरकार के समान देने के orders जल्द जारी किए जाएं।

5. क्रमोन्नति arrears की राशि का जल्द भुगतान किया जाए, और लापरवाही करने वाले salary drawing officers और उनके clerical staff पर salary drawal रोककर disciplinary action ली जाए।

बैठक के अंत में संगठन को strong बनाने पर बात हुई। अगर सरकार इन मुद्दों को seriously नहीं लेगी, तो future में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। प्रांतीय अध्यक्ष श्री सतीश शर्मा और श्री सुभाष शर्मा ने ग्वालियर के शिक्षकों को assurance दिया कि वे भोपाल पहुंचकर लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त से बात करेंगे कि किस order के तहत शिक्षकों का maintenance रोका जा रहा है, जो उनके परिवारों को mentally torture कर रहा है। एक महीना बीतने के बाद भी payment नहीं हुआ है। discussion के बाद further action का फैसला लिया जाएगा।

इस बैठक से जुड़ी अन्य जानकारी के अनुसार, मध्यप्रदेश में शिक्षकों की समस्याएं सिर्फ नियमित शिक्षकों तक सीमित नहीं हैं। हाल ही में अतिथि शिक्षक भी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं। 25 दिसंबर से संभागीय सम्मेलनों की शुरुआत हो रही है, और 31 जनवरी को भोपाल में बड़ा प्रदर्शन होगा, जहां ई-अटेंडेंस समाप्त करने, अतिथि शिक्षकों की regular service, समयमान वेतनमान और क्रमोन्नति जैसी demands उठाई जाएंगी। यह विकास शिक्षकों के broader movement को दिखाता है, जहां वे अपनी job security और financial stability के लिए लड़ रहे हैं।

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