लंबे समय के बाद एक बार फिर लोकपाल भारत की सुर्खियों में है। सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। सब कुछ इसलिए हो रहा है क्योंकि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए गठित किए गए लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्य अपनी शासकीय यात्रा के लिए BMW खरीद रहे हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट के विद्वान न्यायमूर्ति सेडान कार में आते जाते हैं।
एएम खानविलकर को लोकपाल का चेयरमैन होना चाहिए या नहीं?
दरअसल, यह पूरा मामला तब सामने आया जब लोकपाल ने 16 अक्टूबर को टेंडर जारी किया। टेंडर में कहा गया कि संस्था को बीएमडब्ल्यू (BMW) 3 सीरीज़ 330Li एम स्पोर्ट (लॉन्ग व्हीलबेस) सफेद रंग) की 7 गाड़ियां चाहिए। हर गाड़ी की कीमत लगभग 69.5 लाख रुपये बताई गई है। ये कारें लोकपाल के चेयरमैन जस्टिस एएम खानविलकर (सेवानिवृत्त) और अन्य छह सदस्यों के लिए खरीदी जा रही हैं। इसके बाद पूरे देश में चर्चा तेज हो गई। लोग इस मुद्दे को अपने नजरिया और पार्टी लाइन के हिसाब से आगे बढ़ा रहे हैं लेकिन एक सवाल सर्वत्र उपस्थित है, एएम खानविलकर को लोकपाल का चेयरमैन होना चाहिए या नहीं?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, जब सुप्रीम कोर्ट के माननीय जज सादे सिडान कारों में चलते हैं, तो लोकपाल के चेयरमैन और छह सदस्यों को BMW की क्या जरूरत है? जनता के पैसों से इन गाड़ियों की खरीद क्यों की जा रही है? उम्मीद है कि लोकपाल के कम से कम एक या दो सदस्य इन कारों को लेने से इनकार करेंगे। हालांकि, अब तक लोकपाल की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
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