SBI को सबक सिखाया! खाताधारक से लिखित में माफी मांगनी पड़ी - BHOPAL SAMACHAR

Bhopal Samachar
स्टेट बैंक आफ इंडिया वाले नियम और पॉलिसी के नाम पर खाताधारकों को बड़ा परेशान करते हैं। वह अक्सर "हमारा नियम" और "हमारी पॉलिसी" की बात करते हैं। एक खाताधारक में उनको ठीक प्रकार से समझा दिया कि आपके नियम और आपकी पॉलिसी की कोई वैल्यू नहीं है, भारतीय स्टेट बैंक में आरबीआई के नियम और RBI की पॉलिसी लागू होती है। हर कर्मचारी को उसका पालन करना होगा। 

आपको जहां शिकायत करना है कर दीजिये यहां पैसे जमा नहीं होगें

दरअसल शाहगढ़ स्थित भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एक खाताधारक 15 फरवरी 2025 को कैश जमा करने गया हुआ था। लंबी लाइन में खड़े होकर 20 मिनट इंतजार करने के बाद खाताधारक का नंबर आया, लेकिन जैसे ही कैश काउंटर पर पहुंचा बैंककर्मी ने पैसे जमा करने से इंकार कर दिया। कैश काउंटर पर बैठे कर्मचारी ने ये कहते हुए पैसे जमा करने से इंकार कर दिया कि बाहर मशीन लगी है वहां से पैसे डिपॉजिट कर दीजिए यहां 1 लाख रूपये से कम जमा नहीं किये जाते, चूंकि ग्राहक के बार-बार निवेदन करने पर कैशियर मेंडम ने मना कर दिया और कहा कि आपको जहां शिकायत करना है कर दीजिये यहां पैसे जमा नहीं होगें।

SBI के ब्रांच मैनेजर ने मेरी शिकायत तक दर्ज नहीं की

पीड़ित खाताधारक Anil Seth, sethcomputers Shahgarh ने भोपाल समाचार को बताया कि, मैंने बैंक मैनेजर से बात की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का नया नियम आ गया है। काउंटर पर कैश जमा नहीं होगा। डिजिटल मोड से ही आपको ट्रांजेक्शन करना होगा। मैंने नियम की कॉपी मांगी तो उन्होंने नहीं दी और कहा कि उससे गोपनीयता भंग होगी। उसके बाद मैंने उनसे कहा कि ठीक है आप कैश डिपाजिट नहीं होने पर लिखित शिकायत दर्ज कीजिए, तो नियमों का हवाला देकर जमा करने से मना कर दिया और लिखित में जानकारी दी कि 49,900 /- रूपये से कम जमा नहीं होगें। आप ग्रीन चैनल से या मशीन से ही कैश डिपॉजिट करें। इसके बाद मैं वापस आ गया।

बैंक लोकपाल को भी गलत जवाब दे दिया

मैंने नियम के बारे में पता करने RTI का उपयोग किया तो पता चला कि शाखा में जमा करने की कोई सीमा सीमा निर्धारित की है और न ही कोई नियम रिर्जव बैंक द्वारा जारी किया गया। यह जरूर है कि लोगों को जागरूक करना है कि डिजिटल ट्रांजेक्शन करें लेकिन यह कहीं नहीं लिखा है कि पर्ची से रुपए जमा नहीं होंगे। उसके बाद मैंने बैंकिंग लोकपाल, भारतीय रिर्जव बैंक ऑफ इण्डिया में शिकायत की। तो बैंक की तरफ से जवाब दिया गया कि हम भारत सरकार की डिजिटल योजना बढ़ावा देने के लिए उसका प्रचार-प्रसार करने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। मैने पुनः बैंकिंग लोकपाल भारतीय रिर्जव बैंक ऑफ इण्डिया पटना को शिकायती पत्र, बैंक द्वारा दी गई जानकारी, सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी, डाक द्वारा भेजी।

Bank never Deny for Cash Deposit: RBI

बैंकिंग लोकपाल भारतीय रिर्जव बैंक ऑफ इण्डिया पटना द्वारा जांच करने के उपरांत बैंक को आदेशित किया कि बैंक ग्राहकों को काउंटर पर पर्ची के माध्यम से नगद जमा करने से इंकार नहीं कर सकता लेकिन जमा करने के बाद सलाह देकर डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना उसका प्रचार-प्रसार करने लोगों को जागरूक कर सकता है। बैंक ने जो किया है वह निश्चित रूप से गलत है और बैंकिंग से लोगों को वंचित किया जा रहा है जिससे बैंक के प्रति उनके विश्वास में कमी आवेगी। 

SBI को लिखित में माफी मांगनी पड़ी

चूंकि भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया राष्ट्रीयकृत बैंक है तो आपसे ग्राहकों से बेहतर बात करने और अच्छी सेवाएं देने की अपेक्षा की जाती है। उसमें कमी पाई गई इसलिए बैंक द्वारा शिकायतकर्ता से लिखित में माफी मांगें एवं हर्जाने के रूप में पर 5 हजार रुपए का देने का आदेश दिया। बैंक द्वारा यह राशि शिकायतकर्ता के खाते में भेजी जा चुकी है और लिखित माफीनामा डाक से भेजा गया। 
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