भोपाल/सिवनी/बुरहानपुर: मध्य प्रदेश शासन के नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आयुक्त श्री संकेत भोंडवे ने नगरीय निकायों में सामग्री खरीदी में भ्रष्टाचार और गंभीर आपराधिक मामलों पर कार्रवाई की है। सात अधिकारियों को भ्रष्टाचार में दोषी पाए जाने पर दंडित किया गया है और एक महिला कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया गया है।
सिवनी नगर पालिका खरीदी कांड में 7 अधिकारी दोषी: जांच रिपोर्ट
सिवनी नगर पालिका परिषद में सामग्री खरीदी में बड़े भ्रष्टाचार की शिकायत श्री संतोष कुमार साहू ने की थी। इस पर विभाग ने गंभीरता दिखाते हुए अधीक्षण यंत्री की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की। जांच में प्रभारी सहायक यंत्री संतोष कुमार तिवारी, उप यंत्री विकास मेहरा, वंदना मरकाम, बिंदेश्वरी पंद्रे, दीपक उइके, तत्कालीन नगर पालिका अधिकारी पूजा बुनकर और मुख्य नगर पालिका अधिकारी राम कुमार कुर्वेती की भूमिका संदिग्ध पाई गई। सभी को दोषी ठहराया गया।
सजा के तौर पर संतोष कुमार तिवारी की जुलाई 2023, 2024 और 2025 की वार्षिक वेतन वृद्धि निरस्त कर दी गई। विकास मेहरा, वंदना मरकाम, बिंदेश्वरी पंद्रे और दीपक उइके की आगामी एक वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोकी गई। पूजा बुनकर की दो वेतन वृद्धियां रोकी गईं। राम कुमार कुर्वेती का निधन हो चुका है, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई समाप्त कर दी गई।
आयुक्त श्री भोंडवे ने साफ कहा कि विभाग में आर्थिक अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है। ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ कठोर एक्शन होगा, क्योंकि पारदर्शिता और accountability विभाग की टॉप प्राथमिकता है।
नेपानगर नगर पालिका की महिला कर्मचारी ममता बाली चड्ढा बर्खास्त
इसी कड़ी में एक और गंभीर मामला नेपानगर नगर पालिका परिषद, जिला बुरहानपुर का है। यहां सहायक ग्रेड-3 पर तैनात ममता बाली चड्ढा को बाल हत्या के मामले में कोर्ट ने दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायालय के फैसले के बाद आयुक्त श्री संकेत भोंडवे ने तुरंत आदेश जारी कर उन्हें सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया।
आयुक्त संकेत भोंडवे एक्शन मोड में
मध्य प्रदेश नगरीय विकास विभाग आयुक्त संकेत भोंडवे की अगुवाई में हाल के महीनों में कई निकायों में अनियमितताओं पर एक्शन लिया गया है। उदाहरण के तौर पर, शिवपुरी नगर पालिका में अनुशासनहीनता पर तीन सीएमओ को सस्पेंड किया गया। इसी तरह भोपाल में विकास कार्यों में गड़बड़ी करने वाले 8 ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड किया गया। विभाग पारदर्शिता के लिए e-attendance ऐप और अन्य सुधार भी लागू कर रहा है, ताकि फेक डॉक्यूमेंट्स पर सैलरी लेने वालों पर नकेल कसी जा सके। ये कदम दिखाते हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी है।
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