ना तो मूसलाधार बारिश हुई और ना ही कोई भूकंप आया लेकिन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रेलवे ब्रिज की सड़क का 100 मीटर हिस्सा केक की तरह कट कर अलग हो गया। ऐसा लग रहा है मानो ठेकेदार ने घटिया निर्माण किया, इंजीनियर ने उसका साथ दिया, लोकल के जनप्रतिनिधि से लेकर विधायक तक सब चुप रहे तो अंत में सड़क ने खुद ही सबके सामने साबित करके बताया है। देखो मेरे निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है।
ना बाढ़, ना भूकंप, फिर भी 100 मीटर चौड़ी सड़क पर 20 फीट गहरा गड्ढा बन गया
भोपाल के सूखी सेवनिया थाना क्षेत्र में, ग्राम कल्याणपुर रेलवे ब्रिज की 100 मीटर सड़क आज अचानक बर्थडे केक की तरह कट कर अलग हो गई। मंडीदीप से ईंटखेड़ी के बीच भोपाल बाइपास जब यह घटना हुई, कोई मोटर वाहन नहीं था। इस सड़क को मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MPRDC) द्वारा सन 2013 में बनाया गया था। सड़क धंस जाने के कारण हाइवे पर करीब 20 फीट गहरा गड्ढा बन गया। इसके कारण हाइवे की एक लाइन का ट्रैफिक ब्लॉक करना पड़ा। अब केवल दूसरी लाइन से ट्रैफिक संचालित किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। जिम स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार अथवा सरकारी अधिकारी द्वारा पद का दुरुपयोग एवं नियम का उल्लंघन किया जाता है। लेकिन उसके खिलाफ होने वाली शिकायत पर या तो कार्रवाई ही नहीं होती और यदि हंगामा ज्यादा हो जाए तो केवल दिखावे की कार्रवाई की जाती है। सरकारी तंत्र में इस प्रकार की निरंकुशता, सरकार के फैलियर को प्रमाणित करती है।
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग रोकने के लिए जांच दल का गठन
स्टेट हाईवे 18 अंतर्गत भोपाल ईस्टर्न बायपास पर स्थित सूखी सेवनिया आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) के एक तरफ की आर-ई वॉल क्षतिग्रस्त होने के कारण सड़क का एक हिस्सा धंस गया है। घटना की जानकारी मिलते ही मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) के अधिकारी एवं स्थानीय प्रशासन के अधिकारी तत्काल स्थल पर पहुंच गए। सुरक्षा की दृष्टि से पूरे क्षतिग्रस्त क्षेत्र को बैरिकेड कर दिया गया है ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। फिलहाल, सड़क धंसने के कारणों की जांच के साथ ही मरम्मत कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
ना कोई सस्पेंड ना किसी को नोटिस, MPRDC खुद अपने भ्रष्टाचार की जांच करेगा
घटना पर एमपीआरडीसी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच दल गठित किया है, जिसमें मुख्य अभियंता श्री बी.एस. मीणा, जीएम श्री मनोज गुप्ता तथा जीएम श्री आर.एस. चंदेल सम्मिलित हैं। यह दल आर-ई वॉल के धंसने के कारणों की तकनीकी जांच कर शीघ्र अपनी रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करेगा, जिसके आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। मामले को गंभीरता से लेते हुए एमपीआरडीसी के प्रबंध संचालक श्री भरत यादव ने स्पष्ट किया है कि यदि जांच रिपोर्ट में किसी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता पाई जाती है, तो संबंधित जिम्मेदार के विरुद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
पिछले 5 साल से यह सड़क लावारिस है, लेकिन टोल टैक्स वसूली जारी है
एमपीआरडीसी के अधिकारियों के अनुसार, यह सड़क वर्ष 2013 में मेसर्स ट्रॉन्सट्राय प्रा. लि. द्वारा बीओटी मॉडल के तहत बनाई गई थी। कंपनी द्वारा अनुबंध की शर्तों का पालन न करने पर वर्ष 2020 में उसका अनुबंध निरस्त कर दिया गया था। इसका मतलब हुआ कि पिछले 5 साल से यह सड़क लावारिस है। इस सड़क के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी किसी की नहीं थी। कितनी अजीब बात है। ठेकेदार कंपनी का एग्रीमेंट निरस्त करके फ्री कर दिया और पब्लिक से उसी निरस्त एग्रीमेंट के आधार पर टोल टैक्स की वसूली की जा रही है।