मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सभी कर्मचारियों के लिए मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से e-Attendence अनिवार्य कर दी गई है, लेकिन हजारों शिक्षकों द्वारा आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। डिपार्टमेंट ने ऐसे शिक्षकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है। ऐसा ही एक कारण बताओ नोटिस और उसका जवाब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें महिला शिक्षक ने लिख कर दिया है कि, मेरे पर्सनल फोन पर आप किसी भी मोबाइल एप्लीकेशन के उपयोग करने का आदेश नहीं दे सकते हैं। मैं अपने पर्सनल स्मार्टफोन से e-Attendence नहीं लगाऊंगी।
निजी संपत्ति के उपयोग का आदेश विभाग कैसे दे सकता है?
मामला शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महाराजपुर का है। प्राचार्य ने दिनांक 17 अक्टूबर 2025 को उच्च माध्यमिक शिक्षक श्रीमती ज्योति पांडे को कारण बता नोटिस दिया था। महिला शिक्षक ने 6 बिंदुओं के साथ इसका जवाब दिया। इसमें उन्होंने स्पष्ट लिखा कि मेरे पास जो इस एंड्रॉयड स्मार्टफोन है वह शासन की नहीं बल्कि मेरी निजी संपत्ति है, और मेरी निजी संपत्ति का मुझे क्या उपयोग करना है इसका आदेश विभाग नहीं दे सकता है। उन्होंने कहा कि मेरे निजी स्मार्टफोन में मेरी निजी जानकारी, वित्तीय जानकारी और परिवार के फोटो भी हैं। जब तक मुझे सुरक्षा की गारंटी नहीं मिलती, मैं किसी भी मोबाइल एप्लीकेशन को डाउनलोड नहीं करूंगी।
उन्होंने अपने जवाब में लिखा है कि शासन को किसी मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से अपनी लोकेशन, अपने स्मार्टफोन के कैमरे और फोटो का एक्सेस देना, निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। यदि शासन द्वारा इलेक्ट्रॉनिक उपस्थिति के लिए अलग से कोई स्मार्टफोन दिया जाता है, या डिवाइस दी जाती है तो मुझे आदेश मानने में कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने अपने जवाब में यह भी बताया कि उपरोक्त सभी पांच बिंदुओं के संदर्भ में माननीय उच्च न्यायालय में एक याचिका प्रक्रिया के अधीन है।
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