BHOPAL की सड़क धंसने के लिए किसान जिम्मेदार, 7 दिन बाद होगी FIR: MPRDC की जांच पूरी

भोपाल, 14 अक्टूबर 2025
: ना बाढ़, ना भूकंप फिर भी सड़क धंसने के मामले में मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के अधिकारियों ने इस घटना के लिए स्थानीय किसानों को जिम्मेदार बताया है। अधिकारियों का कहना है कि उनके इंजीनियर नियमित रूप से निरीक्षण कर रहे थे, लेकिन किसान सड़क के नीचे से मिट्टी खोदकर ले गए। जांच पूरी हो गई है। मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम की आधिकारिक सूचना में बताया गया है कि 7 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाएगी। उसके बाद सरकारी संपत्ति की चोरी करने और सड़क पर गुजरने वाली जनता की जान के लिए जोखिम पैदा करने के आप में किसानों के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी।

सड़क और ठेकेदार के बारे में बेसिक जानकारी

संभागीय जनसंपर्क कार्यालय के विजय/अरुण शर्मा के माध्यम से प्रेस को भेजी गई सूचना क्रमांक/1147/054 में MPRDC की ओर से बताया गया है कि, भोपाल पूर्वी बॉयपास पर सूखी सेवनिया रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) के पास सड़क धंसने की घटना 13 अक्टूबर को हुई थी। ईस्टर्न बॉयपास पर स्थित आर.ई. वॉल अचानक क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे लगभग 75 मीटर लंबाई का सड़क हिस्सा धंस गया। भोपाल पूर्वी बॉयपास चार लेन मार्ग का निर्माण BOT (टोल) योजना के अंतर्गत मेसर्स ट्रांसट्रॉय प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा किया गया था। यह परियोजना 18 नवंबर 2010 को हुए कंसेशन अनुबंध के तहत वर्ष 2012-13 में पूरी की गई थी। अनुबंधानुसार इसकी अवधि 15 वर्ष निर्धारित थी, किंतु वर्ष 2020 में निवेशकर्ता द्वारा अनुबंध की शर्तों का पालन न करने के कारण अनुबंध निरस्त कर दिया गया तथा कंपनी को तीन वर्षों के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया था। 

अधिकारियों ने जांच में क्या पाया: 

MPRDC ने तत्काल तीन वरिष्ठ तकनीकी अधिकारियों की एक जांच समिति गठित की। प्रथम दृष्टया निरीक्षण में तकनीकी अधिकारियों ने पाया कि आर.ई. वॉल का निर्माण निवेशकर्ता द्वारा निर्धारित तकनीकी मानकों के अनुसार नहीं किया गया था। उपयोग की गई मिट्टी की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं थी तथा इम्बैंकमेंट में आवश्यक स्टोन पिचिंग का कार्य नहीं किया गया था, जिसके कारण वर्षा ऋतु में पानी का रिसाव होकर मिट्टी कमजोर हो गई। इसके अलावा, किसानों द्वारा दीवार के समीप मिट्टी की खुदाई किए जाने से जल निकासी में बाधा उत्पन्न हुई, जिसके परिणामस्वरूप इम्बैंकमेंट के भीतर पानी भर गया और सड़क का हिस्सा धंस गया।

MPRDC की भूमिका

एमपीआरडीसी द्वारा बताया गया है कि इस मार्ग का निरीक्षण विगत छह महीनों में संभागीय प्रबंधक और सहायक महाप्रबंधक, भोपाल संभाग द्वारा किया गया था। वर्ष 2023 में रोड असेट मैनेजमेण्ट सिस्टेम के माध्यम से समस्त वृहद पुलों का सर्वेक्षण भी किया गया था। निगम द्वारा बॉयपास मार्ग की सतत निगरानी की जाती है और आवश्यकता पड़ने पर नवीनीकरण एवं मरम्मत कार्य नियमित रूप से किया जाता है। घटना के बाद क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत का कार्य तत्काल आरंभ कर दिया गया है, जिसे दस दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। 

जांच रिपोर्ट कहां है

MPRDC के अनुसार निर्माण में प्रयुक्त मिट्टी के सैंपल लेकर उन्हें केंद्रीय प्रयोगशाला, लोक निर्माण विभाग, में परीक्षण हेतु भेजा गया है। परीक्षण परिणाम प्राप्त होने के बाद जांच प्रतिवेदन सौंप दिया जाएगा। 

जांच का निष्कर्ष:-

  • ठेकेदार कंपनी ने तकनीकी मानकों का पालन नहीं किया था। इसलिए ठेकेदार जिम्मेदार है। 
  • जो किसान मिट्टी खोद ले गए, वह किस जिम्मेदार हैं। 

अब क्या कार्रवाई होगी 

सड़क बनाने वाली ठेकेदार कंपनी को तो ब्लैक लिस्ट की ही जा चुका है। उसके खिलाफ क्या ही कोई कार्रवाई कर पाएगा। किसानों के खिलाफ सरकारी संपत्ति की चोरी करने और सड़क पर गुजरने वाली जनता की जान के लिए जोखिम पैदा करने के आप में किसानों के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी।

कुछ सवाल जिनके जवाब जरूरी है

  • जब ठेकेदार कंपनी ने सन 2012-13 में घटिया निर्माण किया तब कौन सा इंजीनियर था जिसने तकनीकी मानकों का उल्लंघन करने वाली कंपनी को रोकने का काम नहीं किया बल्कि भ्रष्टाचार में ठेकेदार कंपनी का साथ दिया। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर कंपनी को पेमेंट मिला। 
  • कंपनी को सन 2020 में 3 साल के लिए ब्लैक लिस्ट किया गया था। यानी 2023 के बाद कंपनी ब्लैक लिस्ट नहीं है। 
  • पिछले 6 महीने से संभागीय प्रबंधक और सहायक महाप्रबंधक क्या फर्जी निरीक्षण कर रहे थे। उनको दिखाई नहीं दिया कि किसान मिट्टी खोद रहे हैं। ऐसे अंधे (अयोग्य) प्रबंधकों को VRS क्यों नहीं दिया गया। 
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