डिंडौरी, 25 नवंबर 2025: जिले के अमरपुर में स्थित सांदीपनी स्कूल के एक शिक्षक पर गंभीर आरोप लगे हैं। स्कूल की कुछ छात्राओं ने शिक्षक प्रशांत साहू पर वॉट्सऐप के जरिए आपत्तिजनक मैसेज भेजने, आई लव यू लिखकर परेशान करने और अकेले मिलने का दबाव बनाने का इल्ज़ाम लगाया है। छात्राओं का कहना है कि मना करने पर उन्हें अंग्रेजी और केमिस्ट्री की परीक्षा में कम नंबर देने की धमकी भी दी जाती थी।
घर के बाहर मिलने को मजबूर करते हैं
सोमवार को कई छात्राएं उपसरपंच सेंसी चंदौल और एक महिला शिक्षक के साथ थाने पहुंचीं और वॉट्सऐप चैट के स्क्रीनशॉट समेत सभी सबूत पुलिस को सौंपे। एक छात्रा ने शिकायत में बताया कि प्रशांत साहू रात में भी मैसेज करके घर के बाहर मिलने को मजबूर करते थे। 21 नवंबर की रात को तो एक सहेली को रात दस बजे बाहर बुलाया और न आने पर घर पर हंगामा करने की धमकी दी गई।
प्रशांत साहू के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज
मामला सामने आते ही सिटी कोतवाली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और प्रशांत साहू के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 78, 79 तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 11 व 12 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली। थाना प्रभारी दुर्गा प्रसाद नगपुरे ने बताया कि जांच चल रही है और जल्द ही आरोपी को हिरासत में लिया जाएगा।
डिंडोरी में शिक्षक प्रशांत साहू सस्पेंड
शिक्षा विभाग ने भी सख्ती दिखाई। जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त राजेंद्र कुमार जाटव ने शिक्षक को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया और करंजिया विकासखंड शिक्षा कार्यालय में अटैच कर दिया है। साथ ही स्वतंत्र जांच के लिए एक अन्य प्राचार्य को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
यह शिक्षक साल 2023 में ही डिंडौरी जिले में नियुक्त हुआ था और अभी प्रोबेशन पीरियड में था। अब उसके करियर पर गहरा संकट मंडरा रहा है।
अतिरिक्त जानकारी जो इस तरह के मामलों में अक्सर देखी जाती है:
- पॉक्सो एक्ट के तहत ऐसे अपराधों में सजा 5 साल से लेकर उम्रकैद तक हो सकती है, और जमानत मिलना बेहद मुश्किल होता है।
- मध्य प्रदेश में पिछले दो-तीन सालों में स्कूलों में बच्चों के साथ दुर्व्यवहार के सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं; ज्यादातर मामलों में शिक्षक या स्टाफ ही आरोपी होते हैं।
- विशेषज्ञों का मानना है कि स्कूलों में सीसीटीवी, महिला स्टाफ की मौजूदगी और बच्चों को “गुड टच-बैड टच” की ट्रेनिंग अनिवार्य होनी चाहिए।
- अगर आपके आसपास भी कोई बच्चा असहज महसूस कर रहा हो तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 या पुलिस हेल्पलाइन 112 पर संपर्क करें – देर करने से बच्चे का मनोबल टूटता है और अपराधी को बचने का मौका मिलता है।
बच्चों की सुरक्षा सबसे ऊपर है, ऐसे मामलों में चुप्पी तोड़ना ही सबसे बड़ा हथियार है।
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