माननीय शिक्षा मंत्री जी, सादर नमस्कार! आपने लोकसभा चुनाव के समय तहसील देवरी जिला रायसेन मे अतिथि शिक्षकों के नियमितिकरण के संबंध मे बयान दिया था उसके बाद आपने उनको मेहमान कहकर अपने पुराने बयान को गलत साबित कर दिया अभी आपका एक इंटरव्यू वायरल हो रहा है जिसमें आप क्वालिटी एवं मेरिट की बात कर रहे है।
महोदय जी मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षकों ने 1000 रूपये के अल्प मानदेय पर सेवा दी जो उनकी निस्वार्थ सेवा का परिचायक है। वर्षों से अल्प मानदेय पर ये निरंतर सेवा दे रहे है। 2011 के बाद सरकार ने वर्षों शिक्षक भर्ती परीक्षा नहीं ली जिससे ये लोग स्थायी नहीं हो पाये। वही इग्नू द्वारा डीएलएड समय से पूरा न होने से हजारों लोग पात्रता मे अच्छे अंक लाने के बाद चयनित न हो पाये। सरकार ने इस कोर्स के देरी से पूरा होने पर कोई ध्यान नहीं दिया। खुद आपकी विधानसभा के सैकड़ों अभ्यार्थी डीएलएड मे देरी का खामियाजा अब तक भुगत रहे है जो शुरू 2011 मे हुआ परंतु पूरा 2016 मे हुआ। अब जब परीक्षा ली गयी तब इतने कम पद रहे की सभी अतिथि शिक्षकों का स्थायी होना मुश्किल था।
2018 मे सरकार ने अतिथि शिक्षक चयन प्रक्रिया मे बदलाव कर ऑनलाइन व्यवस्था कर दी। जिससे हजारों अतिथि शिक्षक बाहर हो गये। उसके बाद माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के बीएड को बाहर करने के उपरांत व माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 11 अगस्त 2023 मे बीएड को प्राथमिक शिक्षा से बाहर करने के उपरांत भी म.प्र मे 17 अगस्त तक बीएड को प्राथमिक शिक्षा मे लिया गया जिससे हजारों डीएड पात्रता परीक्षा पास चयन से वंचित रहे। अब आपने पात्रता के बाद मध्य प्रदेश मे चयन परीक्षा लेना शुरू कर दिया है, हजारों अतिथि शिक्षक इस चयन परीक्षा मे भी अच्छे अंको से पास है पर पद कम है जबकि म.प्र मे हजारों पद वर्ग 2 माध्यमिक शिक्षक मे रिक्त है व प्राथमिक मे ये आकड़ा 130000 के पार है जिन पर अभी अतिथि शिक्षक सेवा दे रहे है।
अत: निवेदन है सभी रिक्त पदों को भरे क्योंकि हजारों अतिथि शिक्षक पात्रता व चयन परीक्षा किसी न किसी वर्ग मे पास है। म.प्र मे न तो शिक्षामित्रों की तरह स्थायी भर्ती मे चयन हेतु 2.5 अंक प्रतिवर्ष अधिकतम 10 वर्ष तक अनुभव के 25 अंक बोनस मे मिल रहे है न ही हरियाणा, दिल्ली व अन्य राज्यों की भांति अच्छा वेतन न ही कोई भविष्य सुरक्षित करने वाली नीति वहीं ऑनलाइन उपस्तिथि के नाम पर हजारों रूपयों के मानदेय की कटौती हो चुकी है जो कब मिलेगा पता नहीं। जबकि स्थायी शिक्षकों के लिये सरकार हर प्रकार से सहानुभूति दिखा रही है।
अत: अनुरोध है कि सभी रिक्त पदों की पूर्ति करें व इस अतिथि शिक्षक व्यवस्था को खत्म कर दे जो खुद आपकी सरकार की देन है। अतिथि शिक्षक अपनी क्वालिटी पिछले 15 -16 वर्षों से सिद्ध करते आ रहे बोर्ड परीक्षाओं के उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम से ये सिद्ध हो चुका है और अगर इसी अतिथि शिक्षक व्यवस्था को सुचारू रखना ही है तो अतिथि शिक्षकों के सुरक्षित भविष्य, अवकाश, चिकित्सा, मानदेय वृद्धी का विधान भी करें आप एक उच्च शिक्षित व्यक्ति है व आपको केंद्र व राज्य दोनों का अनुभव है अत: सहानुभूति पूर्वक उचित नीति बना कर हजारों परिवारों का कल्याण करें क्योंकि पॉंडवों ने 12 वर्ष श्रीराम ने 14 वर्ष कष्ट भोगा था अतिथि शिक्षकों को 16 वर्ष से ज्यादा हो चुके है। आशा और विश्वास है आप अतिथिशिक्षकों के हित मे सकारात्मक काम करेंगे।
आपका, आशीष कुमार बिरथरिया, उदयपुरा जिला रायसेन म.प्र
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