भोपाल, 28 अक्टूबर 2025: मध्य प्रदेश की वर्ग एक 2023 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में चयनित न होने वाले अभ्यर्थियों का संघर्ष लगातार जारी है। ये वेटिंग कैंडिडेट्स, जो eligibility test और selection test दोनों को सफलतापूर्वक पास कर चुके हैं, अब सरकार से एकजुट होकर अपनी मांगों को बुलंद आवाज दे रहे हैं। इनकी मांग है कि शेष पदों पर तत्काल भर्ती हो और second counseling का आयोजन किया जाए, ताकि योग्य उम्मीदवारों का भविष्य सुरक्षित हो सके।
सरकार ने मूल रूप से 8721 पदों के लिए notification जारी किया था, लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा केवल 2910 पदों पर ही नियुक्तियां की गईं। परिणामस्वरूप, लगभग 5000 पद अभी भी खाली पड़े हैं। इनमें अधिकांश backlog vacancies हैं, जबकि fresh posts की संख्या बेहद सीमित रही। इसी वजह से 75 से 90 नंबर तक स्कोर करने वाले कई अभ्यर्थी वेटिंग लिस्ट में अटके हुए हैं। शिक्षा विभाग के राजपत्र में करीब 48,000 और जनजाति विभाग के राजपत्र में 10,500 वर्ग एक पदों की vacancy स्पष्ट रूप से दर्ज है। अभ्यर्थी अपील कर रहे हैं कि इन खाली पदों पर प्राथमिकता से भर्ती की जाए, ताकि शिक्षा क्षेत्र में मानव संसाधन की कमी पूरी हो सके।
पिछले कई महीनों से ये कैंडिडेट्स भोपाल में 10 से 15 बार विभिन्न आंदोलनों का हिस्सा बने रहे हैं। धरना, प्रदर्शन, दंडवत प्रणाम जैसे शांतिपूर्ण प्रयासों के बावजूद, सरकार की ओर से इन मांगों पर ठोस ध्यान नहीं दिया गया। इस निराशा के बीच, अभ्यर्थी अब एक नई पहल की ओर बढ़ रहे हैं। 29 अक्टूबर को अंबेडकर पार्क में आयोजित होने वाली आम सभा में सैकड़ों वेटिंग कैंडिडेट्स इकट्ठा होंगे। यहां वे सरकार से विनम्र गुहार लगाएंगे कि पदों की संख्या बढ़ाई जाए और second counseling के माध्यम से इनका इंतजार समाप्त हो।
यह आंदोलन न केवल व्यक्तिगत भविष्य की रक्षा का सवाल है, बल्कि मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम भी। अभ्यर्थी उम्मीद जता रहे हैं कि सरकार इस बार उनकी भावनाओं को समझेगी और एक समावेशी समाधान के साथ आगे बढ़ेगी। रिपोर्ट: नागुसिंह देवड़ा।
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