Upcoming IPO: सिर्फ ₹15000 में Meesho पर रुमाल बेच बिना मुनाफे में साझेदारी का सार्वजनिक प्रस्ताव

बिजनेस डेस्क, 29 नवंबर 2025
: Meesho का नाम तो सुना ही होगा। कहते हैं यदि आप दुकानदार है तो बिना कमीशन दिए अपना प्रोडक्ट बेच सकते हैं। यदि बेरोजगार हैं तो विक्रेताओं के प्रोडक्ट प्रमोट करके पैसा कमा सकते हैं लेकिन अब एक ऐसा मौका आया है जब आप सिर्फ ₹15000 लगाकर मीशो के टोटल कारोबार में साझेदार बन सकते हैं। आपको एक रुमाल तक बेचने की जरूरत नहीं है और ना ही इसको सोशल मीडिया पर प्रमोट करने की जरूरत है। सब कुछ कंपनी करेगी और आप जब चाहोगे तब पैसा आपके बैंक अकाउंट में आ जाएगा।

1.0 Meesho Ltd का परिचय और विकास यात्रा

मीशो लिमिटेड कंपनी भारत के तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण और विघटनकारी खिलाड़ी के रूप में उभरा है। कंपनी ने विशेष रूप से टियर 2 और उससे आगे के शहरों में लाखों भारतीय उपभोक्ताओं के लिए ऑनलाइन शॉपिंग को सुलभ और किफायती बना दिया है। एक निवेशक के लिए, किसी भी कंपनी के आईपीओ का मूल्यांकन करने से पहले उसकी नींव, विकास के मील के पत्थर और व्यावसायिक प्रक्षेपवक्र को समझना महत्वपूर्ण है। यह खंड मीशो की स्थापना, इसके संस्थापकों की दृष्टि और उन प्रमुख विकास मैट्रिक्स पर प्रकाश डालता है जिन्होंने इसे आज भारत के सबसे बड़े ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस में से एक बना दिया है।

1.1 Meesho Limited की स्थापना और संस्थापक

कंपनी की स्थापना मूल रूप से 'Fashnear Technologies Private Limited' के नाम से 13 अगस्त, 2015 को हुई थी। बाद के वर्षों में, कंपनी ने अपनी बढ़ती पहचान को दर्शाने के लिए कई नाम परिवर्तन किए और अंततः 'Meesho Limited' के रूप में स्थापित हुई।
इसकी स्थापना दो दूरदर्शी उद्यमियों द्वारा की गई थी, जो कंपनी के प्रमोटर भी हैं:
  1. विदित आत्रे
  2. संजीव कुमार

1.2 Meesho Limited विकास की कहानी

अपनी स्थापना के बाद से, मीशो ने असाधारण वृद्धि दर्ज की है। यह ऑर्डर की संख्या और वार्षिक लेन-देन करने वाले उपयोगकर्ताओं (Annual Transacting Users) के मामले में भारत का सबसे बड़ा ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस बन गया है। यह उपलब्धि टियर 2+ शहरों के विशाल और कम सेवा वाले बाजार पर ध्यान केंद्रित करने और देश के बेहतर होते डिजिटल बुनियादी ढांचे का लाभ उठाने की इसकी रणनीति को दर्शाती है।

कंपनी के विकास को दर्शाने वाले प्रमुख मीट्रिक्स निम्नलिखित हैं:

वार्षिक लेन-देन करने वाले उपयोगकर्ता (ATUs): वित्त वर्ष 2023 में 136.40 मिलियन से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 198.77 मिलियन हो गए। यह वृद्धि 30 सितंबर, 2025 को समाप्त हुए बारह महीनों में और तेज हुई, जब ATUs की संख्या बढ़कर 234.20 मिलियन हो गई।
दिए गए ऑर्डर (Placed Orders): वित्त वर्ष 2023 में 1.02 बिलियन से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 1.83 बिलियन हो गए। हालिया आंकड़ों के अनुसार, 30 सितंबर, 2025 को समाप्त हुई केवल छह महीने की अवधि में 1.26 बिलियन ऑर्डर दिए गए, जो निरंतर वृद्धि की गति को दर्शाता है।

