IAS प्रीति मैथिल नायक और अपर कलेक्टर नीलमणि अग्निहोत्री के खिलाफ हाई कोर्ट का नोटिस

जबलपुर, 6 दिसंबर 2025
: भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी पूर्व कलेक्टर रीवा श्रीमती प्रीति मैथिल नायक (आईएएस) और सिरमौर के पूर्व एसडीएम एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी श्री नीलमणि अग्निहोत्री को हाई कोर्ट द्वारा नोटिस जारी किया है। यह नोटिस सिरमौर निवासी टूरिज्म एक्टिविस्ट और डाक विभाग के कर्मचारी सर्वेश कुमार सोनी की याचिका पर जारी हुआ है, जिसमें दोनों अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा चलाने की मांग की गई है। कोर्ट ने चार हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला 2018 विधानसभा चुनाव से जुड़ा है, जब तत्कालीन कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी प्रीति मैथिल नायक के आदेश पर सिरमौर एसडीएम नीलमणि अग्निहोत्री ने सर्वेश कुमार सोनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप था कि सोनी ने, सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद चुनाव आचार संहिता उल्लंघन किया। एफआईआर धारा 188 आईपीसी और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धाराओं के तहत दर्ज हुई थी, जिसके आधार पर सोनी को डाक विभाग से सस्पेंड भी कर दिया गया था। हालांकि, हाईकोर्ट जबलपुर ने 17 मई 2019 को इस एफआईआर को दुर्भावनापूर्ण मानते हुए क्वैश कर दिया था। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को भी फटकार लगाई और जांच के बाद सोनी को सेवा में बहाल कर दिया गया। 

सरकारी कार्यक्रम को पॉलिटिकल इवेंट बताकर FIR कर दी, सस्पेंड कर दिया

इसके बाद सोनी ने आरटीआई से दस्तावेज हासिल किए, जिसमें पाया गया कि शासकीय कार्यक्रम ( मप्र शासन वन विभाग के पावन घिनौची धाम "पियावन" लोकार्पण कार्यक्रम) की फोटो को राजनीतिक कार्यक्रम से जोड़कर गलत तरीके से आरोप लगाया गया। दस्तावेजों में प्रीति मैथिल नायक के हस्ताक्षर मौजूद थे, और निर्वाचन ड्यूटी न लगाए जाने के बावजूद लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन बताया गया था। कारण बताओ नोटिस भी जारी नहीं किया गया था।

कलेक्टर और एसडीएम के खिलाफ आपराधिक अभियोग चलाने की मांग

सोनी ने थाना स्तर से लेकर उच्च स्तरों पर शिकायतें कीं और जेएमएफसी तथा सत्र न्यायालय रीवा के आदेशों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका क्रमांक 60422/2022 दाखिल की। हाईकोर्ट के जस्टिस हिमांशु जोशी ने इस पर सुनवाई करते हुए दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी किया। याचिका में मांग की गई है कि 18 मई 2022 के आदेश (Annexure P-10) और 29 अगस्त 2022 के रिविजनल ऑर्डर (Annexure P-12) को क्वैश किया जाए, साथ ही रेस्पॉन्डेंट्स को आईपीसी की धाराओं 420, 467, 468, 166, 167, 182, 193, 211, 499 और 500 के तहत प्रॉसिक्यूट किया जाए।

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा और शुभम कुमार मिश्रा ने पैरवी की। उपरोक्त जानकारी याचिकाकर्ता सर्वेश सोनी द्वारा दी गई। उन्होंने बताया कि वह अपने क्षेत्र में भ्रष्टाचार के कुछ मामलों में व्हिसल ब्लोअर है और उन्होंने जनहित याचिका दाखिल की है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के नेता और अधिकारियों के सिंडिकेट के खिलाफ कार्रवाई होनी है। जनहित याचिका को वापस लेने का प्रेशर बनाने के लिए उपरोक्त सारी कार्रवाई की गई थी।
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