हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश की ग्वालियर बेंच में जस्टिस राजेश कुमार गुप्ता द्वारा शिवपुरी के अपर सत्र न्यायाधीश (एएसजे) विवेक शर्मा के बारे में की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में मुख्य न्यायाधीश संजय सचदेवा और जस्टिस डीडी बंसल की बेंच ने एक नया निर्देश जारी किया है। इससे पहले जस्टिस श्रीधरन की बेंच ने सरकार को सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर करने के निर्देश दिए थे।
पता तो चले जस्टिस गुप्ता ने एक्जेक्टली क्या कहा
ग्वालियर हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार गुप्ता द्वारा शिवपुरी के अपर सत्र न्यायाधीश (एएसजे) विवेक शर्मा के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश को लेकर मचे विवाद में अब डिवीजन बेंच ने हस्तक्षेप किया है। मुख्य न्यायाधीश संजय सचदेवा और जस्टिस डीडी बंसल की बेंच ने हाईकोर्ट रजिस्ट्री कार्यालय को निर्देश दिए हैं कि जस्टिस गुप्ता के विवादित आदेश की डिजिटल फाइल अपलोड की जाए, ताकि उसमें की गई टिप्पणियों का अवलोकन किया जा सके। इस मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को तय की गई है।
अब तक का घटनाक्रम: फ्लैशबैक
12 सितंबर 2025 को जस्टिस राजेश कुमार गुप्ता ने एक आदेश पारित कर शिवपुरी एएसजे विवेक शर्मा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की थी। यह मामला एक आउटसोर्स कर्मचारी द्वारा की गई धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार से जुड़ा था, जिसमें एएसजे शर्मा ने आरोपी के खिलाफ आरोप तय किए थे। बाद में आरोपी ने जमानत याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई जस्टिस गुप्ता की बेंच में हुई।
जस्टिस गुप्ता की टिप्पणियां अभद्र और अनुचित थीं: जस्टिस अतुल श्रीधरन
जस्टिस अतुल श्रीधरन ने जस्टिस गुप्ता के आदेश पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह आदेश "बिना अधिकार क्षेत्र" के पारित किया गया है। उन्होंने इस आदेश पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा कि जस्टिस गुप्ता की टिप्पणियां "अभद्र और अनुचित" थीं। जस्टिस श्रीधरन ने यह भी उल्लेख किया कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि निचली अदालतों के जजों पर इस तरह की टिप्पणियां नहीं की जानी चाहिए।
सरकार को SLP के निर्देश
जस्टिस श्रीधरन की बेंच ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह 10 दिनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर करे, ताकि जस्टिस गुप्ता के आदेश को चुनौती दी जा सके।
जबलपुर हाईकोर्ट के निर्देश
मुख्य न्यायाधीश संजय सचदेवा और जस्टिस डीडी बंसल की बेंच ने हाईकोर्ट रजिस्ट्री कार्यालय को निर्देश दिए हैं कि जस्टिस गुप्ता के विवादित आदेश की डिजिटल फाइल अपलोड की जाए, ताकि उसमें की गई टिप्पणियों का अवलोकन किया जा सके। इस मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को तय की गई है।