Karmachari News: 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के ToR पर AIDEF+ CCGEW को आपत्ति

8th Pay Commission की अधिसूचना जारी हो चुकी है। केंद्र सरकार द्वारा 3 सदस्य पैनल का गठन भी कर दिया गया है। आठवें केंद्रीय वेतन आयोग की अध्यक्षता न्यायमूर्ति रंजन गोगोई देसाई (रंजना प्रकाश देसाई) करेंगी। लंबे इंतजार के बाद केंद्र सरकार ने आठवीं वेतन आयोग के ToR - टर्म्स ऑफ़ रेफरेंस भी जारी कर दिए हैं और इसी के साथ सरकार एवं कर्मचारी संगठन के बीच तनाव शुरू हो गया है। कर्मचारी संगठनों ने ToR पर आपत्ति दर्ज कराते हुए इसको कर्मचारियों के भविष्य के लिए हानिकारक बताया है। 

कर्मचारी यूनियनों ने TOR को बताया एकतरफा

अधिसूचना जारी होते ही कई कर्मचारी यूनियनों ने TOR पर आपत्ति जताई है। सबसे पहले ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉयीज फेडरेशन (AIDEF) ने सरकार को पत्र लिखकर TOR में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं की कमी और असंगतियों का आरोप लगाया था। अब, एक और प्रमुख यूनियन कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉयीज ऐंड वर्कर्स (CCGEW) ने भी वही चिंताएं दोहराई हैं। CCGEW लगभग 8 लाख केंद्रीय कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करती है, जिनमें पोस्ट, आयकर, ऑडिट, सर्वे, CGHS, CPWD, जनगणना, BSI, GSI, ISRO आदि विभागों के कर्मचारी शामिल हैं। 

CCGEW ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर चिंता जताई 

CCGEW ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि ToR के कुछ अहम पहलुओं में संशोधन की आवश्यकता है ताकि कर्मचारियों और पेंशनरों के हित सुरक्षित रह सकें। यूनियन ने स्पष्ट कहा, "हम 8वें वेतन आयोग की टर्म्स ऑफ रेफरेंस में आवश्यक संशोधन की मांग करते हैं।"
- विभिन्न पेंशन योजनाओं के तहत पेंशन व अन्य पेंशनरी लाभों का संशोधन किया जाए।
- ToR से "गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं की अप्रदत्त लागत" जैसे शब्द हटाए जाएं।
- पुरानी पेंशन योजना (OPS), यूनिफाइड पेंशन स्कीम और NPS के करीब 69 लाख पेंशनरों की पेंशन पुनरीक्षण, पेंशन समानता, कम्यूटेशन की बहाली आदि पर कोई स्पष्ट नीति ToR में नहीं है। 
यूनियन ने कहा कि यह स्थिति बेहद अस्पष्ट है और पेंशनरों के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।

व्यापक समीक्षा की मांग

कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉयीज ऐंड वर्कर्स ने यह भी मांग की कि 8वां वेतन आयोग निम्नलिखित बिंदुओं पर ठोस सिफारिश करेः
-पेंशन की कम्यूटेड राशि की बहाली 11 साल बाद हो, जैसा कई समितियों ने सुझाया है।
- हर 5 वर्ष में उच्च आयु वर्ग के पेंशनरों को अतिरिक्त पेंशन दी जाए (संसदीय समिति की सिफारिश के अनुरूप)।
- पेंशनरों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ सुनिश्चित की जाएँ।
- CGEGIS (केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों का बीमा योजना) की पूरी समीक्षा और इसमें सुधार।

8वें वेतन आयोग की सिफारिशें कब से लागू होंगी, यह तो बताइए

इससे पहले AIDEF ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में ToR में एक बड़ी कमी का उल्लेख किया था कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें कब से लागू होंगी, इसका कोई जिक्र नहीं है। बता दें कि 7वें वेतन आयोग की TOR में इस बात का स्पष्ट उल्लेख था कि सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू होंगी। लेकिन 8वें वेतन आयोग की ToR में यह महत्वपूर्ण बिंदु पूरी तरह गायब है, जिससे कर्मचारियों के बीच असंतोष है। 

69 लाख पेंशनरों को लेकर ToR पर आपत्ति

AIDEF ने दावा किया कि वर्तमान ToR 69 लाख पेंशनरों के हितों की अनदेखी करता है, क्योंकि पेंशन पुनरीक्षण या पेंशन समानता पर कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं दिया गया है। फेडरेशन ने इसे "दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित" बताया। 
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