VIRAL VIDEO: सरकार से परेशान सिंधिया, हितानंद की शरण में? - Political Gossip

Bhopal Samachar
मध्य प्रदेश में वैसे तो सब शांत है। अगले 2 वर्ष तक कोई चुनाव नहीं है। यह समय है जब मध्य प्रदेश को विकास के लक्ष्य की तरफ फुल स्पीड में आगे बढ़ना चाहिए परंतु पिछले तीन महीना से मध्य प्रदेश में एक अजीब प्रकार की हाई प्रोफाइल पॉलिटिक्स चल रही है। सबसे ताजा और सबसे बड़ा घटनाक्रम गुरुवार 11 सितंबर 2025 को हुआ। जब केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री श्री हितानंद शर्मा के घर पहुंच गए। बताया गया की सिंधिया आजकल सरकार से बड़े परेशान चल रहे हैं। 

घर आए अच्छी बात, लेकिन वीडियो वायरल क्यों करवाया?

भारतीय जनता पार्टी के संगठन महामंत्री श्री हितानंद शर्मा, केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की लोकसभा क्षेत्र में रहते हैं, और श्री सिंधिया सैकड़ो बार उनके घर के सामने से निकले हैं। लेकिन कल अशोकनगर की जनता को बड़ी सौगात देकर लौटते समय श्री सिंधिया उनके घर पर रुके। श्री हितानंद शर्मा के माता-पिता से मुलाकात की। यह सब कुछ तो ठीक था। जब घर के सामने से निकल रहे हैं तो ऐसे माता-पिता से जरूर मिलना चाहिए, जिनके बेटे ने संगठन के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है। परंतु श्री सिंधिया ने इस बात का प्रचार भी करवाया। स्वयं एक और फेसबुक पर वीडियो वायरल किया। पॉलिटिक्स है तो सवाल तो बनता है कि, सिंधिया ने ऐसा क्यों किया। वीडियो वायरल करवाने की क्या जरूरत थी। क्या मैसेज देना चाहते हैं महाराज? 

ज्योतिरादित्य सिंधिया: सरकार से परेशान हैं या संगठन की लिस्ट में नाम जुड़वाने हैं

यदि सिंधिया की इस विजिट का कारण आसपास के घटनाक्रम में तलाशने की कोशिश करें तो दो बातें है। पहली तो भारतीय जनता पार्टी में नियुक्तियों का मौसम चल रहा है। और जब भी किसी भी प्रकार की नियुक्तियों का मौसम चलता है तो श्री सिंधिया को थोड़ा अतिरिक्त परिश्रम करना पड़ता है। 

दूसरी बात यह है कि हाल ही में सिंधिया समर्थक मंत्री श्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने कैबिनेट मीटिंग के दौरान काफी हंगामा किया। ग्वालियर के प्रभारी मंत्री एवं सिंधियानिष्ठ श्री तुलसीराम सिलावट ने उनका समर्थन किया। विषय जनहित का था लेकिन सब जानते हैं कि जब सत्ता में शामिल कोई नेता जनता की जानकारी में लाकर अपनी ही सरकार के सामने प्रदर्शन करने लगे तो विषय जनहित नहीं होता। 

यदि सिर्फ अपने क्षेत्र की समस्याओं की बात होती तो कैबिनेट मीटिंग के पहले या बाद में, श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, अपने क्षेत्र के प्रभारी मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट को लेकर मुख्यमंत्री से अकेले में मीटिंग कर लेते। लेकिन जानबूझकर कैबिनेट मीटिंग में हंगामा किया गया था की हेडलाइंस बने। यहां इस बात पर भी विश्वास करना होगा कि जो कुछ भी हुआ है, वह सब कुछ श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की जानकारी में और उनकी अनुमति के बाद ही हुआ है। कमलनाथ सरकार के समय भी ऐसी ही शुरुआत हुई थी। ✒ उपदेश अवस्थी
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