भारत के बिहार में चुनाव आयोग द्वारा जिस तरीके से वोटर लिस्ट का परीक्षण किया जा रहा है, उसके खिलाफ "कागज नहीं दिखाएंगे" अभियान चल रहा है। इस बीच अमेरिका से खबर आ रही है कि प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप एक ऐसा आर्डर जारी करने वाले हैं, इसके लागू होने के बाद वोट डालने वाले व्यक्ति को वोट डालने से पहले अपनी नागरिकता साबित करनी होगी।
2022 में चुनाव चोरी हो गया था: डोनाल्ड ट्रंप
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह जानकारी सोशल मीडिया हैंडल ट्रुथ सोशल के माध्यम से सार्वजनिक की है। उनका कहना है कि 2022 में उनका चुनाव चोरी हो गया था। ट्रंप का कहना है कि निष्पक्ष चुनाव के लिए यह जरूरी है कि मतदान करने वाले लोगों की नागरिकता का परीक्षण किया जाए। जबकि ट्रंप के विरोधियों का कहना है कि इस तरह का एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी नहीं किया जा सकता है क्योंकि चुनाव की पॉलिसी के संदर्भ में फैसला लेने का अधिकार या तो राज्य सरकार को है या फिर "कांग्रेस" (अमेरिका की संसद) को है। राष्ट्रपति के पास ऐसा कोई अधिकार ही नहीं है।
डोनाल्ड ट्रंप भारतीय राजनीति से प्रेरित?
विशेष रूप से इस मामले में ऐसा प्रतीत होता है कि डोनाल्ड ट्रंप, भारतीय राजनीति से प्रेरित हैं। भारत में नेता प्रतिपक्ष श्री राहुल गांधी "चुनाव चोरी हो गया" का दावा कर रहे हैं और अमेरिका में प्रेसिडेंट ट्रंप ने भी बिल्कुल इन्हीं शब्दों का उपयोग किया है। उनका कहना है कि 2022 में उनका चुनाव चोरी हो गया था। इसके अलावा मतदान से पहले नागरिकता प्रमाणित करने की शर्त पर भारत में काम हो रहा है। बिहार चुनाव से पहले मतदाताओं की नागरिकता का सत्यापन किया जा रहा है और जो भी व्यक्ति अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पा रहा है, उसको मतदान से वंचित किया जा रहा है। वोटर लिस्ट से अब तक 65 लाख से ज्यादा नाम काटे जा चुके हैं।
यदि यह बात सही है कि, अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप और उनके सलाहकार एवं प्रशासनिक अधिकारी भारत से प्रेरित हैं एवं सीख रहे हैं, तो फिर प्राउड के साथ कहा जा सकता है कि हम अमेरिका के गुरु हैं। फिर भले ही चेला भस्मासुर हो गया हो।
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