नई दिल्ली, 4 दिसंबर 2025: भारत सरकार ने उपभोक्ता हितों की रक्षा और देश के बहुमूल्य धातु बाजार को संगठित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने अब चांदी के आभूषणों और कलाकृतियों के लिए भी हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) को अनिवार्य कर दिया है। इसके 3 महीने पूरे हो गए हैं और सरकार की ओर से रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
2.08 लाख से अधिक जौहरी और 1610 हॉलमार्किंग केंद्र
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि, सोने के लिए पहले से ही सफलतापूर्वक लागू HUID प्रणाली की मजबूत नींव पर निर्मित, यह नई व्यवस्था चांदी के व्यापार में अभूतपूर्व पारदर्शिता लाने का वादा करती है। सोने के लिए HUID प्रणाली की सफलता के आंकड़े खुद इसकी गवाही देते हैं: अब तक 56 करोड़ से अधिक सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग की जा चुकी है, जिसमें 2.08 लाख से अधिक जौहरी और 1610 हॉलमार्किंग केंद्र शामिल हैं।
इसी सफलता को दोहराने के लक्ष्य के साथ, 1 सितंबर, 2025 से स्वैच्छिक रूप से हॉलमार्क की जाने वाली प्रत्येक चांदी की वस्तु पर 6-अंकीय अल्फान्यूमेरिक HUID कोड अनिवार्य हो गया है। बाजार की शुरुआती प्रतिक्रिया जबरदस्त रही है, और पहले तीन महीनों में ही 17 लाख से अधिक चांदी की वस्तुओं को HUID के साथ हॉलमार्क किया जा चुका है।
1. क्या है चांदी के लिए HUID का नया नियम?
इस नए नियम का रणनीतिक लक्ष्य हॉलमार्क की गई प्रत्येक चांदी की वस्तु को एक डिजिटल और ट्रेस करने योग्य पहचान प्रदान करना है, जिससे बाजार से नकली हॉलमार्किंग को पूरी तरह समाप्त किया जा सके। इस प्रणाली के तहत, हर आभूषण की यात्रा को जौहरी से लेकर हॉलमार्किंग केंद्र तक डिजिटल रूप से ट्रैक किया जा सकता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि ग्राहक को उसके पैसे का पूरा और शुद्ध मूल्य मिले।
इस शासनादेश की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
- अनिवार्य HUID: हालांकि चांदी पर हॉलमार्किंग कराना अभी भी स्वैच्छिक (Voluntary) है, लेकिन यदि कोई जौहरी अपने चांदी के उत्पाद पर हॉलमार्क लगाने का विकल्प चुनता है, तो उस पर 6-अंकीय HUID अंकित करना अब अनिवार्य है।
- प्रभावी तिथि: यह नियम 1 सितंबर, 2025 से प्रभावी है।
- डिजिटल ट्रेसेबिलिटी: HUID प्रत्येक वस्तु को एक डिजिटल रिकॉर्ड से जोड़ता है, जिससे इसकी शुद्धता, निर्माता और हॉलमार्किंग केंद्र की जानकारी को सत्यापित करना आसान हो जाता है, ठीक उसी तरह जैसे सोने के आभूषणों के लिए मौजूदा व्यवस्था काम करती है।
यह नीतिगत बदलाव सरकार के उस व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है जिसका उद्देश्य उपभोक्ता विश्वास को केंद्रीय बनाना है।
2. सरकार का लक्ष्य: पारदर्शिता और उपभोक्ता विश्वास
सरकार का दृष्टिकोण स्पष्ट है: भारत के आभूषण बाजार में उपभोक्ता अधिकारों को मजबूत करना और विश्वास का एक अटूट माहौल बनाना। भारत में सोना और चांदी केवल आभूषण नहीं हैं, बल्कि ये सांस्कृतिक परंपराओं, सामाजिक प्रथाओं और वित्तीय सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण संपत्ति हैं। इसी महत्व को देखते हुए, केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री प्रहलाद जोशी ने इस पहल के उद्देश्यों को रेखांकित किया है।
सरकार के आधिकारिक रुख को स्पष्ट करते हुए उन्होंने ट्वीट किया:
"चांदी के आभूषणों में हॉलमार्किंग में एचयूआईडी शुद्धता आश्वासन को मजबूत करने और नकली हॉलमार्किंग प्रथाओं को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है... यह पहल उपभोक्ताओं और हितधारकों के बीच अधिक पारदर्शिता, जवाबदेही और विश्वास पैदा कर रही है।"
मंत्री के इस बयान से सरकार के तीन प्रमुख लक्ष्य स्पष्ट होते हैं: शुद्धता का आश्वासन मजबूत करना, नकली हॉलमार्किंग प्रथाओं को समाप्त करना, और उपभोक्ता संरक्षण के लिए पूर्ण डिजिटल ट्रेसेबिलिटी सुनिश्चित करना। इस नीति को शुरुआती आंकड़ों से भी मजबूत समर्थन मिला है, जो बाजार द्वारा इसे तेजी से अपनाए जाने का प्रमाण है।
3. बाज़ार की प्रतिक्रिया और मुख्य ट्रेंड्स
