मध्यप्रदेश में महिला सशक्तिकरण हर प्रकार से प्रमाणित हो रहा है। सिर्फ सरकारी नौकरी और स्टार्टअप इत्यादि के माध्यम से आत्मनिर्भरता के मामले में ही नहीं बल्कि पति को प्रताड़ित करने, खुलेआम रिश्वत लेने, करोड़ों का भ्रष्टाचार करने तक के मामले में महिलाएं, पुरुषों की बराबरी कर रही है। आज एक महिला डीएसपी पर चोरी का आरोप लगा है। बता रहे हैं कि महिला डीएसपी अपने कर्तव्य से गायब है और अपने निर्धारित पते पर भी नहीं है।
डीएसपी कल्पना रघुवंशी के खिलाफ नामजद FIR दर्ज
जहांगीराबाद पुलिस ने आरोपी डीएसपी कल्पना रघुवंशी के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर ली है। यह मामला 24 सितंबर को दर्ज किया गया। सीसीटीवी वीडियो 1 महीने बाद आज 29 अक्टूबर को जारी किया गया। यह मामला प्रमिला तिवारी द्वारा दर्ज करवाया गया। शिकायत में प्रमिला तिवारी ने बताया कि वह गल्ला मंडी जहांगीराबाद में रहती हैं। DSP कल्पना रघुवंशी उनकी दोस्त हैं। उनका प्रमिला के घर आना-जाना था। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि 24 सितंबर को वह और उनकी बेटी घर पर थीं।
दोपहर में नहाने के लिए कमरे में गईं थी। गेट खुला था। तभी किसी ने घर में घुसकर उनका एक बैग चोरी कर लिया। बैग में मोबाइल फोन और दो लाख रुपए कैश था। फरियादी के अनुसार, नहाने के बाद उन्होंने चेक किया तो बैग-पैसे और मोबाइल गायब थे। प्रमिला ने पुलिस को बताया कि कैश उन्होंने बच्चे की फीस के लिए रखा था।
शक होने पर प्रमिला ने सीसीटीवी फुटेज देखा। इसमें डीएसपी कल्पना रघुवंशी घर में आती-जाती हुई साफ दिखाई दीं। यह भी नजर आया कि घर से निकलते समय उनके हाथ में नोटों की गड्डी थी। वीडियो देखकर प्रमिला शॉक्ड रह गईं। उन्होंने फौरन थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद डीएसपी कल्पना रघुवंशी के खिलाफ चोरी की धाराओं में एफआईआर दर्ज की। भनक लगते ही महिला अधिकारी ने सहेली का मोबाइल तो लौटा दिया, लेकिन दो लाख नकद अब तक नहीं लौटाए हैं। महिला डीएसपी की गिरफ्तारी भी नहीं की जा सकी है। वह अंडरग्राउंड हो गई है।
पुलिस मुख्यालय ने भी आरोपी अधिकारी कल्पना रघुवंशी के खिलाफ नोटिस जारी कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है। वरिष्ठ अधिकारी इस घटना को लेकर सख्त रुख अपनाने की बात कह रहे हैं। फिलहाल पुलिस डीएसपी की तलाश कर रही है और मामले की जांच जारी है।
हालांकि यह पूरा घटनाक्रम आपसी लेनदेन का विवाद जैसा भी लग रहा है, क्योंकि डीएसपी होने के नाते कल्पना को सीसीटीवी के बारे में पता होगा। यदि चोरी करती तो दुपट्टे में छुपा के ले जाती। वापस जाती हुई कल्पना की बॉडी लैंग्वेज बता रही है कि वह अधिकार पूर्वक वापस जा रही है। 24 सितंबर को मामला दर्ज करवाना और 29 अक्टूबर को वीडियो जारी करना, यह प्रमाणित करता है कि इस 1 महीने के बीच में दोनों के बीच बातचीत हुई है। बात नहीं बनी, FIR के बाद भी कल्पना दबाव में नहीं आई, इसलिए वीडियो जारी कर दिया क्या।
सच पुलिस इन्वेस्टिगेशन के बाद सामने आ जाएगा लेकिन इस मामले में पुलिस इन्वेस्टिगेशन पूरी होगी, इस बात पर भी संदेह है। देखते हैं आगे क्या होता है।
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