हरियाणा का रहने वाला महेश जालंधर में पदस्थ था लेकिन बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके इसलिए पूरी फैमिली को भोपाल में रखा हुआ था। इतने संघर्ष के बाद भी बच्चे मन लगाकर पढ़ाई नहीं कर रहे थे। पिता ने डांटा तो पत्नी भी खिलाफ हो गई और उसने मां को भी भड़का दिया। यह दर्द 40 से 50 साल की उम्र वाले बहुत सारे लोगों का होता है परंतु सब सहन कर जाते हैं, महेश सहन नहीं कर पाया, उसने सुसाइड कर लिया।
पिता ने पढ़ाई के लिए बच्चों को डांटा तो पूरा परिवार खिलाफ हो गया
एएसआई अमोल शर्मा ने बताया कि मूलत: गुणगांव हरियाणा निवासी महेश कुमार पुत्र बाबूलाल (43) सीआरपीएफ में बिगुलर (आरक्षक) थे और इन दिनों जालंधर में पदस्थ थे। भोपाल के बंगरसिया के सीआरपीएफ कैम्प में अपनी पत्नी, बेटा और बेटी के साथ रहते थे। इन दिनों वह अपने परिवार के पास आए हुए थे। गुरुवार की रात उन्होंने 12वीं में पढ़ने वाले बेटे और कक्षा सातवीं में पढ़ाई करने वाले बेटी को पढ़ाई-लिखाई को लेकर जमकर डांट लगाई। पत्नी ने बच्चों का बचाव किया तो उसके साथ भी झगड़ा हुआ। फिर पत्नी ने महेश की मां को फोन करके शिकायत कर दी। महेश की मां ने भी फोन लगाकर बच्चों के प्रति ऐसा व्यवहार करने के लिए नाराजगी जताई। इसके बाद रात 10:30 बजे महेश अपने कमरे में चला गया।
देश के लिए लड़ने वाला सिपाही परिवार से हार गया
सुबह जब पत्नी ने देखा तो महेश की बॉडी फांसी के फंदे पर लटकी हुई थी। महेश के कमरे से एवं उसकी बॉडी के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है इसलिए पुलिस इस मामले में सभी एंगल से जांच कर रही है। असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर अमोल शर्मा के अनुसार अभी तक सब लोगों ने जो बातें बताई हैं वह एक दूसरे से कनेक्ट होती हैं और यही पता चलता है कि मामला बच्चों की पढ़ाई का था।
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