मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की गांधी सागर ट्रिप का मजा मजा किरकिरा हो गया। वह हवा में उड़ना चाहते थे परंतु हॉट एयर बैलून और हवा दोनों ने साथ नहीं दिया। उल्टा वीडियो वायरल हो गया कि, मुख्यमंत्री की हॉट एयर बैलून में आग लग गई है। मंदसौर कलेक्टर ने इस खबर को गलत बताया है। चलिए पूरा घटनाक्रम जानते हैं और फिर स्थित अपने आप स्पष्ट हो जाएगी।
मंदसौर कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग का बयान, जिसके कारण फैक्ट चेक करना पड़ा
कुछ माध्यमों में एयर बैलून के संबंध में भ्रामक जानकारी प्रसारित की गई है, इसके संबंध में वास्तविक स्थिति इस प्रकार है। एयर बैलून में सुरक्षा के संबंध में किसी प्रकार की कोई चूक नहीं हुई है। माननीय मुख्यमंत्री जी केवल एयर बैलून को देखने के लिए गए थे। हॉट एयर बैलून, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, गर्म हवा का गुब्बारा होता है। इसे उड़ान भरने योग्य बनाए रखने के लिए हवा को गर्म किया जाता है, जिससे गुब्बारा ऊपर उठ सके और तैरता रहे। इस पूरी प्रक्रिया में सुरक्षा के सभी मानक पूरी तरह से पालन किए गए हैं।
कलेक्टर के बयान की समीक्षा और प्रतिक्रिया
कलेक्टर ने पब्लिक और मीडिया को बच्चा समझ रखा है। यदि कोई हॉट एयर बैलून देखने जाएगा तो उसमें आग लगाकर उसके अंदर क्यों खड़ा होगा। यदि बैलून में गर्म हवा भरी जा रही है तो इसका मतलब था कि उसे उड़ाया जाना था। यदि कलेक्टर ने हॉट एयर बैलून को उड़ाने के लिए किसी घटिया एजेंसी या व्यक्ति को आउटसोर्स किया है, तो इस बात को स्वीकार कर लेना चाहिए कि उस बेवकूफ व्यक्ति ने उन गंभीर प्राकृतिक परिस्थितियों में हॉट एयर बैलून को गर्म करना शुरू कर दिया, जो की बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए था। अच्छा हुआ जो कुछ हुआ जमीन पर हुआ, यदि आसमान पर होता तो भारतीय प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी एवं कलेक्टर मंदसौर अदिति गर्ग जारी करने की स्थिति में नहीं होती। यदि मंदसौर कलेक्टर दावा करती है कि, ऐसी कोई दुर्घटना नहीं हुई है तो कृपया बिना एडिट किया हुआ पूरा वीडियो जारी कर दें। जो उनके अपने सरकारी वीडियोग्राफर द्वारा रिकॉर्ड किया जा रहा था।
मूल खबर: हॉट एयर बैलून में आग लगी और मुख्यमंत्री खतरे में थे?
मध्यप्रदेश के गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट के पास हिंगलाज रिसोर्ट में नाइट हाल्ट के बाद शनिवार सुबह मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव हॉट बैलून में सवार हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता के साथ हॉट एयर बैलून के रोमांचकारी सफर पर निकल रहे थे, लेकिन उस समय हवा की रफ्तार ज्यादा (20 किलोमीटर प्रति घंटा) थी। इस वजह से बैलून उड़ नहीं सका। जब उसमें हॉट एयर भरी जा रही थी, तभी वह नीचे झुक गया। जिससे निचले हिस्से में आग लग गई। इसके ठीक नीचे सीएम थे। इसके चलते सीएम सिक्योरिटी भी अलर्ट हुई और ट्रॉली को संभाले रखा। दूसरी ओर, एक्सपर्ट और कर्मचारियों ने आग को बुझाया।
वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है तेज हवा होने के कारण बर्नर की आग कपड़े को जलाने की कोशिश कर रही है। और कपड़े पर ब्लैक स्पॉट बना है।
पायलट का बयान सुनिए, एक प्रोफेशनल पायलट अपना एक्सपीरियंस हमेशा नंबर्स में बताता है। "ज्यादा से ज्यादा, ज्यादा से ज्यादा" नहीं बोलना। पायलट ने अपने ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट का नाम भी नहीं बताया। इसका सर्टिफिकेट चेक किया जाना चाहिए।
हॉट एयर बैलून के लिए सेफ्टी गाइडलाइन
1. उड़ान से पहले (Pre-Flight Safety)
प्रमाणित ऑपरेटर चुनें – जिनके पास DGCA (भारत में) या Civil Aviation Authority से लाइसेंस हो।
मौसम की जांच करें – तेज़ हवा, बारिश या तूफानी मौसम में उड़ान न करें।
सही कपड़े पहनें – सूती कपड़े, बंद जूते, टोपी या कैप पहनें। सिंथेटिक कपड़े (नायलॉन/पॉलिएस्टर) से बचें।
स्वास्थ्य स्थिति बताएं – यदि हृदय रोग, ऊँचाई का डर, गर्भावस्था, या हाल ही में सर्जरी हुई है तो उड़ान ना करें।
पायलट और ऑपरेटर के लिए (For Operators & Pilots)
उड़ान से पहले बैलून की तकनीकी जांच करें (बर्नर, फ्यूल टैंक, बास्केट की रस्सियाँ)।
फ्यूल पर्याप्त मात्रा में रखें।
यात्री क्षमता से अधिक लोगों को बैलून में न चढ़ाएँ।
इमरजेंसी प्लान तैयार रखें – लैंडिंग साइट, फायर एक्सटिंग्विशर, फर्स्ट-एड उपलब्ध हो।
अन्य जरूरी बातें
सुबह या शाम का समय उड़ान के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता है क्योंकि हवा स्थिर रहती है।
लैंडिंग स्थल पहले से तय हो और वहाँ ग्राउंड क्रू मौजूद हो।
इमरजेंसी नंबर व रेडियो कम्युनिकेशन सिस्टम उपलब्ध हो।
निष्कर्ष: कलेक्टर और पायलट दोनों ने गलती की है। कलेक्टर की गलती है कि, इवेंट से पहले सेफ्टी गाइडलाइन का अध्ययन स्वयं नहीं किया। पायलट की गलती है कि हवा की 20 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड होने के बावजूद, बैलून को उड़ाने से इनकार नहीं किया। हवा के सामान्य होने का इंतजार नहीं किया। उल्टा इतनी तेज हवा में बर्नर में आग लगा दी। वह तो अच्छा है कि बैलून का कपड़ा फायर प्रूफ होता है। नहीं तो कपड़े में आग लगती है और वह कपड़ा मुख्यमंत्री के सिर पर गिरता है।