BHOPAL NEWS: सॉफ्टवेयर इंजीनियर की डंडे मार-मार कर हत्या के आरोप में दो आरक्षकों के खिलाफ FIR

पुलिस पेट्रोलिंग के दौरान अज्ञात शक के आधार पर, डंडे मार-मार कर सॉफ्टवेयर इंजीनियर की हत्या के आरोप में, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश के बाद दोनों आरोपी आरक्षकों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। इससे पहले दोनों को सस्पेंड कर दिया गया था। घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। 

मौत की वजह ट्राॅमैटिक हैमरेजिक पैन्क्रियाटाइटिस

गुरुवार देर रात पिपलानी थाना इलाके में दोनों आरक्षकों (संतोष बामनिया और सौरभ आर्य) ने रात करीब डेढ़ बजे उदित की जमकर पिटाई की थी। इसका सीसीटीवी भी सामने आया है। पिटाई करने के बाद उदित गायकी बेहोशी की हालत में पहुंच गया था। उसके दोस्त उसे एम्स लेकर आए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। उदित के शरीर पर 16 जगहों पर गंभीर चोट के निशान मिले हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि मौत की वजह ट्राॅमैटिक हैमरेजिक पैन्क्रियाटाइटिस है। 

पुलिस ने ऐसा डंडा मारा कि खून की सप्लाई करने वाली नस फट गई

यानी पैन्क्रियाज (इंसुलिन व एंजाइम बनाने वाला अंग) में आई चोट से उसकी मौत हुई। इस दौरान बॉडी में खून की सप्लाई करने वाली नसें फट गई थी। पीएम रिपोर्ट मेंं यह भी कहा गया है कि मृतक की बॉडी पर ट्रैम ट्रैक पैटर्न चोट देखी गई हैं। यानी उसकी किसी डंडे, रॉड या इस तरह के बिना धार वाले हथियार से पिटाई हुई है। मृतक की बिसरा रिपोर्ट को सील कर पुलिस को सौंप दिया गया है। दोनों हाथों के नाखूनों की कटिंग, ब्लड और टिश्यू सैंपल फॉरेंसिक जांच के लिए हैंडओवर कर दिया है।

घटना का विवरण 

उदित के दोस्त अक्षत गार्गव के मुताबिक भोपाल के इंद्रपुरी के क्लब में पार्टी करने के बाद उदित और उसके दोस्त कार के पास खड़े थे। कार में गाना बज रहा था और दोस्त बीयर पी रहे थे। पुलिस वालों को दूर से आता देख ये सभी कार के भीतर बैठे और उस जगह से निकलने लगे। एक पुलिसवाले ने अपनी बाइक कार के पीछे लगाई और ड्राइवर को पकड़कर उससे बात करने लगा। पीछे की सीट पर बैठा उदित कार से निकलकर भागा। पुलिस वाले ने उदित का पीछा किया। पुलिसवालों ने उदित को पकड़ा और उसकी पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद उसका शर्ट उताकर बेरहमी से पीटा।

अक्षत के मुताबिक जब पुलिस वाले उदित की पिटाई कर रहे थे तो हम लोग उनसे बात करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वो नहीं माने। मैंने उदित को कार में बिठाया। पुलिसकर्मियों ने दोस्तों से 10 हजार रुपए की मांग की। उदित मेरे साथ कार में था, उसने सिर्फ इतना कहा कि एसी चला दे और पानी दे दे। उसने दर्द होने की कोई बात नहीं की।

रास्ते में उसने दो-तीन बार उल्टियां कीं। इसके बाद हम चौकी पहुंचे, यहां हमारी पहचान के पुलिसवाले थे। उन्हें सबकुछ बताया। मेरे एक दोस्त दीपेश ने उदित का हाथ पकड़ा तो उसका हाथ लटक गया। हमने पल्स चेक की तो नहीं मिली। तुरंत पास के अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टरों ने कहा कि केवल 1% चांस है, एम्स ले जाओ। एम्स ले गए, यहां डॉक्टरों ने कहा कि उसकी मौत हो गई है। 
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