यह प्रभावशाली वृद्धि दर्शाती है कि मीशो ने सफलतापूर्वक भारत के उन उपभोक्ताओं को आकर्षित किया है जो कीमत के प्रति संवेदनशील हैं और ऑनलाइन शॉपिंग की दुनिया में नए हैं। कंपनी की सफलता उसके कुशल नेतृत्व और स्पष्ट दृष्टि से गहराई से जुड़ी हुई है, जिसका नेतृत्व उसके संस्थापक कर रहे हैं।

2.0 Meesho Limited के प्रमोटर और प्रबंधन

किसी भी कंपनी का भविष्य उसके नेतृत्व की क्षमता और अनुभव पर बहुत अधिक निर्भर करता है। निवेशकों के लिए प्रमोटरों और प्रमुख प्रबंधन की पृष्ठभूमि का आकलन करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कंपनी को रणनीतिक दिशा देने और चुनौतियों से निपटने की उनकी क्षमता को इंगित करता है।

2.1 विदित आत्रे (चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ)

शिक्षा: श्री आत्रे ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी की डिग्री प्राप्त की है।
अनुभव: वह कंपनी की स्थापना से ही इसके साथ जुड़े हुए हैं और इसके विकास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मीशो की शुरुआत से पहले, उन्होंने Inmobi Technologies और ITC Limited जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ काम किया था, जहाँ उन्होंने मूल्यवान अनुभव प्राप्त किया।

2.2 संजीव कुमार (फुल टाइम डायरेक्टर और CTO)

शिक्षा: श्री कुमार ने भी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), दिल्ली से कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी की डिग्री प्राप्त की है।
अनुभव: वह कंपनी की स्थापना के समय से ही इसके सह-संस्थापक रहे हैं। मीशो से पहले, उन्होंने Sony Mobile Communications के साथ काम किया, जिससे उन्हें प्रौद्योगिकी क्षेत्र में गहन विशेषज्ञता हासिल हुई।

आईआईटी दिल्ली जैसे प्रमुख संस्थान से संस्थापकों की मजबूत तकनीकी पृष्ठभूमि कंपनी के प्रौद्योगिकी-प्रथम, एआई-संचालित व्यापार मॉडल का एक मुख्य कारण है, जो निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है। दोनों प्रमोटरों का तकनीकी और व्यावसायिक अनुभव कंपनी के अद्वितीय और प्रौद्योगिकी-संचालित व्यापार मॉडल की मजबूत नींव बनाता है।

3.0 Meesho का बिजनेस मॉडल

मीशो का व्यापार मॉडल इसे भारत के पारंपरिक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से अलग करता है। यह एक अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र पर काम करता है जिसे विशेष रूप से भारत के मूल्य-संवेदनशील बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका मॉडल लागत को कम करने और पहुंच को अधिकतम करने पर केंद्रित है।

मीशो के व्यापार मॉडल के प्रमुख पहलू निम्नलिखित हैं:
प्रमुख हितधारक: यह प्लेटफॉर्म चार प्रमुख समूहों को एक साथ लाता है:
  1. उपभोक्ता (Consumers): जिन्हें किफायती उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुंच मिलती है।
  2. विक्रेता (Sellers): जिनमें ज्यादातर छोटे और क्षेत्रीय व्यवसाय शामिल हैं, जिन्हें एक राष्ट्रव्यापी बाजार मिलता है।
  3. लॉजिस्टिक्स पार्टनर (Logistics Partners): जो ऑर्डर की डिलीवरी को सक्षम करते हैं।
  4. कंटेंट क्रिएटर (Content Creators): जो उत्पादों को बढ़ावा देकर उनकी खोज और बिक्री में मदद करते हैं।

