MPPSC 2019 के खिलाफ अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट में एक और झटका, चीफ जस्टिस सुनवाई नहीं करेंगे

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर द्वारा आयोजित राज्य प्रशासनिक सेवा परीक्षा 2019 के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिकाओं के मामले में, याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थियों को आज एक और झटका लगा। सरकार की आपत्ति के बाद चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवाई करने से इनकार कर दिया और याचिका को मध्य प्रदेश की अन्य याचिकाओं के साथ संलग्न कर दिया।

हाई कोर्ट ने दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया है

मध्य प्रदेश राज्य प्रसानिक सेवा परीक्षा 2019 से मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की चयन प्रक्रिया हेतु GAD द्वारा महाधिवक्ता कार्यालय के अभिमत के आधार पर जारी परिपत्र दिनांक 29/9/22 के विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका क्रमांक WP/24847/2022 तथा याचिका क्रमांक WP/24247/2022 (दीपक कुमार पटेल तथा हरिशंकर बरोदिया) द्वारा दायर की गई थी। हाईकोर्ट की डिविजन बैंच क्रमांक –II के न्यायमूर्ति शील नागू तथा न्यायमूर्ति वीरेंदर सिंह की खंडपीठ द्वारा याचिकाएं ख़ारिज करते हुए आयोग द्वारा की जा रही चयन /भर्ती प्रक्रिया में दखल देने से साफ़ इनकार कर दिया गया था। 

सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की गई है

हाईकोर्ट के उक्त दोनों आदेशो के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में SLP (c) 8764/2023 तथा 12398/2023 दायर की गई है। उक्त दोनों याचिकाओं में लोक सेवा आयोग द्वारा जबाब दाखिल करके अपनाई जा रही प्रक्रिया को सही करार दिया गया है। उक्त दोनों याचिकाओं में मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से याचिका में उठाए गए मुद्दों पर जबाब दाखिल नही किया गया है। उक्त दोनों याचिकाओं की सुनवाई माननीय मुख्य न्यायमूर्ति बी.आर. गबई तथा JUSTICE K. VINOD CHANDRAN की खंडपीठ में दिनांक 17/10/2025 को सूचीबद्ध थी। 

सरकार की ओर से पृथक सुनवाई को लेकर आपत्ति दर्ज की गई

सुनवाई के दरम्यान मध्य प्रदेश सरकार की ओर से अटर्नी जनरल Mr. R. Venkataramani तथा सोलिटर जनरल आफ इंडिया Mr. Tushar Mehta सहित  Mr. K. M. Nataraj ने याचिकाओं की प्रथक से चीफ जस्टिस की बैंच में सुनवाई किए जाने पर कठोर आपत्ति जताते हुए बताया गया कि मध्य प्रदेश राज्य के समस्त मामले एक अन्य बैंच में लंबित है, जिसके साथ इन मामलो को भी लिंक कर दिया जाए तथा मध्य प्रदेश सरकार की और से श्री तुषार मेहता द्वारा T.P.(C) No. 1120 of 2023 (now renumbered as T.C.(C) No. 12 of 2025) की आदेश पत्रिका मुख्य न्यायमूर्ति के समक्ष पेश की गई। 

याचिकाकर्ताओ क्या अधिवक्ताओं ने विरोध किया

जिसका याचिकाकर्ताओ के अधिवक्ता Mr. Ajit S. Bhasme, Sr. Ad., Mr. Rameshwar Singh Tahkur, Sr. Adv. Mr. Varun Thakur, Adv. Vinayak shah adv. ने विरोध करते हुए कहा गया की उक्त मामला EWS से संबंधित है तथा उक्त मामले से इस मामले की कोई समानता नही है। 

सुप्रीम कोर्ट सरकार के पक्ष से सहमत

सुप्रीम कोर्ट ने उक्त दोनों मामलो को T.C.(C) No. 12 of 2025 से टैग कर दिया गया है, जिसकी आगामी सुनवाई 09/11/25 को जस्टिस नर्सिम्मा की खंडपीठ में होगी।
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