नेताजी ने सामने खड़े होकर एक्टिविस्ट को पिटवाया तो नेता पर क्या कानूनी करवाई होगी?- Criminal Law

Bhopal Samachar
Bharatiya Nyaya Sanhita - BNS 2023 में सब का इंतजाम किया गया है। नेताजी कई बार सामने खड़े होकर किसी व्यक्ति को पिटवाते हैं। बाद में जब वीडियो वायरल हो जाता है तो, नेताजी और पुलिस अधिकारी हाथ में ला लेते हैं और पीटने वाले व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज हो जाता है। वह बेचारा जेल चला जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप नहीं जानते कि इस अपराध के लिए नेताजी कितने जिम्मेदार हैं और उनके खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। हम बताते हैं, इस आर्टिकल को पढ़िए:- 

घटनास्थल पर दुष्प्रेरक की उपस्थिति

भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita - BNS), 2023 की धारा 54 दुष्प्रेरण (Abetment) से संबंधित एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो अपराध के समय दुष्प्रेरक की उपस्थिति से संबंधित है। यह धारा अध्याय IV के अंतर्गत आती है, जिसका शीर्षक "दुष्प्रेरण, आपराधिक षड्यंत्र और प्रयत्न" (Of Abetment, Criminal Conspiracy and Attempt) है।

BNS की धारा 54 का स्पष्टीकरण: Abettor Present When Offence Is Committed

धारा 54 का शीर्षक है "अपराध किए जाने के समय दुष्प्रेरक उपस्थित" (Abettor Present When Offence Is Committed)। धारा 54 यह स्थापित करती है कि:
"जब कभी कोई व्यक्ति, जो अनुपस्थित होने पर दुष्प्रेरक के रूप में दंडित होने के लिए उत्तरदायी होता है, उस कार्य या अपराध के समय उपस्थित होता है जिसके लिए वह दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप दंडनीय है, तो उसे ऐसा कार्य या अपराध करने वाला माना जाएगा।"
यह प्रावधान भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 114 के अनुरूप है।

Essence and effect of section 54 of the BNS, उदाहरण सहित

यह धारा दुष्प्रेरक के दायित्व को दुष्प्रेरण से बढ़ाकर सीधे अपराध करने के दायित्व में बदल देती है, यदि वह अपराध किए जाने के समय मौके पर उपस्थित रहता है।
1. सामान्य स्थिति (जब दुष्प्रेरक अनुपस्थित हो): यदि कोई व्यक्ति (A) किसी अन्य व्यक्ति (B) को कोई अपराध करने के लिए उकसाता (instigate) है, लेकिन खुद वहां मौजूद नहीं होता, तो A को उस अपराध का दुष्प्रेरक (abettor) माना जाएगा, और उसे उस अपराध के लिए निर्धारित दंड से दंडित किया जाएगा (यदि वह अपराध दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप हो जाता है)।
उदाहरण: A (नेताजी) अपने घर में बैठकर B (अपने समर्थक) को किसी अन्य (शिकायत करने वाले एक्ट्रेस की मारपीट करने) के लिए उकसाता है। A (नेता) दुष्प्रेरक (Abettor) के रूप में दोषी होगा।
2. धारा 54 के तहत स्थिति (जब दुष्प्रेरक उपस्थित हो): यह धारा तब लागू होती है जब वह व्यक्ति, जिसने अपराध करने के लिए उकसाया या सहायता की (यानी, वह दुष्प्रेरक होता), अपराध होने के समय भौतिक रूप से उपस्थित होता है। (जब समर्थक शिकायत करने वाले एक्टिविस्ट की पिटाई कर रहा था उस समय नेताजी भी घटना स्थल पर मौजूद थे)।

पीटने वाले समर्थक को नहीं, पिटवाने वाले नेता जी को मुख्य अपराधी माना जाएगा

कानूनी प्रभाव: एक बार जब यह सिद्ध हो जाता है कि दुष्प्रेरक अपराध के समय मौके पर उपस्थित था, तो कानून उसे केवल 'दुष्प्रेरक' (Abettor) नहीं मानता, बल्कि उसे मुख्य अपराधी (Principal Offender) यानी "ऐसा कार्य या अपराध करने वाला माना जाएगा"। 

यह धारा सुनिश्चित करती है कि यदि कोई व्यक्ति अपराध को बढ़ावा देता है और फिर अपराध के समय अपनी उपस्थिति से उस अपराध को सफल बनाने में सहायता करता है, तो उसे मात्र गौण भूमिका निभाने वाले की तुलना में अधिक सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाए।

✍️लेखक: अजय गौतम, अधिवक्ता, शिवपुरी। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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