जीरो-कमीशन मॉडल: मीशो की सबसे विशिष्ट विशेषताओं में से एक यह है कि यह विक्रेताओं से कोई कमीशन नहीं लेता है। यह मॉडल विक्रेताओं को अपने उत्पादों की कीमतें प्रतिस्पर्धी रखने की अनुमति देता है, जिससे उपभोक्ताओं के लिए प्लेटफॉर्म पर कीमतें कम रहती हैं।
रेवेन्यू सोर्स: कंपनी का राजस्व मुख्य रूप से उन विज्ञापन सेवाओं से आता है जो वह अपने प्लेटफॉर्म पर विक्रेताओं को प्रदान करती है। विक्रेता अपने उत्पादों की दृश्यता बढ़ाने के लिए इन सेवाओं का उपयोग करते हैं।
"वाल्मो" लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म: मीशो सीधे लॉजिस्टिक्स संपत्ति का मालिक नहीं है। इसके बजाय, यह "वाल्मो" नामक एक प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म का उपयोग करता है जो कई तृतीय-पक्ष लॉजिस्टिक्स भागीदारों को एकीकृत करता है। यह एसेट-लाइट मॉडल ऑर्डर डिलीवरी को कुशलतापूर्वक और लागत-प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करता है। इस प्लेटफॉर्म को तेजी से अपनाया गया है, जो इसकी रणनीतिक सफलता को दर्शाता है; वित्त वर्ष 2023 में वाल्मो ने कुल भेजे गए ऑर्डरों में 1.83% का योगदान दिया, जो वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 19.55% और वित्त वर्ष 2025 में 48.08% हो गया।

इस अनूठे व्यापार मॉडल को समझना कंपनी की भविष्य की विकास योजनाओं और रणनीतियों का आकलन करने के लिए आवश्यक है।

4.0 Meesho Limited: भविष्य की योजनाएं, विकास रणनीति

मीशो ने अपनी बाजार स्थिति को मजबूत करने और भविष्य के विकास को गति देने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति तैयार की है। ये योजनाएं कंपनी की महत्वाकांक्षाओं को दर्शाती हैं कि वह भारत के ई-कॉमर्स परिदृश्य में अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखे।

कंपनी की प्रमुख विकास रणनीतियाँ निम्नलिखित हैं:

1. किफायती ई-कॉमर्स तक पहुंच बढ़ाना: ई-कॉमर्स को और भी अधिक किफायती और सुलभ बनाकर, विशेष रूप से भारत के टियर 2+ शहरों में, अपने उपयोगकर्ता आधार का विस्तार करना।
2. उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाना: प्लेटफॉर्म पर उपभोक्ता अनुभव को गहरा करने और जुड़ाव बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना ताकि उपयोगकर्ता बार-बार खरीदारी करें।
3. विक्रेता पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार: अधिक विक्रेताओं को अपने प्लेटफॉर्म से जोड़ना और उन्हें सफल होने में मदद करने के लिए बेहतर उपकरण और सेवाएं प्रदान करके उनके लिए प्लेटफॉर्म के मूल्य को बढ़ाना।
4. प्रौद्योगिकी और AI में निवेश: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी और उत्पाद विकास में निवेश जारी रखना, ताकि वैयक्तिकरण और दक्षता में सुधार हो सके।
5. लॉजिस्टिक्स दक्षता: अपने "वाल्मो" प्लेटफॉर्म के माध्यम से लॉजिस्टिक्स लागत को और कम करना, जिससे विक्रेताओं के लिए लागत कम हो और उपभोक्ताओं के लिए कीमतें प्रतिस्पर्धी बनी रहें।
6. मुद्रीकरण बढ़ाना: विज्ञापन जैसी अपनी मौजूदा सेवाओं को बढ़ाकर और नए मुद्रीकरण के अवसर तलाशकर प्लेटफॉर्म पर कैश फ्लो उत्पन्न करना।
7. अधिग्रहण के अवसर तलाशना: रणनीतिक अधिग्रहण और साझेदारी के माध्यम से अजैविक विकास के अवसरों की खोज करना जो इसके मौजूदा व्यवसाय को पूरक बना सकें।

इन महत्वाकांक्षी योजनाओं को साकार करने के लिए आवश्यक पूंजी जुटाने में यह आईपीओ एक महत्वपूर्ण कदम है।

5.0 Meesho Limited: IPO से जुटाई गई राशि का क्या उपयोग करेगी

निवेशकों के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि कंपनी आईपीओ से जुटाई गई धनराशि का उपयोग कैसे करेगी, क्योंकि यह कंपनी की रणनीतिक प्राथमिकताओं को दर्शाता है। मीशो का प्रस्ताव फ्रेश इश्यू के माध्यम से ₹42,500 मिलियन तक जुटाने का है। इस पूंजी का उपयोग मुख्य रूप से विकास और प्रौद्योगिकी विस्तार से जुड़ी पहलों को निधि देने के लिए किया जाएगा।

प्रस्तावित उपयोगों का विवरण नीचे दी गई तालिका में दिया गया है:

