WhatsApp-Telegram बंद हो जाएंगे, लगभग एक करोड़ लोग प्रभावित होंगे, लैपटॉप पर भी नहीं चल पाएंगे

नई दिल्ली, 30 नवंबर 2025
: भारत सरकार ने शनिवार को एक बड़ा कदम उठाया है। दूरसंचार विभाग (DoT) ने WhatsApp, Telegram, Signal, Snapchat, ShareChat, JioChat, Arattai और Josh जैसे पॉपुलर मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स के लिए सख्त नियम जारी किए हैं। इनके मुताबिक, अब ये ऐप्स मोबाइल में बिना एक्टिव सिम कार्ड के एक सेकंड भी नहीं चलेंगे। सरकार का दावा है कि इससे क्रिमिनल्स की ट्रेसिंग आसान हो जाएगी और स्पैम कॉल्स, फर्जी मैसेजेस पर लगाम लगेगी।

Telecommunication Cybersecurity Amendment Rules, 2025

DoT के नए Telecommunication Cybersecurity Amendment Rules, 2025 के तहत, कंपनियों को 90 दिनों के अंदर 'SIM-to-Device Binding' लागू करना होगा। मतलब, ऐप रजिस्ट्रेशन के वक्त इस्तेमाल किया गया मोबाइल नंबर हमेशा एक्टिव रहना चाहिए। अगर सिम निकाल दी जाए या वो इनएक्टिव हो गई, तो ऐप तुरंत बंद हो जाएगा। अभी तक ये ऐप्स सिर्फ इंस्टॉलेशन पर एक बार नंबर वेरिफाई करते थे, उसके बाद इंटरनेट मिला तो सिम हटाने पर भी चलते रहते। लेकिन अब ये loophole बंद हो जाएगा।

COAI (Cellular Operators Association of India) ने अगस्त 2025 में इस बारे में एक डिटेल रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट का निष्कर्ष यह है कि लगभग 1 करोड लोग जी फोन में व्हाट्सएप या टेलीग्राम का उपयोग करते हैं, उसमें वह सिम कार्ड नहीं होता, जिससे मोबाइल एप्लीकेशन को रजिस्टर किया गया था। इसके पीछे बहुत सारे कारण है, इनमें से कुछ अपराधी भी है।

laptop और computer पर हर 6 घंटे में ऑटो-लॉगआउट

वेब यूजर्स के लिए भी झटका है। लैपटॉप या डेस्कटॉप पर लॉगिन करने वालों को हर 6 घंटे में ऑटो-लॉगआउट फेस करना पड़ेगा। फिर QR कोड स्कैन करके दोबारा लॉगिन करना होगा, वो भी तभी जब फोन में एक्टिव सिम लगी हो। कंपनियों को 120 दिनों में कंप्लायंस रिपोर्ट सबमिट करनी होगी, वरना Telecommunications Act 2023 और साइबर सिक्योरिटी रूल्स के तहत सजा हो सकती है।

कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये कदम साइबर सिक्योरिटी को मजबूत करेगा, लेकिन कुछ का कहना है कि फ्रॉडस्टर्स फेक ID से नई सिम ले लेंगे। COAI (Cellular Operators Association of India) ने इसका समर्थन किया है, कहा कि इससे यूजर, नंबर और डिवाइस के बीच मजबूत लिंक बनेगा।

Q&A: नए नियमों से जुड़े सवाल-जवाब

सवाल: अभी ऐप्स कैसे चलते हैं? जवाब: इंस्टॉल पर एक बार नंबर वेरिफाई होता है, फिर सिम हटाने पर भी इंटरनेट से चलते रहते हैं।
सवाल: बदलाव से क्या फर्क पड़ेगा? जवाब: सिम एक्टिव न होने पर ऐप बंद, नया नंबर लेना पड़े तो री-रजिस्टर करना होगा।
सवाल: क्यों लाया गया ये नियम? जवाब: विदेश से इंडियन नंबर्स से फ्रॉड करने वालों को पकड़ना आसान होगा, स्पैम और स्कैम कम होंगे।
सवाल: वेब लॉगिन पर असर? जवाब: हर 6 घंटे लॉगआउट, QR से री-लॉगिन, सिम एक्टिव होनी जरूरी।
सवाल: दूसरे ऐप्स पर असर? जवाब: हां, ट्रूकॉलर, UPI ऐप्स, फेसबुक-इंस्टाग्राम जैसे नंबर-बेस्ड सर्विसेज प्रभावित होंगी।
सवाल: कब लागू? जवाब: तत्काल प्रभाव से, लेकिन कंपनियों को 90 दिन का grace period।

इस विषय से जुड़ी अन्य खबरें:

- इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने इसे 'ओवररीच' बताया, कहा कि ये fintech और e-commerce को भी प्रभावित करेगा (स्रोत: Indian Tech & Infra on X, 30 नवंबर 2025)
- साइबरसिक्योरिटी स्पेशलिस्ट्स का कहना है कि फ्रॉडस्टर्स आसानी से बायपास कर लेंगे, लेकिन traceability बढ़ेगी (स्रोत: MediaNama via India Today, 29 नवंबर 2025)
- COAI ने स्वागत किया, कहा स्पैम और फाइनेंशियल स्कैम्स पर लगाम लगेगी (स्रोत: Business Today, 29 नवंबर 2025)
- यूजर्स को डिवाइस स्विचिंग में दिक्कत हो सकती है, रिचार्ज कॉस्ट बढ़ने की आशंका (स्रोत: CA Puneet Lamba on X, 30 नवंबर 2025)
- ये नियम OTT कम्युनिकेशन को टेलीकॉम रेगुलेशन के दायरे में लाते हैं, पहली बार (स्रोत: The Siasat Daily, 29 नवंबर 2025)
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