Madhya Pradesh के टाइगर वायु सेवा के हेलीकॉप्टर से राजस्थान जाएंगे

भारत की टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश से कुछ टाइगर्स को राजस्थान शिफ्ट किया जा रहा है। इनको एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से ले जाया जाएगा। इनके लिए टाइगर रिजर्व में स्पेशल हेलीपैड तैयार किया जा रहा है। आखिर हो भी क्यों ना, मध्य प्रदेश का टाइगर राजस्थान के जंगल का राजा बनने जा रहा है। 

राजस्थान के टाइगर रिजर्व में एयर फोर्स द्वारा हेलीपैड बनाया जा रहा है

राजस्थान के टाइगर रिजर्व रामगढ़ विषधारी के बजाल्या ग्रासलैंड पर वायुसेना की देखरेख में हेलीपैड तैयार किया जा रहा है। यहां मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व से आने वाली बाघिन को कुछ दिन सॉफ्ट एनक्लोजर (अर्ध-सुरक्षित बाड़े) में रखा जाएगा, ताकि वे नए वातावरण के अनुकूल हो सकें। इसके बाद खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। DFO देवेंद्र सिंह भाटी ने बताया- NTCA (नेशनल टाइगर कंजर्वेशन ऑथोरिटी) से अनुमति मिल चुकी है। रामगढ़ विषधारी, मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में 5 बाघिन और 2 बाघ लाए जाएंगे। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इसके लिए अनुमति प्रदान की है।

कहां से कितने टाइगर आएंगे

मध्यप्रदेश के कान्हा, पेंच, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और महाराष्ट्र के तड़ोवा, अंधेरी टाइगर रिजर्व से बाघ-बाघिनों को लाया जाएगा। इनमें से दो बाघिन और दो बाघ को मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया जाएगा, तीन बाघिनों को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में लाया जाएगा।

सबसे पहले मध्य प्रदेश की रानी जाएगी 

राजस्थान फॉरेस्ट से मिली जानकारी के अनुसार, पहले चरण में, मध्यप्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व से एक बाघ अक्टूबर के अंत तक लाया जाएगा। लगभग 600 किलोमीटर दूरी होने के कारण टाइगर को वायुसेना के हेलीकॉप्टर से लाया जाएगा। क्योंकि ट्रेंकुलाइज करने के बाद उसका असर 6 घंटे तक रहता है। ऐसे में सड़क मार्ग से लाना संभव नहीं है। वायुसेना की देखरेख में ही वन विभाग द्वारा रामगढ़ में बजाल्या ग्रासलैंड में हेलीपेड तैयार किया जा रहा है। यहां टाइगर को लाने के बाद कुछ दिन सॉफ्ट एनक्लोजर में रखा जाएगा और उसके बाद उन्हें खुले जंगल में छोड़ा जाएगा।

मध्य प्रदेश की रानी का राज्य स्थापित होने के बाद दूसरी आएगी

DFO देवेंद्र सिंह भाटी ने बताया- टाइगर को दूसरी जगह शिफ्ट करने के बाद छह महीने उसकी टेरिटरी सेट करने में लगते हैं। लगातार उसका ध्यान रखा जाता है। ट्रेकिंग टीमें तीन शिफ्ट में काम कर निगरानी करती हैं। एक बाघिन की टेरिटरी सेट होने के बाद दूसरी को लाया जाएगा।

वायु सेना के विंग कमांडर करेंगे निरीक्षण

DFO देवेंद्र सिंह ने बताया कि रामगढ़ में जल्द ही हेलीपेड स्थल का वायु सेना के विंग कमांडर निरीक्षण करेंगे और हेलीकॉप्टर उतरने के स्थल को हरी झंडी देंगे। उम्मीद है कि दीपावली से पहले बाघों को लाने की कार्यवाही शुरू हो जाएगी।

टाइगर्स की शिफ्टिंग क्यों की जा रही है

DFO ने बताया- वर्तमान में रामगढ़ (बूंदी) और मुकंदरा हिल्स (कोटा) के टाइगर रिजर्व में रणथंभौर से लाए गए बाघों के कारण एक ही वंश के बाघ निवास कर रहे हैं। जिससे आनुवंशिक समानता की समस्या उत्पन्न हो रही है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से नए बाघों के आगमन से हाड़ौती क्षेत्र के बाघों में आनुवंशिक विविधता (जीन पूल) बढ़ेगी। यह वैज्ञानिक पहल राजस्थान के इन टाइगर रिजर्व में बाघों की आबादी को सुदृढ़ करने और उनके दीर्घकालिक संरक्षण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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