क्रम संख्या. उपयोग का उद्देश्य - अनुमानित राशि (₹ मिलियन में)
I. क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश (MTPL, सहायक कंपनी) - 13,900
II. AI/ML और प्रौद्योगिकी टीमों के लिए वेतन का भुगतान - 4,800
III. मार्केटिंग और ब्रांडिंग पहलों में निवेश - 10,200
IV. अधिग्रहण और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्य - (निर्धारित किया जाना है)

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आईपीओ में केवल नई पूंजी जुटाना ही शामिल नहीं है, बल्कि मौजूदा शेयरधारकों द्वारा शेयरों की बिक्री (ऑफर फॉर सेल) भी शामिल है।

6.0 ऑफर फॉर सेल (OFS) का विवरण

'ऑफर फॉर सेल' (OFS) आईपीओ का वह हिस्सा है जिसमें कंपनी के मौजूदा शेयरधारक, जैसे कि प्रमोटर और शुरुआती निवेशक, अपने कुछ या सभी शेयर जनता को बेचते हैं। इस बिक्री से प्राप्त होने वाली आय सीधे बेचने वाले शेयरधारकों को जाती है, न कि कंपनी को।

मीशो के आईपीओ में, प्रमोटरों और कई प्रमुख निवेशकों सहित मौजूदा शेयरधारक कुल 105,513,839 इक्विटी शेयरों की पेशकश कर रहे हैं। OFS में भाग लेने वाले कुछ प्रमुख शेयरधारकों का विवरण नीचे दिया गया है:
विदित आत्रे प्रमोटर - 16,000,000
संजीव कुमार प्रमोटर - 16,000,000
SVF II Meerkat (DE) LLC निवेशक - 17,046,720
Naspers Ventures B.V. निवेशक - 14,082,180
Elevation Capital V Limited - निवेशक 8,801,340
कुल ऑफर फॉर सेल - 105,513,839

निवेशकों के लिए कंपनी के प्रदर्शन और भविष्य की संभावनाओं का मूल्यांकन करते समय कानूनी विवादों और शिकायतों जैसे कारकों पर भी विचार करना आवश्यक है।

7.0 Meesho Limited कंपनी और प्रमोटरों से जुड़े विवाद

किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले, उसके कानूनी और नियामक जोखिमों का आकलन करना एक महत्वपूर्ण कदम है। ये विवाद कंपनी के संचालन, प्रतिष्ठा और वित्तीय स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकते हैं। मीशो, अपने प्रमोटरों सहित, कई कानूनी कार्यवाहियों में शामिल है।

7.1 कंपनी के खिलाफ मामले

नकली सामान: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने प्लेटफॉर्म पर कथित रूप से नकली और नकली सामानों की बिक्री के संबंध में कंपनी को एक नोटिस जारी किया है।
कर्मचारी विवाद: एक पूर्व कर्मचारी ने कंपनी के खिलाफ अवैध बर्खास्तगी का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है।
आपराधिक कार्यवाही (FIRs): कंपनी के खिलाफ कई FIR दर्ज की गई हैं, जो प्लेटफॉर्म पर विक्रेताओं से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर हैं, जैसे बिना लाइसेंस के दवाएं बेचना।

7.2 कंपनी द्वारा दायर मामले

विक्रेता धोखाधड़ी: कंपनी ने उन विक्रेताओं के खिलाफ FIR दर्ज की है जिन्होंने कंपनी की प्रतिपूर्ति नीति का दुरुपयोग करके धोखाधड़ी की है।
धोखाधड़ी: अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है जिन्होंने कंपनी के लॉजिस्टिक्स व्यवसाय "वाल्मो" का प्रतिरूपण किया और विक्रेताओं से धोखाधड़ी की।

7.3 प्रमोटरों के खिलाफ मामले

विक्रेताओं ने कंपनी के प्रमोटरों, विदित आत्रे और संजीव कुमार, के खिलाफ कथित रूप से प्रतिपूर्ति का भुगतान न करने और धोखाधड़ी के लिए FIR दर्ज की हैं।

ये विवाद उन कई जोखिमों का हिस्सा हैं जिनके बारे में निवेशकों को आईपीओ में निवेश करने से पहले पता होना चाहिए, जिनका विस्तृत विश्लेषण अगले खंड में किया गया है।