किसी भी नई नीति की सफलता का सबसे बड़ा पैमाना बाजार द्वारा उसे अपनाए जाने की गति होती है। HUID प्रणाली के शुरुआती आंकड़े जौहरियों और उपभोक्ताओं दोनों के बीच मजबूत विश्वास को दर्शाते हैं और एक स्पष्ट तस्वीर पेश करते हैं कि यह बदलाव कितना सफल रहा है।
मुख्य आंकड़े इस प्रकार हैं:
तेज शुरुआत: यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि बाजार ने इस प्रणाली को हाथों-हाथ लिया है: HUID लागू होने के पहले तीन महीनों के भीतर ही 17 लाख से अधिक चांदी की वस्तुओं को हॉलमार्क किया गया। इसकी तुलना में, पूरे पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 32 लाख वस्तुओं की हॉलमार्किंग की गई थी। इसका अर्थ है कि केवल तीन महीनों में पिछले पूरे साल का आधे से ज्यादा काम हो चुका है, जो इस प्रणाली की तीव्र स्वीकृति को दर्शाता है।
लोकप्रिय शुद्धता ग्रेड: हॉलमार्क की गई कुल वस्तुओं में से लगभग 90% वस्तुएं 925 (स्टर्लिंग सिल्वर) और 800 शुद्धता ग्रेड की हैं। भारतीय मानक के तहत कुल सात शुद्धता ग्रेड (800, 835, 925, 958, 970, 990 और 999) शामिल हैं।
क्षेत्रीय रुझान: चांदी की हॉलमार्किंग के मामले में देश का दक्षिणी क्षेत्र सबसे आगे है, जिसके बाद पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों का स्थान आता है।
HUID के साथ हॉलमार्क की गई टॉप 5 चांदी की वस्तुएं
आभूषण/कलाकृति का प्रकार - मुख्य शुद्धता ग्रेड
पायल/एंकलेट 800
चांदी का दीया 800 और 925
चांदी की प्लेट 800 और 925
चांदी की मूर्ति 925
चांदी का सिक्का 990
ये बाजार के रुझान न केवल उद्योग द्वारा इस बदलाव को अपनाने का संकेत देते हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि यह नई व्यवस्था सीधे तौर पर अंतिम उपभोक्ता को कैसे सशक्त बना रही है।
4. BIS CARE ऐप: अब ग्राहक खुद जांचें शुद्धता
उपभोक्ता सशक्तीकरण के इस प्रयास को जमीन पर उतारने का काम BIS CARE ऐप करता है। यह मोबाइल एप्लिकेशन HUID इकोसिस्टम का एक अभिन्न अंग है, जो सत्यापन की शक्ति सीधे खरीदार के हाथों में देता है। अब कोई भी ग्राहक अपने खरीदे गए चांदी के आभूषण की प्रामाणिकता और शुद्धता की जांच खुद, तुरंत और आसानी से कर सकता है।
ग्राहक इस ऐप का उपयोग इस प्रकार कर सकते हैं:
1. HUID कोड दर्ज करें: उपभोक्ता को बस आभूषण पर अंकित 6-अंकीय HUID कोड को ऐप के 'Verify HUID' सेक्शन में दर्ज करना होता है।
2. तुरंत पाएं पूरी जानकारी: कोड दर्ज करते ही ऐप तुरंत चार प्रमुख विवरण प्रदर्शित करता है:
* आभूषण की शुद्धता (Purity)
* आभूषण का प्रकार (Type of Jewellery)
* जौहरी का विवरण (Jeweller’s Details)
* परख एवं हॉलमार्किंग केंद्र का विवरण (Assaying & Hallmarking Centre’s Details)
3. सूचित निर्णय लें: यह तत्काल और पारदर्शी जानकारी उपभोक्ताओं को एक सूचित खरीद निर्णय लेने में सक्षम बनाती है, जिससे धोखाधड़ी की संभावना समाप्त हो जाती है।
यह ऐप एंड्रॉयड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है, 12 भाषाओं को सपोर्ट करता है, और इसे मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है। यह उपभोक्ता-केंद्रित उपकरण सरकार के पारदर्शिता के वादे को हकीकत में बदलता है।
5. फायदे और भविष्य की दिशा
चांदी के लिए अनिवार्य HUID का नियम चांदी के व्यापार को औपचारिक बनाने और उपभोक्ताओं के वित्तीय हितों की रक्षा करने की दिशा में एक बड़ा सुधार है। जैसा कि सर्वविदित है, भारत में चांदी सिर्फ एक धातु नहीं, बल्कि "सांस्कृतिक परंपराओं, सामाजिक प्रथाओं और वित्तीय सुरक्षा से जुड़ी संपत्ति" है। इसलिए, इसकी शुद्धता सुनिश्चित करना सर्वोपरि हो जाता है।
उपभोक्ताओं और उद्योग के लिए मुख्य फायदे:
शुद्धता की गारंटी: ग्राहकों को मिलावट से सुरक्षा मिलती है और वे आश्वस्त हो सकते हैं कि उन्हें बताई गई शुद्धता का ही सामान मिल रहा है।
नकली हॉलमार्किंग पर रोक: डिजिटल सत्यापन के कारण नकली या जाली हॉलमार्क वाले उत्पादों को बेचना लगभग असंभव हो जाता है।
संपत्ति का सही मूल्यांकन: यह सुनिश्चित करता है कि वित्तीय सुरक्षा के लिए रखी गई चांदी की संपत्ति का उचित और पारदर्शी मूल्य मिले।
बढ़ा हुआ विश्वास: यह खरीदारों और विक्रेताओं के बीच पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ावा देता है, जिससे एक स्वस्थ और संगठित बाजार का निर्माण होता है।
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