भारतीय परंपरा में करवा चौथ एक निर्जला उपवास है। इस दिन ना तो कुछ खाया जाता है ना ही पानी पिया जाता है। अस्पताल में भर्ती और गर्भवती महिलाओं के लिए सभी व्रत का कोई भी नियम लागू नहीं होता लेकिन बड़ा प्रश्न है कि, यदि किसी महिला की नियमित रूप से कोई दवा चल रही है, तो करवा चौथ के दिन उस दवाई का सेवन किया जा सकता है या नहीं? आज आपको इस प्रश्न का शास्त्रों के अनुसार उत्तर बताता हूं:-
वेद पुराण में आज्ञा नहीं है, करवा चौथ का व्रत फलीभूत होता है क्या
करवा चौथ का व्रत मुख्य रूप से लोकाचार (लोक परंपरा) पर आधारित है। मनुस्मृति, नारद स्मृति, या व्रतचिंतामणि में करवा चौथ व्रत का उल्लेख नहीं मिलता। श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्री कृष्ण ने बताया है कि, मनुष्य की किसी भी प्रकार की पूजा विधि में पूरी श्रद्धा है, तो वह पूजा विधि यदि किसी शास्त्र में निर्देशित नहीं है फिर भी मैं उसे फलीभूत करता हूं। श्रद्धालु की मनोकामना को पूर्ण करता हूं। इस आधार पर करवा चौथ का व्रत मान्यता धारण करता है। शास्त्रों में करवा चौथ के व्रत का विधान तो नहीं है लेकिन निर्जला व्रत का विधान है। इसलिए करवा चौथ के व्रत को निर्जला व्रत के विधान के अनुसार पालन करेंगे।
निर्जला व्रत के दिन औषधि का सेवन कर सकते हैं क्या?
पद्म पुराण, स्कंद पुराण और भविष्य पुराण में निर्जला व्रत का उल्लेख मिलता है। मनुस्मृति (अध्याय 5, श्लोक 105) में लिखा है कि, “नात्मनं हन्याद् आघातात्।” अर्थात: स्वयं की हानि करना भी अधर्म है। चरक संहिता (सूत्र स्थान 9.3) में कहा गया है:
“धर्मार्थकाममोक्षाणाम् आरोग्यं मूलमुत्तमम्।”
अर्थ: धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष; चारों पुरुषार्थों का सर्वोत्तम मूल आरोग्य (स्वास्थ्य) ही है।
इस आधार पर करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं को निर्देशित किया जाता है कि, शुगर, ब्लड प्रेशर, हार्ट, अस्थमा आदि की दवाई नियत समय पर लेंगे। दवाई के साथ जल इत्यादि जो भी तरल पदार्थ का सेवन करना आवश्यक है, निर्धारित आवश्यक मात्रा तक सेवन करेंगे। इसके कारण व्रत भंग नहीं होता।
अगर दवाई लेनी पड़े तो पूजा के समय कौन-सा संकल्प वाक्य बोलना चाहिए
वैद्योपदिष्ट-औषधं सेवनं यद्यपि प्रिये।
तथापि निर्जला भक्तिः श्रद्धया रक्षिता मया॥
पार्वति त्वं शशी देव! गृहीतं व्रतमुत्तमम्।
स्वीकुरुतां मे भक्तिं च स्वास्थ्यं च प्रपाल्यताम्॥
श्लोक का भावार्थ (सरल हिंदी में)
(हे माता पार्वती) हे प्रिय (चंद्र देव) , यद्यपि मैं वैद्य द्वारा निर्देशित औषधि का सेवन कर रही हूँ।
(तथापि) फिर भी, यह निर्जल व्रत की भक्ति मेरे द्वारा श्रद्धापूर्वक निभाई गई है।
हे पार्वती! हे चंद्र देव! (मेरा यह) उत्तम व्रत स्वीकार करें।
और मेरी भक्ति को भी स्वीकार करें, तथा मेरे स्वास्थ्य की रक्षा करें।
करवा चौथ के व्रत में डायबिटीज की रोगी महिलाएं क्या करें
यदि आप टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज की शिकार हैं तो उपवास शुरू होने से पहले क्या खाना है, यह आपके लिए बहुत अहम है। डायटिशियन सलाह देते हैं कि उचित कार्बोहाइड्रेट्स वाले पदार्थ लिए जाने चाहिए। मल्टी-ग्रेन आटे की रोटियां खाएं। इससे उपवास के दौरान ब्लड शुगर लेवर कम होने का खतरा नहीं रहेगा।
दूध और ड्राय फ्रुट्स भी अच्छा विकल्प हैं। करवा चौथे के खास दिन से पहले इनका सेवन करते समय हाई ब्लड शुगर की चिंता को अलग रख दिया जाना चाहिए, क्योंकि आप दिनभर भूखा रहेंगी तो ब्लड शुगर लेवल तो कम होगा ही।
ब्लड शुगर को मैंटेन रखने के लिए फायबर युक्त पदार्थ खाए जा सकते हैं। खीरा से भी आपको ताकत मिलेगी। इससे आपका शरीर दिनभर के उपवास के लिए तैयार हो सकेगा।
टाइप 2 डायबिटीज वाली महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे करवा चौथ वाले दिन सुबह अपनी दवाएं न लें, क्योंकि शाम या रात तक ब्लड शुगर लेवल तो अपने आप कम हो जाएगा। यदि दवा लेना बहुत जरूरी है तो इस बारे में डॉक्टर की सलाह ली जाना चाहिए।
उपवास के दौरान ध्यान दें कि आपका शुगर लेवल किसी भी स्थिति में 70 एमजी से कम नहीं होना चाहिए। ऐसा होता है तो तुरंत जूस लें। शाम चार बजे पूजा करने के बाद तरल पदार्थ लिया जा सकता है। ज्यादा हालत बिगड़े तो फलाहाल खा लें। लेखक: आचार्य कमलांश (ज्योतिष विशेषज्ञ)।