8.0 Meesho Limited: इन्वेस्टर्स के लिए मुख्य जोखिम कारक

किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले कंपनी से जुड़े जोखिम कारकों को समझना सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। ये जोखिम, जो कंपनी के प्रॉस्पेक्टस से लिए गए हैं, इसके व्यवसाय, वित्तीय स्थिति और भविष्य के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं।

8.1 व्यापार और संचालन संबंधी जोखिम

नुकसान का इतिहास: कंपनी का लगातार नुकसान और नकारात्मक कैश फ्लो का इतिहास रहा है। भविष्य में लाभप्रदता हासिल करने या बनाए रखने की कोई गारंटी नहीं है।
प्रतिस्पर्धा: कंपनी को अन्य स्थापित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों और पारंपरिक खुदरा विक्रेताओं से तीव्र प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है, जिनके पास अधिक वित्तीय संसाधन हो सकते हैं।
कैश ऑन डिलीवरी (CoD) पर निर्भरता: CoD ऑर्डर का एक बड़ा हिस्सा उच्च रिटर्न दर, ऑर्डर रद्द होने और नकदी प्रबंधन से जुड़े जोखिमों को बढ़ाता है, जो कैश फ्लो को प्रभावित कर सकता है।
प्रौद्योगिकी विफलता: कंपनी का व्यवसाय अपने प्रौद्योगिकी के बुनियादी ढांचे पर बहुत अधिक निर्भर है। सिस्टम में कोई भी रुकावट या विफलता संचालन को बाधित कर सकती है और उपयोगकर्ता अनुभव को नुकसान पहुंचा सकती है।
साइबर सुरक्षा: डेटा या गोपनीयता का उल्लंघन कंपनी की प्रतिष्ठा को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है और इसके परिणामस्वरूप वित्तीय दंड भी हो सकता है।

8.2 वित्तीय जोखिम

आकस्मिक देनदारियां: कंपनी पर महत्वपूर्ण आकस्मिक देनदारियां हैं, जिनमें कर विवाद भी शामिल हैं, जैसे कि ₹5,720.69 मिलियन का आयकर विवाद। यदि ये देनदारियां साकार होती हैं, तो इसका वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
कर्मचारी टर्नओवर: कंपनी ने उच्च कर्मचारी टर्नओवर दर (attrition rate) का अनुभव किया है (वित्त वर्ष 2024 में 52.04%)। प्रतिभाशाली कर्मचारियों को आकर्षित करने और बनाए रखने में विफलता नवाचार और विकास को बाधित कर सकती है।

8.3 कानूनी और नियामक जोखिम

लंबित मुकदमेबाजी: "विवाद" खंड में उल्लिखित कानूनी मामलों में एक प्रतिकूल परिणाम कंपनी के व्यवसाय, प्रतिष्ठा और वित्तीय स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
कानूनी बदलाव: भारत में ई-कॉमर्स और गिग वर्कर्स से संबंधित कानूनों में बदलाव कंपनी के संचालन मॉडल को प्रभावित कर सकते हैं और परिचालन लागत बढ़ा सकते हैं।

8.4 Meesho IPO से संबंधित जोखिम

धन का उपयोग: इस बात का कोई आश्वासन नहीं है कि आईपीओ से प्राप्त आय का उपयोग कंपनी के लिए लाभ उत्पन्न करेगा या शेयरधारकों के लिए मूल्य बढ़ाएगा। प्रबंधन के पास धन के उपयोग में व्यापक विवेक होगा।
शेयर मूल्य में अस्थिरता: लिस्टिंग के बाद इक्विटी शेयरों का बाजार मूल्य विभिन्न कारकों के कारण अस्थिर हो सकता है, जिनमें से कई कंपनी के नियंत्रण से बाहर हैं।
भविष्य में कमजोर पड़ना (Dilution): भविष्य में कर्मचारी स्टॉक विकल्पों के प्रयोग या अतिरिक्त शेयर जारी करने से मौजूदा शेयरधारकों की हिस्सेदारी कम हो सकती है, जिससे प्रति शेयर आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

डिस्क्लेमर: यह समाचार एवं जानकारी इन्वेस्टर्स को एजुकेशन के उद्देश्य से प्रकाशित की गई है। हम शेयर मार्केट में किसी भी कंपनी में इन्वेस्टमेंट का समर्थन या विरोध नहीं करते।
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