मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर की संस्कृति में जहर घोलने की कोशिश की गई। अंजुमन इस्लामिया स्कूल ने फैसला किया कि स्कूल की साप्ताहिक छुट्टी रविवार के स्थान पर शुक्रवार को होगी क्योंकि इस स्कूल में 80 प्रतिशत विद्यार्थी मुसलमान हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने आज स्कूल पहुंचकर ताला तुड़वा दिया परंतु कक्षाओं का संचालन आज नहीं हुआ।
स्कूल संचालकों के इस फैसले पर अभिभावकों, स्थानीय लोगों और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने इसे "तुगलकी फरमान" बताते हुए कहा कि यह पाकिस्तान जैसा है, जहाँ शुक्रवार को ही छुट्टी होती है। विरोधियों का कहना है कि इससे छात्रों का नुकसान होगा, क्योंकि रविवार को अन्य स्कूलों के साथ समन्वय नहीं बनेगा और अतिरिक्त कक्षाएँ लगाना गलत है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने कलेक्टर से शिकायत की है, और कलेक्टर ने इसकी जाँच के आदेश दे दिए हैं। यह विवाद 31 अक्टूबर 2025 सुबह से ही सोशल मीडिया और स्थानीय समाचारों में छाया हुआ है, और बच्चे भी विरोध में उतर आए हैं।
वक्फ बोर्ड बैकफुट पर
जबलपुर के अंजुमन इस्लामिया स्कूल द्वारा शुक्रवार की छुट्टी और रविवार को कक्षाएं लगाने का आदेश अब वापस ले लिया गया है। छुट्टी को लेकर विवाद बढ़ने पर वक्फ बोर्ड बैकफुट पर आ गया। बोर्ड अध्यक्ष अन्नू अनवर ने कहा कि अभिभावकों को परेशानी हो रही है, इसलिए आदेश वापस लिया गया है। अब पहले की तरह रविवार को छुट्टी रहेगी और शुक्रवार को स्कूल लगेगा। उनका तर्क था कि शुक्रवार को छात्रों की उपस्थिति कम रहती थी, इसलिए छुट्टी रखी गई थी।
कानूनी प्रावधान: क्या कोई भी स्कूल साप्ताहिक अवकाश का निर्धारण कर सकता है
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग साप्ताहिक अवकाश (रविवार) को निर्धारित करता है, ताकि सभी संस्थानों में एकरूपता बनी रहे। यह फैसला राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों पर आधारित होता है, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21A (शिक्षा का अधिकार) और RTE एक्ट 2009 के तहत आता है। स्कूल प्रबंधन को इससे बंधे रहना पड़ता है। शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए जारी आदेशों में अवकाश अवधि स्पष्ट है, लेकिन साप्ताहिक छुट्टी को बदलने की अनुमति नहीं दी गई। यदि स्कूल ऐसा करता है, तो यह नियमों का उल्लंघन है।
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