मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नेता, कैबिनेट मंत्री एवं मुख्यमंत्री पद के दावेदार प्रहलाद सिंह पटेल जब भी कोई बड़ा काम करने जाते हैं, लोधी समाज के नेता कुछ ना कुछ ऐसा जरूर कर देते हैं कि, सोशल मीडिया पर वायरल हो जाता है। इस बार बरगी के विधायक श्री नीरज सिंह ने तलवार से केक काट डाला। जबकि प्रहलाद पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत के स्वागत की तैयारी कर रहे हैं।
प्रहलाद पटेल आजकल क्या कर रहे हैं
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान में मध्य प्रदेश राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल अपनी पुस्तक परिक्रमा के लोकार्पण समारोह के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। इस पुस्तक के विमोचन के लिए उन्होंने संघ प्रमुख डॉक्टर मोहन भागवत को आमंत्रित किया है और डॉ भागवत ने आमंत्रण स्वीकार भी कर लिया है। कार्यक्रम में आमंत्रित करने के बहाने श्री प्रहलाद पटेल ने राष्ट्रीय और राज्य स्तर के सभी बड़े भाजपा नेताओं से मुलाकात की और लंबी चौड़ी बात भी की।
संघ प्रमुख क्यों आ रहे हैं
इस अभियान ने स्पष्ट कर दिया ही की बात केवल एक पुस्तक के विमोचन कि नहीं है। और यह बात भी पक्की है की पुस्तक के अंदर सावरकर के "हिंदुत्व" जैसी कोई विचारधारा होगी इसके लिए संघ प्रमुख आ रहे हैं। पर्दे के पीछे कुछ और चल रहा है। संघ प्रमुख किसी को कोई मैसेज देना चाहते हैं। क्योंकि इससे पहले संघ प्रमुख ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मिलने बुलाया था। दोनों के बीच में लगभग 40 मिनट क्लोज डोर मीटिंग हुई थी। लेकिन पब्लिक को बताने के लिए यह जरूर कहा जा सकता है कि पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम, केवल पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम नहीं है बल्कि प्रहलाद पटेल का शक्ति प्रदर्शन है।
विधायक नीरज सिंह द्वारा तलवार से केक काटने का क्या असर पड़ेगा
बरगी विधानसभा से विधायक श्री नीरज सिंह ठाकुर मूल रूप से लोधी हैं। पूर्व विधायक प्रतिभा सिंह के पुत्र हैं। और वर्तमान में मध्य प्रदेश के एकमात्र लोधी नेता श्री प्रहलाद पटेल के संरक्षण में राजनीति करते हैं। MLA श्री नीरज सिंह द्वारा अपने जन्मदिन पर तलवार से केक काटने के प्रसंग को राजनीति में इस प्रकार से देखा जाएगा कि प्रहलाद पटेल के शक्तिशाली होने से पहले ही, लोधी समाज के नेताओं ने मर्यादा का उल्लंघन करना शुरू कर दिया है।
वैसे सोशल मीडिया पर "लोधी सत्ता" भी वायरल होने लगी है। विधायक श्री नीरज सिंह की ओर से दलील दी गई है कि यह सब कुछ प्रतीकात्मक था और परंपरा के अंतर्गत किया गया था, लेकिन सवाल उठता है कि यदि परंपरा के अंतर्गत किया गया था तो फिर उन्होंने अपने फेसबुक पेज से परंपरा का पालन करने वाला वीडियो क्यों हटाया।
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