YouTube पर इस प्रकार के वीडियो से सावधान रहें, प्ले करते ही जाल में फंसोगे, क्लिक करते ही खल्लास

YouTube पर लाखों चैनल है और करोड़ वीडियो वायरल हो रहे हैं। अब तो लगभग 100% स्मार्टफोन यूजर्स दिन में काम से कम एक बार कोई ना कोई यूट्यूब चैनल जरूर देखते हैं लेकिन हम आपको बता रहे हैं कि इस प्रकार की वीडियो मत देखिए। प्ले करते ही आप उनके जाल में फंस जाओगे और क्लिक करते ही आपके बैंक अकाउंट सहित आपकी पर्सनल लाइफ खल्लास हो जाएगी। 

चोरी हुए अकाउंट्स का इस्तेमाल कर ये वीडियो बनाए जाते हैं

चेक पॉइंट रिसर्च के अनुसार, यह अभियान सालों से चुपचाप चल रहा था, और हजारों फर्जी वीडियो के जरिए यूजर्स के कंप्यूटर्स में चोर सॉफ्टवेयर घुसेड़ा जा रहा था। यह नेटवर्क इतना चालाक है कि सामान्य नजरों से बच जाता है। फर्जी चैनल्स और चोरी हुए अकाउंट्स का इस्तेमाल कर ये वीडियो बनाए जाते हैं, जो एडोब फोटोशॉप या माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस जैसे पॉपुलर सॉफ्टवेयर्स के फ्री या क्रैक वर्जन का लालच देते हैं। वीडियो में पहले आकर्षक ट्यूटोरियल दिखाया जाता है, फिर गूगल ड्राइव या ड्रॉपबॉक्स से फाइल डाउनलोड करने की सलाह दी जाती है। ये फाइलें पासवर्ड प्रोटेक्टेड होती हैं, और कमेंट्स में झूठे रिव्यूज व पासवर्ड छिपाए जाते हैं। भरोसा करके फाइल खोलते ही मालवेयर सिस्टम में घुस जाता है। 

टू-स्टेप वेरिफिकेशन जैसी सिक्योरिटी को भी बायपास कर देते हैं

The 420 की रिपोर्ट के मुताबिक, यह सॉफ्टवेयर पासवर्ड, कुकीज, क्रिप्टो वॉलेट्स और यहां तक कि कंपनी लॉगिन्स तक चुरा लेता है। रिसर्चर्स ने पाया कि यह नेटवर्क 3,000 से ज्यादा वीडियो से जुड़ा हुआ है, जो एक-दूसरे से लिंक्ड हैं। अगर एक चैनल बंद हो जाता है, तो दूसरा तुरंत सक्रिय हो जाता है। मालवेयर के नाम रडामैंथिस (Rhadamanthys) और लुम्मा (Lumma) हैं, जो बैकग्राउंड में काम करते हुए टू-स्टेप वेरिफिकेशन जैसी सिक्योरिटी को भी बायपास कर देते हैं। चेक पॉइंट की टीम ने इनकी जांच कर दुनिया को आगाह किया, ताकि यूजर्स सतर्क रहें।

इससे कैसे बचें? कुछ सरल सावधानियां अपनाएं

डिजिटल दुनिया में सुरक्षा पहले आती है, इसलिए थोड़ी सजगता से आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। यहां कुछ व्यावहारिक टिप्स हैं:
- फ्री क्रैक सॉफ्टवेयर या अनजान लिंक्स वाले वीडियो पर कभी भरोसा न करें। अगर कोई ट्यूटोरियल एंटीवायरस बंद करने को कहे, तो तुरंत स्किप कर दें।
- हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट्स से डाउनलोड करें, जैसे एडोब या माइक्रोसॉफ्ट की साइट्स।
- नई फाइल को वर्चुअल मशीन या अलग डिवाइस पर टेस्ट करें, ताकि मुख्य सिस्टम सुरक्षित रहे।
- अगर शक हो कि सिस्टम हैक हो गया है, तो तुरंत डिवाइस बंद करें। सिक्योरिटी एक्सपर्ट से मदद लें, सिस्टम क्लीन करें और सभी पासवर्ड बदल दें।

यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स हमें ज्ञान देते हैं, लेकिन जिम्मेदारी हमारी है कि हम स्मार्ट चॉइस करें। थोड़ी सावधानी से हमारा डिजिटल सफर सुरक्षित और सुखद बनेगा। अगर आपके पास कोई ऐसा अनुभव है, तो कमेंट्स में शेयर करें—साथ मिलकर हम सबको जागरूक बनाएं।
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