Bhopal Samachar: दुनिया भर में भले ही Gen-Z आंदोलन से बदलाव हो रहा हो परंतु भारत का इतिहास बताता है कि इस देश में जब भी कोई बदलाव होता है, वकीलों के माध्यम से ही होता है। एक बार फिर वकील कोर्ट के बाहर जनता की अदालत में दलील देते हुए दिखाई दे रहे हैं। ग्वालियर में हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील श्री अनिल मिश्रा ने कहा कि भारत देश को अंबेडकर के नाम पर विभाजित किया जा रहा है। मुझे चैलेंज किया गया है और मैं चुनौती को स्वीकार किया है।
मैं चाहता हूं न्यायालय में बहस हो: अनिल मिश्रा
मामला हाई कोर्ट के एडवोकेट श्री अनिल मिश्रा द्वारा डॉ भीमराव अंबेडकर के बारे में व्यक्त किए गए अपने ओपिनियन से संबंधित है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में डॉक्टर अंबेडकर को अंग्रेजों का गुलाम और झूठा व्यक्ति कहा है। पुलिस ने मामला दर्ज किया तो स्वयं ही गिरफ्तारी देने पहुंच गए। गिरफ्तारी देने एसपी ऑफिस पहुंचे मिश्रा अपने वक्तव्य पर अडिग हैं। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ एफआईआर हुई है, उसमें गिरफ्तारी देने आया हूं। मैंने कोई अपराध नहीं किया। संविधान ने बोलने की स्वतंत्रता दी है, उस पर अंकुश लगाया जा रहा है। मैं उसे अपराध की श्रेणी में नहीं मानता हूं। मुझे चैलेंज दिया गया है, तो मैंने स्वीकार भी किया है। जहां चाहें वहां आ जाएं। इस देश को अंबेडकर के नाम पर विभाजित किया जाता है। मेरे बारे में आए ग्रुप मैसेज, वीडियो एसपी को दिए हैं। आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मैं चाहता हूं ये मामला न्यायालय में आए।
सम्यक समाज संघ ने भोपाल कूच की धमकी दी थी
अधिवक्ता अनिल मिश्रा द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी से नाराज होकर सम्यक समाज संघ के संयोजक लाखन सिंह बौद्ध बड़ी संख्या में दलित समाज की लोग के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे थे। अनिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर करने की मांग को लेकर कार्यालय के बाहर नारेबाजी की थी। लाखन सिंह बौद्ध ने चेतावनी दी थी कि अगर दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे पैदल भोपाल कूच करेंगे और मुख्यमंत्री कार्यालय व निवास पर धरना देंगे।
प्रकरण अभी विवेचना में है
जयराज कुबेर, एडिशनल एसपी ग्रामीण ने बताया कि, कलेक्टर ग्वालियर ने सोशल मीडिया पर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली पोस्ट पर प्रतिबंध लगाया है। उसके तारतम्य में क्राइम ब्रांच सोशल मीडिया पर नजर रखती हैं। इस मामले में अनिल मिश्रा को नोटिस दिया गया था। 24 घंटे में जवाब न आने पर थाना प्रभारी क्राइम ब्रांच ने प्रकरण पंजीबद्ध किया है। मिश्रा अपने साथियों के साथ गिरफ्तारी देने आए थे। प्रकरण अभी विवेचना में है। इसके बाद जो भी कार्रवाई होगी की जाएगी।
हाईकोर्ट परिसर में डॉक्टर अंबेडकर की मूर्ति नहीं 100 फुट का तिरंगा लहराएगा
ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में डॉ.अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर विवाद चल रहा है। 17 मई 2025 को इस मामले की शुरुआत हुई थी। इसे लेकर बार एसोसिएशन के सीनियर और जूनियर अधिवक्ताओं में हाईकोर्ट के बाहर बहस हो गई थी। इस दौरान जूनियर अधिवक्ताओं के समर्थन में पहुंचे भीम आर्मी की एंट्री के बाद मामला पॉलिटिकल हो गया। कांग्रेस पार्टी की एंट्री के बाद मामला बिगड़ गया। हंगामे को बढ़ता देख डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा लगाने पर रोक लगा दी है। बार एसोसिएशन ने उस स्थान पर तिरंगा फहरा दिया, जहां भीम आर्मी वाले डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करना चाहते हैं। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन पाठक का कहना है कि यह झंडा हमने 'ऑपरेशन सिंदूर' की याद में फहराया है। आगे इस तिरंगे को 100 फीट की ऊंचाई का करने के लिए हाईकोर्ट में बात रखेंगे।