लगातार चुनाव हारने के बाद भी मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के नेता जनता के हित में संघर्ष करने को तैयार नहीं है। जीतू पटवारी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पॉलिटिकल ड्रामा पूरे प्रदेश में होने लगा है। कुछ दिनों पहले जीतू पटवारी मध्य प्रदेश के सोयाबीन किसानों की समस्या पर चर्चा करने के लिए गेहूं की बोरी उठाकर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के घर पहुंच गए थे। आज शिवपुरी जिले में एक विधायक हेलमेट पहनकर किसानों के साथ खाद की लाइन में लग गया।
पोहरी विधायक हेलमेट पहनकर खाद की लाइन में लगे, फिर कलेक्टर को फोन किया
सिंधिया गुट में शामिल होने के लिए आतुर कांग्रेस नेता एवं पोहरी के विधायक कैलाश कुशवाह हेलमेट पहनकर किसानों के साथ खाद की लाइन में लग गए। फिर वहीं से कलेक्टर को फोन लगाया और बताया कि, किसान सुबह 4 बजे से लाइन में लगे हैं, लेकिन मौके पर कोई पुलिस बल, तहसीलदार, एसडीएम या अन्य जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं है। किसानों को धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ रहा है। पटवारी चेहरा देखकर कूपन बांट रहे हैं, जिससे वास्तविक किसानों को टोकन नहीं मिल पा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि किसानों के लिए पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं थी। कुछ किसानों को सुबह से 10:30 बजे तक लाइन में लगने के बाद भी कूपन नहीं मिला, जबकि कुछ लोगों को पहले से ही टोकन दे दिए गए थे। विधायक ने आरोप लगाया कि कई दुकानों पर खाद की बिक्री निर्धारित दर से अधिक दाम पर की जा रही है।
रियल नहीं REEL के लिए ड्रामा किया
पोहरी के विधायक कैलाश कुशवाह का यह ड्रामा रियल में किसानों की मदद करने के लिए नहीं था बल्कि मीडिया फुटेज और इंस्टाग्राम REEL के लिए था। जैसे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने किया था, कैलाश कुशवाह ने बिल्कुल वैसा ही किया। किसने की समस्या के समाधान से उनका कोई सरोकार नहीं था, क्योंकि किसानों की मदद करने के लिए सुबह 4:00 से उनका कोई विधायक प्रतिनिधि या समर्थक भी नहीं था। विधायक की जिम्मेदारी किसने की समस्या उठाने नहीं बल्कि किसानों की समस्या का समाधान करना है। कैलाश कुशवाह ने ऐसा कुछ भी नहीं किया, जबकि वह अपनी विधायक निधि से किसानों को पेयजल और चाय नाश्ता का इंतजाम कर सकते थे। वह अपने साथ किसानों के लिए पीने का पानी नहीं ले बल्कि वीडियो बनाने के लिए अपने समर्थक पत्रकारों को लेकर आए। 1 घंटे तक ड्रामा किया, मीडिया को बयान दिया और चले गए।
किसानों ने भी विधायक का समर्थन नहीं किया
विधायक कैलाश कुशवाह हेलमेट पहनकर किसानों के साथ लाइन में लगे, फिर किसानों के बीच से कलेक्टर को फोन किया, फिर वहीं पर खड़े होकर पत्रकारों को बयान दिया। सब कुछ 1 घंटे तक चलता रहा परंतु खाद की लाइन में लगे किसानों ने ना तो उनका समर्थन किया और ना ही महत्व दिया। विधायक के जाने के बाद भी किसान संघर्ष करते रहे। सरकार से ढाई लाख रुपए महीने लेने वाले विधायक सरकारी सिस्टम पर सवाल उठा कर चले गए।
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