सरयू महिमा

सरयू तू नित नई कहानी,
रामकथा की अमर निशानी।
तेरे तट पर रैन सबेरे,
हरि की लीला, संत बसेरे।।

शीतल जल में उज्ज्वल छाया,
भक्ति सुधा की तू रस माया।
तेरे कण-कण राम बसें हैं,
भक्तों के हित कमर कसे हैं॥

तेरी लहरें गीत सुनातीं,
मन को निर्मल पथ पर लातीं।।
दुख हर लेतीं, सुख बरसाती,
तेरी महिमा नित्य गिनाती॥

हे सरयू, तू जीवन दायिनी,
मुक्ति-द्वार की पुण्य प्रवाहिनी।।
सदा बहे तू मंगल धारा,
राम कथा की पुण्य प्रचारा।।

- डॉ. विनय दुबे, रीवा 
संपर्क:-9827 352 863 शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.वि. मार्तंड क्र.1रीवा
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