मार्केटिंग वाले भी गजब होते हैं, अपना माल बेचने के लिए कोई भी बहाना ढूंढ लेते हैं। मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने डिसाइड किया है कि, "गांधी जयंती पखवाड़ा" के अंतर्गत स्मार्ट मीटर का प्रचार प्रसार किया जाएगा। कोई कंपनी वालों से पूछे, महात्मा गांधी का स्मार्ट मीटर से क्या कनेक्शन? जबकि महात्मा गांधी तो इस तरह की कंपनियों के खिलाफ थे।
बिजली कंपनी वालों ने महात्मा गांधी के नाम का अर्थ ही बदल दिया
मध्य प्रदेश शासन, ऊर्जा विभाग के नोडल अधिकारी मनोज द्विवेदी ने बताया है कि, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 02 अक्टूबर 2025 तक ‘’गांधी जयंती पखवाड़ा’’ के तहत ‘’स्मार्ट मीटर’’ का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के साथ-साथ बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर लगवाने से हो रहे लाभ से भी अवगत कराया जा रहा है। बड़ा छोटा सा सवाल है कि जो काम पिछले 6 महीने से कर रहे हैं, वही काम "गांधी जयंती पखवाड़ा" के नाम पर करेंगे तो इसमें नया क्या है। कम से कम 15 दिन के लिए तो गांधी को याद कर लेते। वह काम करते जो गांधी जी ने कहा था। काम नहीं करते तो कम से कम दिखावा ही करते, गांधी का अर्थ तो मत बदलते। इन 15 दिनों में क्या करना चाहिए, यदि नहीं पता तो हम बता देते हैं:-
गांधी जयंती पखवाड़ा के दौरान 15 दिन क्या करना चाहिए
- स्वच्छता का संकल्प (बिजली कंपनी के सभी केंपस स्वच्छ रखेंगे)।
- सत्य और अहिंसा का संकल्प (ग्राहकों से झूठ नहीं बोलेंगे और बकाया वसूली के लिए हिंसा नहीं करेंगे)।
- चरखा-खादी अर्थात आत्मनिर्भरता। (स्मार्ट मीटर नहीं सोलर सिस्टम)।
- नशा मुक्ति का संकल्प (बिजली कंपनी का कोई कर्मचारी नशा नहीं करेगा)।
- सद्भावना (पीड़ित ग्राहकों से सदभावना पूर्वक बात करेंगे, उनकी समस्याओं को समझेंगे)।
- ग्राम सेवा और श्रमदान (जिन क्षेत्रों से नियमित रूप से बिजली बिल प्राप्त होता है, वहां बिजली कंपनी की तरफ से लोगों के उपयोग के लिए कोई उपकरण इत्यादि डोनेट करेंगे)।
- वृद्धाश्रम, अनाथालय, अस्पताल जाकर जरूरतमंदों की मदद करेंगे।