Madhya Pradesh: डेढ़ लाख कर्मचारी जनगणना करेंगे, इन तीन जिलों में होगा फर्स्ट ट्रायल

Bhopal Samachar
अगले लोकसभा चुनाव से पहले भारत में ऐसा बहुत कुछ बदल जाएगा जो चुनाव को प्रभावित करता है। डिजिटल जनगणना की तैयारी पूरी हो चुकी है। अब प्राइमरी टेस्ट होना है अर्थात पहले ट्रायल होना है। यदि ट्रायल सफल रहा तो फाइनल ट्रायल होगा और उसके बाद पूरे भारत में डिजिटल जनगणना का कार्यक्रम लॉन्च कर दिया जाएगा। फर्स्ट ट्रायल के लिए मध्य प्रदेश के 3 जिलों को चुना गया है। 

डिजिटल जनगणना मोबाइल एप

मध्य प्रदेश में डिजिटल जनगणना के लिए टेंटेटिव प्रोग्राम आ गया है। साल 2026-27 में पूरे भारत में डिजिटल जनगणना होगी। भारत के जनगणना निदेशालय द्वारा इसके लिए एक मोबाइल एप डेवलप किया गया है। यह मोबाइल एप्लीकेशन एंड्राइड और iOS सभी पर चलेगी। इस मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से परिवार का मुखिया अपनी जानकारी दर्ज कर सकता है। ऐसा करने से समय की बचत होगी। जनगणना निदेशालय की ओर से नियुक्त किए गए कर्मचारी आपके द्वारा दर्ज की गई जानकारी को वेरीफाई करेंगे और आपके घर में जनगणना का काम पूरा हो जाएगा। यदि आप मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग नहीं करते तो जनगणना कर्मचारी आपसे पूछ कर इस मोबाइल एप्लीकेशन में आपके परिवार की पूरी जानकारी दर्ज करेंगे। ऐसी स्थिति में संभावना है कि कर्मचारी चुपके से कोई 19-20 भी कर सकता है। 

मध्य प्रदेश के ग्वालियर, रतलाम और सिवनी में होगा डिजिटल जनगणना का ट्रायल

भारत सरकार की जनगणना निदेशालय ने मध्य प्रदेश में डिजिटल जनगणना के ट्रायल के लिए ग्वालियर, रतलाम और सिवनी जिले को चुना है। यह तीनों ही जिले चुनौती पूर्ण है। ग्वालियर, रतलाम और सिवनी जिला क्रमशः डिजिटल साक्षरता में एक के बाद एक निचले पायदान पर हैं। यहां पर ज्यादातर लोगों को इंटरनेट का मतलब फेसबुक और व्हाट्सएप आता है। ऐसी स्थिति में चुनौती पूर्ण है कि लोग जनगणना मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग कर पाएंगे या फिर जनगणना के लिए आने वाले कर्मचारी की बात पर विश्वास करेंगे।

बताया गया है कि अगले महीने से ट्रायल शुरू हो जाएगा जो 15 दिन तक चलेगा। इसके अंतर्गत जनगणना तो होगी ही मकान की गणना का काम भी किया जाएगा। इसके बाद एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसमें बताया जाएगा कि कर्मचारियों को डिजिटल जनगणना करने में किन परेशानियों का सामना करना पड़ा। 

एक जनगणना कर्मचारी को 175 मकानों की जिम्मेदारी

जनगणना 2026 में हर कर्मचारी को 150 से 175 मकानों का सर्वे करना होगा। इसके लिए क्वेस्चनेर (प्रश्नावली) बनाई जा रही है। इसमें हर सदस्य का नाम, पारिवारिक स्थिति, घर-संपत्ति का ब्यौरा और रोजगार की जानकारी शामिल रहेगी। गड़बड़ी रोकने के लिए क्रॉस चेक का इंतजाम भी रहेगा। अधिकारी घर-घर जाकर डिजिटल फॉर्म में भरी गई जानकारी की जांच करेंगे। तैयार रिपोर्ट राज्य स्तर पर कम्पाइल होकर केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। 

मध्य प्रदेश में डेढ़ लाख कर्मचारी जनगणना करेंगे 

केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद प्रदेश में जनगणना को लेकर प्रशासनिक हलचल शुरू हो गई है। जनगणना निदेशालय ने राज्य सरकार को प्रशासनिक सीमाएं फ्रीज करने का पत्र भेजा है। इसके बाद गृह विभाग ने संबंधित विभागों को कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं। फरवरी 2026 में पहले राउंड में पूरे प्रदेश में डेढ़ लाख कर्मचारियों की तैनाती होगी। 20 दिन में डिजिटल जनगणना का काम पूरा किया जाएगा। इसके बाद आंकड़ों को मिलाकर जनगणना आयुक्त को भेजा जाएगा। इस बार पूरी जनगणना डिजिटली होगी। रिपोर्ट: मध्य प्रदेश के मंत्रालय से सत्येंद्र सरल
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