भोपाल, 18 दिसंबर 2025: इन दिनों सोशल मीडिया पर भोपाल के डॉ. पार्थ शर्मा की फोटो खूब वायरल हो रही है, लोग उन्हें #RealLifeHero कहकर तारीफें कर रहे हैं। वजह है उनकी वो निस्वार्थ सेवा और quick decision making, जिसने एक गर्भवती महिला और उसके होने वाले बच्चे की जान बचा ली। ये दिल छू लेने वाली कहानी है समर्पित डॉक्टर की, जो दिखाती है कि हमारे हेल्थ सिस्टम में इंसानियत और duty अभी भी जिंदा है।
गर्भवती महिला को 1 महीने पहले ही लेबर पेन शुरू हो गया
दरअसल, गुरुवार को दोपहर के समय भानपुर स्थित संजीवनी क्लिनिक में तैनात ANM रानी यादव को एक कॉल आया। मालीखेड़ा की रहने वाली एक गर्भवती महिला को अचानक तेज प्रसव पीड़ा शुरू हो गई थी। उनकी डिलीवरी डेट तो जनवरी में थी, लेकिन एक महीने पहले ही लेबर पेन इतना अधिक हो गया कि हालत क्रिटिकल हो गई। रानी यादव फौरन मौके पर पहुंचीं और स्थिति देखकर क्लिनिक के डॉ. पार्थ शर्मा को इत्तला दी।
एंबुलेंस नहीं आई तो अपनी कार को एंबुलेंस बना दिया
डॉ. शर्मा बिना टाइम वेस्ट किए अपनी प्राइवेट कार से महिला के घर पहुंचे। वहां देखा तो महिला तड़प रही थी, हर बीतता मिनट मां और बच्चे दोनों के लिए खतरे की घंटी बजा रहा था। एम्बुलेंस को बुलाया गया था, लेकिन देरी हो रही थी। ऐसे में डॉ. पार्थ ने सोचा नहीं, फटाक से फैसला लिया और महिला को अपनी कार में लिटाकर खुद हॉस्पिटल की ओर रवाना हो गए। उनकी ये fast action ही काम आई – समय पर हॉस्पिटल पहुंचकर सुरक्षित डिलीवरी हुई, जच्चा-बच्चा दोनों बिल्कुल स्वस्थ हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने भी इस नेक काम की सराहना की है। CMHO डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि डॉ. पार्थ शर्मा ने चिकित्सकीय जिम्मेदारी और पेशेंट की जान को प्राथमिकता देकर एक मिसाल कायम की है। ANM रानी यादव की तत्परता भी काबिले तारीफ है। विभाग ने दोनों का सम्मान करने का ऐलान किया है। ये घटना बताती है कि जब डॉक्टर और स्टाफ दिल से काम करें तो कितनी जानें बच सकती हैं।
ऐसे रियल हीरो हमें याद दिलाते हैं कि मेडिकल प्रोफेशन सिर्फ जॉब नहीं, बल्कि सेवा है। डॉ. पार्थ शर्मा जैसे लोग हमारी हेल्थ सर्विस को और मजबूत बनाते हैं। उम्मीद है ये स्टोरी और लोगों को इंस्पायर करेगी।
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