भोपाल, 28 नवंबर 2025: भारतीय जनता पार्टी के नेता जिस अपराध को "लव जिहाद" का नाम देते हैं, उसमें भोपाल कोर्ट ने अमर बनकर लड़की को झूठे प्यार के जाल में फंसने वाले अकरम को 10 साल जेल की सजा सुनाई है।
कैसे कह सकते हो प्यार नहीं लव जिहाद था
मामला एमपी नगर थाने क्षेत्र का और घटना 16 अक्टूबर 2022 की है। पीड़ित युवती ने पेंटर तलाशते हुए गलती से आरोपी के मोबाइल नंबर पर कॉल कर दी थी। यह एक रॉन्ग कॉल था, लेकिन अकरम के लिए लव जिहाद की अपॉर्चुनिटी थी। अकरम ने महिला का नंबर सेव कर उसे लगातार वॉट्सऐप पर मैसेज भेजना शुरू कर दिया। उसने खुद को अमर कुशवाहा बताया। विश्वास जीतने के लिए उसने खुद को पेंटर भी बताया और पेंटर के रूप में फोटो क्लिक करवा कर व्हाट्सएप पर भेजी। कृपया नोट कीजिए कि यहां तक अकरम ने लड़की को देखा तक नहीं था, फिर भी पीछे पड़ गया था, क्योंकि यह प्यार नहीं लव जिहाद था।
फिजिकल रिलेशन बनते ही असली रूप में आ गया
अकरम ने सबसे पहले लड़की को मिलने के लिए मिलन रेस्टोरेंट बुलाया ताकि विश्वास को और अधिक जीता जा सके। यहां उसे दूसरी जानकारी मिली। लड़की अपने लिए जॉब सर्च कर रही थी। अकरम ने मौके का फायदा उठाया और नौकरी दिलवाने के बहाने बोर्ड ऑफिस बुलाया। यहां से इंटरव्यू के बहाने कान्हा होटल ले गया।होटल के कमरे में आरोपी ने पीड़िता को अंदर बैठाया और कहा कि उसका बॉस आने वाला है। थोड़ी देर बाद कमरा बंद कर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद कहा कि मेरा असली नाम मोहम्मद अकरम है। मैंने ठान लिया था कि तुम्हारा धर्म परिवर्तन कराकर तुम्हें अपनी बेगम बनाऊंगा। इसलिए मजबूर करने के लिए यह किया।
कोर्ट ने माना – जानबूझकर बनाया गया आपराधिक षड्यंत्र
अभियोजन ने कोर्ट में साबित किया कि आरोपी ने शुरुआत से ही महिला को धोखे में रखकर अपराध की योजना बनाई थी। इसी आधार पर विशेष न्यायाधीश ने अकरम को 10 साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई।
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