मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2025 के शुरू होने से पहले ही विवाद शुरू हो गए हैं। बताया जा रहा है कि, परीक्षा में गड़बड़ियों और डाटा लीक के लिए बदनाम कंपनी को परीक्षा करवाने का काम दे दिया गया है। एडमिट कार्ड जारी किया तो उसके साथ परीक्षा केंद्र का पता भी बता दिया। जबकि नियम अनुसार परीक्षा के सिर्फ दो दिन पहले ही केंद्र का नाम पता दिया जाता है ताकि कोई कैंडिडेट परीक्षा केंद्र पर जाकर कोई सेटिंग ना कर पाए।
पुलिस विभाग की सभी भर्ती परीक्षाओं का काम ऐसी कंपनी को क्यों दिया?
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। जिसमें बताया गया है कि कर्मचारी चयन मंडल भोपाल द्वारा मुंबई की एपटेक कंपनी को मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2025 के आयोजन की जिम्मेदारी दी गई है। यह कंपनी भारत के कई राज्यों में पहले भी परीक्षा का आयोजन करवा चुकी है और डाटा लीक एवं परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायतों के कारण कुछ राज्यों द्वारा कंपनी को ब्लैक लिस्ट भी किया गया था। याचिका दाखिल करने वाले भोपाल के आसिफ अली और रितेश सोनी का कहना है कि आने वाले दिनों में कर्मचारी चयन मंडल भोपाल के द्वारा सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा, सूबेदार स्टेनो असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा और पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। इन सभी परीक्षाओं का काम एपटेक कंपनी को को दिया गया है। ऐसी स्थिति में परीक्षा की निष्पक्षता पर प्रश्न उपस्थित होता है और कंपनी को बदल दिया जाना चाहिए।
यह भी बताया गया है कि, एपटेक कंपनी ने MPESB से परीक्षा का काम लेकर दूसरी एजेंसी को दे दिया गया है। इस कंपनी ने परीक्षा के आयोजन के लिए दसवीं पास कर्मचारियों की नियुक्ति की है। उपरोक्त सभी दलीलों को सुनने के बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस श्री संजीव सचदेवा और जस्टिस श्री विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग और कर्मचारी चयन मंडल के अध्यक्ष को नोटिस जारी करके सवाल किया है कि जब कंपनी पहले से ही बदनाम है तो फिर उसकी परीक्षा के आयोजन का ठेका क्यों दिया?
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