मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर के दामन पर एक और दाग लग गया है। मुरैना में आम रास्ते को जाम करके उनके बेटे प्रबल प्रताप सिंह तोमर की बर्थडे पार्टी मनाई गई, रोड शो किया गया। इस दौरान दो एंबुलेंस कई घंटे तक ट्रैफिक जाम में फंसी रही। एक एंबुलेंस में एक नवजात शिशु था। उसके दिल में छेद है, उसे इमरजेंसी में जयपुर ले जाया जा रहा था।
नरेंद्र तोमर के समर्थकों ने 50 किलोमीटर लंबा जाम लगा दिया
नेता पुत्र प्रबल प्रताप सिंह तोमर का जन्मदिन 3 अक्टूबर को था। इस मौके पर उनके समर्थकों ने बड़ा जुलूस निकाला। जो उनके गांव औरेठी के आसमानी माता मंदिर से शुरू होकर मुरैना के बैरियर चौराहे पर पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस तक चला। ये दूरी करीब 50 किलोमीटर की रही। इस दौरान ट्रैफिक नियमों का खुला उल्लंघन किया गया। नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे के बर्थडे पर आयोजित रोड शो के कारण 50 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। इस कार्यक्रम के लिए एसडीएम ने परमिशन दी थी लेकिन ट्रैफिक जाम के समय एसडीएम मौके पर नहीं थे।
नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे ने एंबुलेंस को भी रास्ता नहीं दिया
जिला अस्पताल के एम्बुलेंस चालक रामचरित्र पिप्पल ने बताया कि उन्हें एक महीने के नवजात बच्चे को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराने ले जाना था। बच्चे के दिल में छेद है। उसे तुरंत रेफर किया गया, लेकिन जुलूस के कारण हम घंटों फंसे रहे। मेरे साथ एक और एम्बुलेंस भी थी, वो भी रुक गई। साहब, जाम की मत पूछो, बड़े नेता लोग हैं, कुछ भी कर सकते हैं।
भाजपा ने कहा हमारा कार्यक्रम नहीं था, ADM बोले हमने परमिशन नहीं दी
विधानसभा अध्यक्ष के बेटे के बर्थडे पर निकले जुलूस से हुई अव्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन और भाजपा दोनों ने पल्ला झाड़ लिया है। भाजपा जिला अध्यक्ष कमलेश कुशवाह ने कहा कि यह भाजपा का कार्यक्रम नहीं था, ना ही पार्टी की ओर से कोई अनुमति ली गई। यह उनके समर्थकों ने निजी स्तर पर आयोजित किया। वहीं मुरैना के एडीएम अश्वनी कुमार रावत ने कहा कि परमिशन हमारे स्तर से नहीं दी जाती, यह काम एसडीएम कार्यालय का होता है। मुझे इस कार्यक्रम की जानकारी नहीं है।”
एसडीएम ने फोन रिसीव नहीं किया
जब एसडीएम भूपेंद्र सिंह कुशवाह से इस रैली की अनुमति को लेकर संपर्क करना चाहा, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। कई बार कॉल करने के बाद भी उन्होंने फोन काट दिया और प्रतिक्रिया देने से बचते रहे।
नरेंद्र सिंह और प्रबल प्रताप के खिलाफ पब्लिक में आक्रोश
जुलूस के कारण हुई अव्यवस्था को लेकर लोगों ने भी गुस्सा जताया है। लोगों का कहना है कि सड़क पर निकलने वाले जुलूसों के दौरान प्रशासनिक नियंत्रण पूरी तरह से नदारद था। बीमार मरीजों की एम्बुलेंस जुलूस में फंसती रही, लेकिन किसी नेता या आयोजक ने ध्यान नहीं दिया। क्या कानून सिर्फ आम नागरिकों के लिए हैं, नेताओं और उनके परिजनों के लिए नहीं।