उचित मूल्य की दुकान के संचालक (सेल्समैन) सबसे ज्यादा दबाव में काम करते हैं, क्योंकि वह गरीबों को राशन बांटते हैं। यदि सेल्समैन गड़बड़ कर तो उसका साथ कोई नहीं देता लेकिन मध्य प्रदेश में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग चाहता है कि सेल्समैन भ्रष्टाचार करें। पिछले दो दिनों में 3 जिला आपूर्ति अधिकारियों को सेल्समैन से रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। मामले का खुलासा भी इसलिए हुआ क्योंकि रिश्वत की रकम वसूलने के लिए दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार की कार्रवाई शुरू की गई, FIR का डर दिखाया गया और फिर ₹50000 रिश्वत मांगी गई जो सेल्समैन के हिसाब से बहुत ज्यादा थी।
सबसे पहले कार्रवाई की तलवार लटकाई
झाबुआ जिले के ग्राम नेगड़िया निवासी मनोज ताहेड़ (32 वर्ष), मेंहदीखेड़ा स्थित शासकीय उचित मूल्य की दुकान (कोड 2104088) पर सेल्समैन थे। 19 सितंबर 2025 को जिला आपूर्ति अधिकारी ने बिना किसी सूचना के दुकान को निलंबित कर दिया और इसे दूसरी दुकान में संलग्न कर दिया। कारण जानने के लिए आवेदक मनोज जब कलेक्टर कार्यालय पहुंचा, तो उसकी मुलाकात सहायक सेल्समैन जितेंद्र नायक से हुई।
फिर एजेंट से डील करवाई
नायक ने जितेंद्र से कहा कि निलंबन हटाने और FIR रोकने का इंतजाम हो सकता है, लेकिन इसके लिए “खर्चा-पानी” देना पड़ेगा। कुछ देर बाद नायक लौटा और बताया कि उसने “साहब” यानी जिला आपूर्ति अधिकारी आशीष आजाद से बात कर ली है। सौदा एक लाख रुपये पर तय हुआ है। नायक ने साफ कहा कि साहब खुद नहीं मिलेंगे, सारी डील उसी से करनी होगी।
शिकायत, सत्यापन और ट्रैप
आवेदक जितेंद्र ने पूरा मामला 21 सितंबर को लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय को लिखित शिकायत में बताया। लोकायुक्त के सत्यापन में आरोप सही पाए गए। इसके बाद गुरुवार 25 सितंबर 2025 को विशेष ट्रैप दल ने योजना बनाकर झाबुआ जिला आपूर्ति कार्यालय में दबिश दी और आरोपी आशीष आजाद व जितेंद्र नायक को ₹50 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया।
जिला आपूर्ति अधिकारी आशीष आजाद और जितेंद्र नायक के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला
जिला आपूर्ति अधिकारी आशीष आजाद और सहायक सेल्समैन जितेंद्र नायक दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 और धारा 61(2) बी.एन.एस. 2023 के तहत प्रकरण दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। इस कार्रवाई में निरीक्षक रेनू अग्रवाल, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, आरक्षक पवन पटोरिया, आरक्षक मनीष माथुर, आरक्षक आशीष आर्य और आरक्षक कृष्णा अहिरवार शामिल रहे।
कल आलीराजपुर में पकड़ाया था जिला आपूर्ति अधिकारी रामा अवास्या
गौरतलब है कि बुधवार (24 सितंबर 2025) को आलीराजपुर कनिष्ठ जिला आपूर्ति अधिकारी रामा अवास्या को भी लोकायुक्त टीम ने ₹50 हजार की घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। लगातार दो दिनों में अलीराजपुर- झाबुआ दोनों जनजातीय बहुल पड़ोसी जिलों में जिला आपूर्ति अधिकारी पकड़े जाने से यह साफ हो गया है कि अंचल में भ्रष्टाचार पर लोकायुक्त का शिकंजा कसने के बावजूद अधिकारी सुधरने को तैयार नहीं हैं।